NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
असम: बलात्कार आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा किसी के सम्मान से ऊपर नहीं
पद्म पुरस्कार से सम्मानित उद्धव कुमार भराली पर अपनी ही गोद ली गई नाबालिग बच्ची से बलात्कार का आरोप लगा है। इस मामले में भराली पर तब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई, जब तक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने मामला नहीं ले जाया गया।
सोनिया यादव
06 Jan 2022
Uddhab Bharali

असम में विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में 140 से अधिक इनोवेशन, लगभग 460 मशीनरी के पेटेंट और साल 2019 में पद्म पुरस्कार से सम्मानित उद्धव कुमार भराली पर अपनी ही गोद ली गई नाबालिग बच्ची से बलात्कार का आरोप लगा है। भराली पर नॉर्थ लखीमपुर थाने में बाल यौन शोषण संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) की धारा 6 और आईपीसी की धारा 354/376(i)/376(j)/376(k) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि इस मामले में भराली पर तब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई, जब तक मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने मामला नहीं ले जाया गया। हैरानी की बात तो यह है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इसे एक गंभीर मामला मानने के बावजूद भराली की समाज में प्रतिष्ठा और उनके द्वारा किए उल्लेखनीय कामों को देखते हुए जमानत दे दी। अब इस मामले की शुक्रवार यानी 7 जनवरी को होगी।

पूरा मामला क्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पद्म पुरस्कार विजेता भराली पर आरोप है कि उन्होंने कई महीने पहले गोद ली हुई एक नाबालिग लड़की के साथ रेप किया। इन आरोपों में कहा गया है कि पीड़िता जब भराली की देखरेख में उनके घर पर रह रही थी उस दौरान उनके के साथ एक साल तक यौन उत्पीड़न किया गया।

दरअसल, यह मामला दर्ज होने के बाद गिरफ़्तारी से बचने के लिए भराली ने गुवाहाटी हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए गुहार लगाई थी। इस पर जस्टिस अरुण देव चौधरी की अदालत ने 28 दिसंबर को भराली को सशर्त जमानत देते हुए 7 जनवरी को केस डायरी दाख़िल करने का आदेश दिया है।

अदालत में सरकारी वकील ने भराली को अग्रिम जमानत देने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस तरह के गंभीर आरोपों के मामले में किसी व्यक्ति के 'सोशल स्टेटस' पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

भराली के वकील का क्या कहना है?

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत के आदेश की कॉपी में भराली के वकील ए एम बोरा ने अपना तर्क देते हुए कहा है कि "पद्मश्री" जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित भराली के पास 460 मशीनरी का पेटेंट है।

वकील बोरा के अनुसार, सीडब्ल्यूसी, लखीमपुर कार्यालय के अनुरोध पर ही भराली ने दो लड़कियों को पालन-पोषण के लिए अपने घर पर रखा था। साल 2020 के फोस्टर केयर से संबंधित एक आदेश के बाद से दोनों लड़कियां भराली के परिवार के सदस्यों के रूप में उनके घर रह रही थीं।

वकील बोरा का कहना है कि उसके बाद बाल कल्याण समिति के साथ कुछ विवाद हुआ और दोनों लड़कियों को इस साल 28 अक्टूबर को वापस सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया गया। हालांकि असम पुलिस ने एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की शिकायत के आधार पर भराली के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया है। ऐसी जानकारी है कि 17 दिसंबर को ज़िला क़ानूनी सेवा प्राधिकरण ने मजिस्ट्रेट को इस मामले की जानकारी दी थी।

पुलिस का क्या कहना है?

असम पुलिस ने उद्धव कुमार भराली के ख़िलाफ़ नाबालिग से बलात्कार का मामला दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक ये मामला बाल यौन शोषण संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) की धारा 6 और आईपीसी की धारा 354/376(i)/376(j)/376(k) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार यह मामला पहली बार तब सामने आया जब सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने 30 नवंबर को पीड़िता के बयान के साथ जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण से संपर्क किया और उनसे उपलब्ध कानूनी उपायों में मदद करने का अनुरोध किया।

रिपोर्ट के मुताबिक जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के अनुसार ये 'आरोप' बेहद गंभीर थे। एक जानकारी के अनुसार पुलिस ने अभियुक्त भराली का बयान दर्ज किया है। फिलहाल पीड़िता को विशेष पुलिस सुरक्षा में बाल गृह में रखा गया है।

“किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की क़ीमत पर नहीं"

गौरतलब है कि प्रिया रमानी एम.जे. अकबर केस में अदालत ने साफ शब्दों में कहा था कि सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति भी यौन शोषण कर सकता है। अदालत के मुताबिक, “किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा किसी के सम्मान की क़ीमत पर नहीं की जा सकती है।”

इस मामले में अदालत ने अपना फ़ैसला सुनाते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं थीं, जो निश्चित तौर महिलाओं के आत्मसम्मान और यौन शोषण की गंभीरता को समझने के लिए जरूरी हैं। अदालत का ये फ़ैसला इस मायने में भी अहम है कि किसी भी ऊंचे पद पर आसीन व्यक्ति अपनी शक्ति या संसाधनों का इस्तेमाल कर किसी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कतई अधिकार नहीं रखता। हालांकि भराली मामले में अदालत के फैसले का अभी इंतजार रहेगा। उम्मीद है प्रिया रमानी केस की तरह ही यहां भी न्याय होगा।

इसे भी पढ़ें: प्रिया रमानी की जीत महिलाओं की जीत है, शोषण-उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सच्चाई की जीत है!

Assam
Uddhab Bharali
rape case
POCSO Act
crimes against women
violence against women

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

यूपी: अयोध्या में चरमराई क़ानून व्यवस्था, कहीं मासूम से बलात्कार तो कहीं युवक की पीट-पीट कर हत्या

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर


बाकी खबरें

  • भाषा
    आकार पटेल ने सीबीआई के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दाख़िल की
    08 Apr 2022
    पटेल के वकील ने दावा किया था कि उनके मुवक्किल को बृहस्पतिवार रात एक हवाई अड्डे पर रोका गया और उन्हें सूचित किया गया कि सीबीआई ने एलओसी वापस नहीं लिया है। 
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: भूख है तो सब्र कर रोटी नहीं तो क्या हुआ...
    08 Apr 2022
    संसद में विपक्षी सांसद महंगाई, नफरत, बेरोजगारी, पत्रकारों पर बढ़ते हमले पर बात करने का निवेदन करते हैं लेकिन माननीय सभापति महोदय मुस्कुरा कर टालते जाते हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    पश्चिम बनाम रूस मसले पर भारत की दुविधा
    08 Apr 2022
    नई दिल्ली को स्पष्ट हो जाना चाहिए और इस वास्तविकता को समझ लेना चाहिए कि यूक्रेन संघर्ष इंडो-पैसिफ़िक रणनीति का ही एक ख़ाका है।
  • भाषा
    संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस को शीर्ष मानवाधिकार संस्था से निलंबित किया
    08 Apr 2022
    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पकिस्तान: उच्चतम न्यायालय से झटके के बाद इमरान ने बुलाई कैबिनेट की मीटिंग
    08 Apr 2022
    उच्चतम न्यायालय के इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द करने के बाद, इमरान ने आज यानी शुक्रवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License