NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अन्न महोत्सव: मुफ़लिसी का मंगलगान, सरकारी खर्च पर हिंदुत्व प्रचार
“उतना ही खाद्यान्न मुफ़्त मिला जितना पहले मिलता आ रहा था। मुफ़्त सिर्फ़ एक थैला मिला है, जो पहले नहीं मिला था। थैला देने के बदले सरकार अगर मुफ़्त खाद्यान्न बढ़ा कर देती तो ज़्यादा अच्छा होता।”
असद रिज़वी
29 Aug 2021
अन्न महोत्सव: मुफ़लिसी का मंगलगान, सरकारी खर्च पर हिंदुत्व प्रचार

उत्तर प्रदेश में हुए “अन्न महोत्सव” में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वर्चूअल” भाषण के लिए राशन दुकानदारों ने हज़ारों रुपये ख़र्च किए। लेकिन अभी तक इस ख़र्च की अदायगी नहीं की गई है। दुकानदारों के पैसे पर हुए इस कार्यक्रम में जमकर “हिंदुत्व” का प्रचार भी किया गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 अगस्त को “अन्न महोत्सव” के दौरान राशन दुकानों पर जमा लाभार्थियों को संबोधित करते हुए “हिंदुत्व” के एजेंडा का प्रचार भी किया था। दोनों ने ही खाद्यान्न के लिए जमा ज़रूरतमंदो को अयोध्या में “राम मंदिर निर्माण” और कश्मीर में “370” का हटाना सरकारी उपलब्धियों के रूप में गिनाया।

इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए शासन द्वारा राशन दुकानदारों को निर्देशित किया गया था कि वह अपनी दुकानों की सजावट करें और लाभार्थियों के बैठने का प्रबंध करें। इसके अलावा दुकानों पर टेलिविज़न का प्रबंध भी करना था, जिस पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री का वर्चूअल भाषण सीधा सुना जाना था।

दुकानदारों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए उनके हज़ारों रुपये ख़र्च हो गए। दुकानों को ग़ुब्बारों और फूलों आदि से सजाया गया अथवा टेलिविज़न आदि का प्रबंध किया। इसके अलावा दुकान में जगह कम होने की स्थिति में लाभार्थियों के बैठने के लिए टेंट और कुर्सियाँ आदि किराये पर मँगाई थी।

उचित मूल्य की दुकानों (फेयर प्राइज़ शॉप)  के मालिकों का कहना है कि इस कार्यक्रम के प्रबंध में प्रत्येक दुकानदार के क़रीब 5-10 हज़ार रुपये ख़र्च हुए। जिसकी अदायगी उनको अभी तक नहीं की गई है।

दुकानदार संतोष कुमार कहते हैं कि अन्न महोत्सव का प्रबंध करने के लिए उनको सरकारी अधिकारियों से आदेश मिला था। जिसके बाद उन्होंने व अन्य दुकानदारों ने कार्यक्रम का प्रबंध किया। जिसमें उनके 7-8 हजार रुपये खर्च हुए। संतोष बताते  हैं कि अब इस पैसे के भुगतान के लिए दुकानदार अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन वहाँ से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला रहा है। 

सरकार का दावा है कि “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना” के तहत 5 अगस्त को राज्य में 80,000 राशन की दुकानों से 3,36,92,183 से अधिक लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया था।दावा है कि 80,40,816 से अधिक राशन कार्डों पर लगभग 1,68,459 मीट्रिक टन अनाज वितरित किया गया। सरकार का कहना है कि महोत्सव के माध्यम से करीब 15 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन देने का लक्ष्य हैं।

हालाँकि दुकानदार राजेश तिवारी कहते हैं कि सरकार पहले से ही कोविड-19 महामारी के दौरान मुफ़्त खाद्यान्न उपलब्ध करा रही थी।अन्न महोत्सव में कुछ नया नहीं था, केवल विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर के एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को शायद पहली बार इतना खाद्यान्न बांटा गया।

राजेश और संतोष दोनों ने बताया कि इस कार्यक्रम में नया केवल यह था कि लाभार्थियों को 25 किलो भार क्षमता वाले वाटरप्रूफ व टिकाऊ थैले मुफ़्त (फ़्री) दिए गये थे जिन पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी बनी हुई हैं। हालाँकि सरकार की तरफ़ से मिले थैले इतने कम थे कि अभी तक सभी लाभार्थियों को इन्हें उपलब्ध नहीं कराया जा सका है।

प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति वीणा कुमारी मीणा ने न्यूज़क्लिक को बताया कि सरकार को सजावट के भुगतान के लिए अभी तक दुकानदारों द्वारा भेजा गया कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि “अगर दुकानदार भुगतान की माँग कर रहे हैं तो विचार किया जा सकता है”। प्रमुख सचिव ने बताया कि मुफ़्त राशन पहले भी दिया जा रहा था और अगर सरकार का आदेश हुआ तो आगे भी मुफ़्त वितरण जारी रहेगा।

लाभार्थी  मीरा देवी और रचना कहती हैं कि उनको वही खाद्यान्न मुफ़्त मिला जो उनको पहले मिलता आ रहा था। वह बताती हैं कि मुफ़्त सिर्फ़ एक थैला मिला है, जो पहले नहीं मिला था। रचना के अनुसार “हमको “थैला” देने के बदले सरकार अगर मुफ़्त “खाद्यान्न” बढ़ा कर देती तो ज़्यादा अच्छा होता।” उनके अनुसार उनको प्रति यूनिट (ईकाइ) 3 किलो चावल, 2 किलो गेहूं मिला है। खाद्यान्न की गुणवत्ता की शिकायत करते हुए दोनों ने कहा कि चावल और गेहूं दोनों में कंकड़ भरे हुए थे।

हालाँकि अन्न महोत्सव के मौक़े पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों के भाषणों में हिन्दुत्व व भगवा की राजनीति का रंग देखा गया। प्रधानमंत्री मोदी  ने 5 अगस्त को हुए विशेष कार्यक्रम व उपलब्धियों की तुलना “अन्न महोत्सव” से की और कहा कि दो वर्ष पूर्व 5 अगस्त को ही जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा गया था। मोदी ने कहा कि 2020 में इसी दिन भव्य राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास हुआ था।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि 5 अगस्त 2021 को ओलंपिक में हमारे हॉकी खिलाड़ियों ने पदक जीतकर पुराने गौरव को हासिल किया है। उन्होंने कहा यह संयोग है कि आज ही यूपी के 15 करोड़ लोगों के लिए अन्न वितरण का आयोजन किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी मुफ़्त खाद्यान्न के लाभार्थियों को वर्चुअल तरीक़े से अयोध्या से संबोधित किया। मुख्यमंत्री योगी ने भी लाभार्थियों के साथ बात करते हुए 5 अगस्त की तारीख पर भी प्रकाश डाला और याद किया कि इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया था।

जबकि विपक्षी पार्टियों ने सरकारी धन से हो रहे खाद्यान्न वितरण को “मुफ़्त” कहने और कार्यक्रम में “हिन्दुत्व” रंग देने का विरोध किया। कांग्रेसी नेता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि जितने का खाद्यान्न वितरण नहीं हुआ उससे ज़्यादा पैसों का प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तस्वीर वाला थैला बांटा गया है। उन्होंने कहा कि “कर-दाताओं के पैसे से होने वाले वितरण को “मुफ़्त” कहना ग़लत है और ऐसे कार्यक्रमो में “भगवा” राजनीति निंदनीय है। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस कार्यक्रम पर प्रसन्न नहीं होना चाहिए, बल्कि यह सोचना चाहिए कि उनकी ग़लत नीतियों के कारण कितनी बड़ी संख्या में लोग आर्थिक तंगी से गुज़र रहे हैं जिनको खाद्यान्न के लिए लंबी-लंबी क़तारों में खड़ा होना पड़ता है।

समाजवादी पार्टी ने भी खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम को भाजपा का चुनावी अभियान करार दिया था। सपा नेता अब्दुल हफ़ीज़ गांधी का कहना है कि भाजपा सरकारी ख़ज़ाने पर अपना चुनाव प्रचार कर रही है। गांधी ने आगे कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा जनता के धन से हुए कार्यक्रम में “राम मंदिर” बनाने की बात करना अनैतिक और असंवैधानिक है।

UttarPradesh
Yogi Adityanath
Narendra modi
UP ELections 2022
Ann Mahotsav

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"


बाकी खबरें

  • election
    न्यूज़क्लिक टीम
    पंजाब के असली मुद्दों से भटकाने की है बड़ी साज़िशः धर्मवीर गांधी
    20 Feb 2022
    ख़ास इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने पंजाब में पटियाला के पूर्व सांसद (आप) धर्मवीर गांधी से बातचीत की। इसमें उन्होंने आप के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब की राजनीति को मुद्दों से…
  • silver sheet
    समीना खान
    चांदी का वरक़: ऑनलाइन प्रोडक्ट की चमक ने फीका किया पारंपरिक कारोबार
    20 Feb 2022
    लखनऊ और वाराणसी की जिन तंग गलियों में कभी चांदी का वरक कूटने की ठक-ठक हुआ करती थी, वहां अब ख़ामोशी है। वरक़ कूटने का कारोबार लगभग ख़त्म हो गया है। शुद्ध चांदी के वरक़ को बनाने के लिए लगातार तीन घंटे तक…
  • SBI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: 23 हज़ार करोड़ के बैंकिंग घोटाले से लेकर केजरीवाल के सर्वे तक..
    20 Feb 2022
    हर हफ़्ते कुछ ऐसी खबरें होतीं हैं जो पीछे छूट जाती हैं जिन पर बात करना उतना ही ज़रूरी है। ऐसी ही खबरों को एक साथ लाए हैं अनिल जैन..
  • Advertising
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता
    20 Feb 2022
    ...और विकास भी इतना अधिक हुआ कि वह भी लोगों को दिखाई नहीं पड़ा, विज्ञापनों से ही दिखाना पड़ा। लोगों को तो नारियल फोड़ने से फूटने वाली सड़कें दिखाई दीं पर सरकार ने विज्ञापनों में हवाई जहाज उतारती…
  • cartoon
    आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: ... यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता
    20 Feb 2022
    दोस्त दोस्त न रहा...ये रोना और गाना पुराना हो गया है अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के संदर्भ में। आज तो यही शेर याद आता है कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी/ यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License