NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
कृषि क़ानून-विरोधी प्रदर्शन: केरल के 1,000 से अधिक किसान 11 जनवरी को दिल्ली के लिए होंगे रवाना
केरल के किसानों का एक जत्था 11 जनवरी को शाहजहांपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए रवाना होगा वहीं दूसरा जत्था 21 जनवरी को अपनी यात्रा शुरू करेगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Jan 2021
कृषि क़ानून-विरोधी प्रदर्शन

कई राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर हाल में पारित हुए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वहीं केरल के किसानों ने भी इनके साथ आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है। अपनी आजीविका को बचाने के लिए हाड़ कापती ठंड में 26 नवंबर से सड़कों पर उतरे आंदोलनकारी किसानों के साथ शामिल होने के लिए केरल के 1,000 से अधिक किसान दिल्ली रवाना होंगे। इस क्रम में किसानों का पहला जत्था 11 जनवरी को कन्नूर से सड़क के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना होगा।

केरल कर्षका संघम के सचिव केएन बालगोपाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “राज्य के विभिन्न हिस्सों के किसान कन्नूर में इकट्ठा होंगे और 11 जनवरी को सड़क के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना होंगे। किसानों का दूसरा जत्था 21 जनवरी को रवाना होगा।” केरल कर्षका संघम अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की प्रांतीय इकाई है जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का सबसे अग्रणी संगठन है।

किसान बस से जाएंगे और दिल्ली पहुंचने में तीन दिन लगेंगे। केरल से किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे जहां किसान डेरा डाले हुए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

राज्य सभा सदस्य और केरल कर्षका संघम के अध्यक्ष केके रागेश ने कहा, 'प्रारंभ में इस विरोध प्रदर्शन को पंजाबी किसानों का बताने की कोशिश की गई थी क्योंकि पंजाब के किसान मुख्य रूप से सिंघु बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। जब हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने घोषणा की थी कि हरियाणा का कोई भी व्यक्ति इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है तो हरियाणा के किसानों ने दिल्ली का मार्च किया और वे टिकरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। उत्तर प्रदेश के किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसानों का एक अन्य दल पलवल बॉर्डर पर डेरा डाले हुए है।” उन्होंने कहा, "बाद में जब राजस्थान में स्थानीय निकाय चुनाव समाप्त हो गए तो किसानों ने जयपुर और दिल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के जरिए दिल्ली का मार्च किया। इन किसानों को शाहजहांपुर में रोक दिया गया है। नासिक के किसान भी वहां शामिल हुए हैं और केरल के किसान भी शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।”

रागेश ने आगे कहा, ये संघर्ष एक विशेष राज्य का नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान लगभग सभी राज्यों में और दिल्ली की तरफ कूच करते हुए "कॉर्पोरेट समर्थक" कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।

केरल में किसान 12 दिसंबर से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल सम्युक्त कर्षका समिति जो अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) का हिस्सा है वह देश भर के किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए तिरुवनंतपुरम में शहीद स्तम्भ के पास विरोध प्रदर्शन करता रहा है। बाद में 23 दिसंबर को राज्य भर के सभी जिला केंद्रों पर इस तरह के विरोध प्रदर्शन शुरू किए गए जो हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक हुए थे। हालांकि किसानों के नेतृत्व में ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन राजनीतिक मतभेदों के बीच समाज के सभी वर्गों ने एकजुटता व्यक्त की है।

इससे पहले, केरल पाइनएपल फार्मर्स एसोसिएशन के बैनर तले केरल पाइनएपल फार्मर्स ने प्रदर्शनकारियों के बीच मुफ्त में बांटने के लिए फलों से लदा एक ट्रक भेजा था। लगभग 16 टन वजाकुलम से भेजे गए थे जिसे एशिया के सबसे बड़े अनानास बाजार के रूप में जाना जाता है और यहां एक अनानास अनुसंधान केंद्र है। केरल के अनानास किसानों के इस नेक काम ने कईयों का दिल जीत लिया है लेकिन इन किसानों ने ऐसा करने को अपना कर्तव्य समझते हैं।

Anti-farmer laws
Farm Law
Farmers’ Protest
Delhi Farmers Protest
Kerala Farmers Protest
Kerala Karshaka Sangham

Related Stories

महाराष्ट्र: किसानों की एक और जीत, किसान विरोधी बिल वापस लेने को एमवीए सरकार मजबूर

जीत गया किसान, नफरत हार गई!

अभूतपूर्व भारत बंद: क्या आप अब भी कहेंगे कि ये तीन राज्यों या चुनिंदा किसानों का आंदोलन है!

किसानों के ‘भारत बंद’ का दिख रहा है देशभर में व्यापक असर

कृषि कानूनों का एक साल, कैसे शुरू हुआ किसान आंदोलन

देशभर में 'काला दिवस' को मिला व्यापक समर्थन, मोदी सरकार के पुतले जलाए गए

ग्राउंड रिपोर्ट: नाराज़गी और मलाल के बीच राजस्थान के किसान लंबी लड़ाई के लिए तैयार

किसान आंदोलन: शहीद जवानों और किसानों की याद में कैंडल मार्च

महाराष्ट्र महापड़ाव: मुंबई के आज़ाद मैदान पहुंचा हज़ारों किसानों का जत्था, आंदोलन जारी

जनता संसद का विशेष किसान सत्र


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License