NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
राजनीति
जेएनयू के समर्थन में बीएचयू : छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन
मंगलवार, 12 नवंबर को बीएचयू के छात्रों ने जेएनयू के छात्रों के अंदोलन का समर्थन करते हुए लंका गेट पर प्रदर्शन किया। आज 13 नवंबर को भी यहां प्रदर्शन होना है। इसके अलावा जेएनयू छात्र 14 नवंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे के तौर पर मनाने जा रहे हैं। जिसे देशभर के छात्र संगठनों द्वारा समर्थन मिल रहा है।
सोनिया यादव
13 Nov 2019
BHU stands with JNU

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस वृद्धि पर छिड़ा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां जेएनयू प्रशासन ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है तो वहीं अब जेएनयू छात्रों के समर्थन और उनके साथ हुए पुलिसिया दमन के खिलाफ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्र भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं।

मंगलवार, 12 नवंबर को बीएचयू के छात्रों ने जेएनयू के छात्रों के अंदोलन का समर्थन करते हुए लंका गेट पर प्रदर्शन किया। इसके बाद छात्रों ने रविदास गेट होते हुए महिला महाविद्यालय तक विरोध मार्च भी निकाला। इस दौरान छात्रों ने केंद्र सरकार पर छात्र विरोधी नीतियों को लेकर जमकर निशाना साधा और नारेबाजी भी की।

प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि मौजूदा सरकार देश के तमाम सरकारी शिक्षण संस्थानों का निज़ीकरण करना चाहती है। सरकार शिक्षा के अधिकार को केवल अमीरों तक सीमित रखना चाहती है इसलिए लगातार विश्वविद्यालयों की फीस में बेतहाशा बढ़ोतरी की जा रही है ताकि वंचित, शोषित और गरीब परिवारों के बच्चें न पढ़-लिख सकें।

bhu_protest-2_5355029-m.jpg
बीएचयू छात्र और एनएसयूआई छात्र नेता विकास सिंह के अनुसार बुधवार 13 नवंबर को भी बीएचयू के छात्र जेएनयू, आईआईटी बीएचयू समेत सभी प्राविधिक संस्थानों, उत्तराखंड के मेडिकल कालेजों समेत देश के तमाम उच्च शिक्षण संस्थानों में हुई फीस वृद्धि और आंदोलनरत छात्रों के ऊपर हुए बर्बर लाठीचार्ज, पुलिसिया दमन के खिलाफ शाम 5बजे काशी हिन्दू  विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार लंका गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

बीएचयू के छात्र विवेक अग्निहोत्री ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘हम जेएनयू के छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हैं। हम सरकार और पुलिस की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हैं। हम छात्रों से प्रशासन सीधा संवाद क्यों नहीं करता, क्यों हमारी आवाजों को सड़क पर उतरने से पहले नहीं सुना जा सकता'।

bhu_protest-3_5355029-m.jpg
प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने जिस तरह छात्र-छात्राओं पर लाठी चार्ज किया है और उन पर वॉटर केनन का इस्तेमाल हुआ है ये बेहद निंदनीय है। 'हम सब छात्र हैं, कोई मुज़रिम नहीं'। लड़कियों के साथ बहुत बदसुलूकी हुई है, कहां है महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले हमारे नेता।'

बीएचयू के छात्र प्रवीण कुमार का कहना है, ‘ हमारी मांग है कि निरंतर हो रही फीस वृद्धि को वापस लिया जाए और गरीब छात्रों को पढ़ाई का उचित माहौल प्रदान किया जाए। जब जेएनयू प्रशासन खुद मानता है कि वहां लगभग 40 प्रतिशत छात्र निम्न आय वर्ग से आते हैं तो प्रशासन कैसे हॉस्टल की फीस इतनी बढ़ा सकता है?’

पीएचडी की पढ़ाई कर रहे छात्र आकाश ने बताया, 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में भी सेल्फ फाइनांस कोर्स तथा पेड सीट के नाम पर अत्यधिक फीस ली जा रही है। हमारी मांग है की इसे खत्म कर बाकी कोर्स के बराबर फीस को किया जाए। सरकार इस तरह के कदम से देश के गरीब, दलित एवं वंचित तबके के छात्रों को उच्चतर शिक्षा से दूर कर रही है।

इसे पढ़ें : जेएनयू के छात्र क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

गौरतलब है कि हॉस्टल फीस वृद्धी को लेकर जेएनयू के छात्र बीते 28 अक्तूबर से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार, 11 नवंबर, जेएनयू के दीक्षांत समारोह के दिन कैंपस के बाहर छात्रों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब छात्र बड़े प्रदर्शन की तैयारी में हैं। जेएनयू छात्र 14 नवंबर को नेशनल प्रोटेस्ट डे के तौर पर मनाने जा रहे हैं। जिसे देशभर के छात्र संगठनों द्वारा समर्थन मिल रहा है।

BHU
JNU
Student Protests
Fee Hike
MHRD
education system
central university

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

हिमाचल: प्राइवेट स्कूलों में फ़ीस वृद्धि के विरुद्ध अभिभावकों का ज़ोरदार प्रदर्शन, मिला आश्वासन 

बीएचयू : सेंट्रल हिंदू स्कूल के दाख़िले में लॉटरी सिस्टम के ख़िलाफ़ छात्र, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत


बाकी खबरें

  • बी. सिवरामन
    खाद्य मुद्रास्फीति संकट को और बढ़ाएगा रूस-यूक्रेन युद्ध
    04 Apr 2022
    सिर्फ़ भारत में ही नहीं, खाद्य मुद्रास्फीति अब वैश्विक मुद्दा है। यह बीजिंग रिव्यू के ताजा अंक की कवर स्टोरी है। संयोग से वह कुछ दिन पहले न्यूयॉर्क टाइम्स की भी एक प्रमुख कहानी बन गई।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: सांप्रदायिकता का विकास क्या विकास नहीं है!
    04 Apr 2022
    वो नेहरू-गांधियों वाला पुराना इंडिया था, जिसमें सांप्रदायिकता को तरक्की का और खासतौर पर आधुनिक उद्योग-धंधों की तरक्की का, दुश्मन माना जाता था। पर अब और नहीं। नये इंडिया में ऐसे अंधविश्वास नहीं चलते।
  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों के सामने ही ख़ाक हो गई उनकी मेहनत, उनकी फसलें, प्रशासन से नहीं मिल पाई पर्याप्त मदद
    04 Apr 2022
    "हमारी ज़िंदगी ही खेती है। जब खेती बर्बाद होती है तो हमारी समूची ज़िंदगी तबाह हो जाती है। सिर्फ़ एक ज़िंदगी नहीं, समूचा परिवार तबाह हो जाता है। पक चुकी गेहूं की फसल की मडाई की तैयारी चल रही थी। आग लगी…
  • भाषा
    इमरान खान के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने पर सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय
    04 Apr 2022
    पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है। इससे कुछ ही देर पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के…
  • शिरीष खरे
    कोविड-19 टीकाकरण : एक साल बाद भी भ्रांतियां और भय क्यों?
    04 Apr 2022
    महाराष्ट्र के पिलखाना जैसे गांवों में टीकाकरण के तहत 'हर-घर दस्तक' के बावजूद गिने-चुने लोगों ने ही कोविड का टीका लगवाया। सवाल है कि कोविड रोधी टीकाकरण अभियान के एक साल बाद भी यह स्थिति क्यों?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License