NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भाजपा ने 2019-20 में 4,847 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति घोषित की : एडीआर
द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें भाजपा की संपत्ति सबसे ज़्यादा है। 
भाषा
28 Jan 2022
bjp

नयी दिल्ली: चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर के अनुसार, भाजपा ने वित्त वर्ष 2019-20 में 4,847.78 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की, जो सभी राजनीतिक दलों में सर्वाधिक है, इसके बाद बसपा ने 698.33 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की है।
        
द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। 
         
विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति क्रमशः 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी।
        
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि सात राष्ट्रीय दलों में, सबसे अधिक संपत्ति भाजपा (4847.78 करोड़ रुपये या 69.37 प्रतिशत), बसपा (698.33 करोड़ रुपये या 9.99 प्रतिशत) और कांग्रेस (588.16 करोड़ या 8.42 प्रतिशत) द्वारा घोषित की गई थी। 
        
एडीआर के मुताबिक 44 क्षेत्रीय दलों में से, शीर्ष 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये या उन सभी द्वारा घोषित कुल का 95.27 प्रतिशत थी।
        
वित्तीय वर्ष 2019-20 में, क्षेत्रीय दलों में, समाजवादी पार्टी द्वारा सबसे अधिक संपत्ति 563.47 करोड़ रुपये (26.46 प्रतिशत) घोषित की गई, इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की।
        
वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा सबसे ज्यादा 1,639.51 करोड़ रुपये (76.99 प्रतिशत) था।
        
वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/सावधि जमा श्रेणी के तहत, भाजपा और बसपा ने क्रमश: 3,253.00 करोड़ रुपये और 618.86 करोड़ रुपये की घोषणा की जो सभी राष्ट्रीय दलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपये इस श्रेणी में घोषित किए।
        
क्षेत्रीय दलों में सपा (434.219 करोड़ रुपये), टीआरएस (256.01 करोड़ रुपये), अन्नाद्रमुक (246.90 करोड़ रुपये), द्रमुक (162.425 करोड़ रुपये), शिवसेना (148.46 करोड़ रुपये), बीजद (118.425 करोड़ रुपये) जैसे राजनीतिक दल एफडीआर/सावधि जमा के तहत उच्चतम संपत्ति घोषित करने वालों में शामिल हैं।
        
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल देनदारी 134.93 करोड़ रुपये है।
        
एडीआर के मुताबिक, “राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 74.27 करोड़ रुपये की कुल देनदारियों की घोषणा की। राष्ट्रीय दलों ने उधार के तहत 4.26 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 70.01 करोड़ रुपये की घोषणा की। वित्त वर्ष 2019-20 में, कांग्रेस ने 49.55 करोड़ रुपये (66.72 प्रतिशत) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, उसके बाद एआईटीसी ने 11.32 करोड़ रुपये (15.24 प्रतिशत) की देनदारी की घोषणा की।”
        
उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों ने कुल 60.66 करोड़ रुपये की कुल देनदारी की घोषणा की। 
        
एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक, “क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में उधार के तहत 30.29 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 30.37 करोड़ रुपये की घोषणा की, जिसमें टीडीपी ने 30.342 करोड़ रुपये (50.02 प्रतिशत) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद डीएमके ने 8.05 करोड़ रुपये (13.27 प्रतिशत) की देनदारी की घोषणा की।”

BJP
ADR

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • rakeh tikait
    लाल बहादुर सिंह
    यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार
    11 Feb 2022
    पहले चरण के मतदान की रपटों से साफ़ है कि साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण वोटिंग पैटर्न का निर्धारक तत्व नहीं रहा, बल्कि किसान-आंदोलन और मोदी-योगी का दमन, कुशासन, बेरोजगारी, महंगाई ही गेम-चेंजर रहे।
  • BJP
    वर्षा सिंह
    उत्तराखंड चुनाव: भाजपा के घोषणा पत्र में लव-लैंड जिहाद का मुद्दा तो कांग्रेस में सत्ता से दूर रहने की टीस
    11 Feb 2022
    “बीजेपी के घोषणा पत्र का मुख्य आकर्षण कथित लव जिहाद और लैंड जिहाद है। इसी पर उन्हें वोटों का ध्रुवीकरण करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी घोषणा पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया में लव-लैड जिहाद को…
  • LIC
    वी. श्रीधर
    LIC आईपीओ: सोने की मुर्गी कौड़ी के भाव लगाना
    11 Feb 2022
    जैसा कि मोदी सरकार एलआईसी के आईपीओ को लांच करने की तैयारी में लगी है, जो कि भारत में निजीकरण की अब तक की सबसे बड़ी कवायद है। ऐसे में आशंका है कि इस बेशक़ीमती संस्थान की कीमत को इसके वास्तविक मूल्य से…
  • china olampic
    चार्ल्स जू
    कैसे चीन पश्चिम के लिए ओलंपिक दैत्य बना
    11 Feb 2022
    ओलंपिक का इतिहास, चीन और वैश्विक दक्षिण के संघर्ष को बताता है। यह संघर्ष अमेरिका और दूसरे साम्राज्यवादी देशों द्वारा उन्हें और उनके तंत्र को वैक्लपिक तंत्र की मान्यता देने के बारे में था। 
  • Uttarakhand
    मुकुंद झा
    उत्तराखंड चुनाव : जंगली जानवरों से मुश्किल में किसान, सरकार से भारी नाराज़गी
    11 Feb 2022
    पूरे राज्य के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, मंडी, बढ़ती खेती लागत के साथ ही पहाड़ों में जंगली जानवरों का प्रकोप और लगातार बंजर होती खेती की ज़मीन जैसे तमाम मुद्दे लिए अहम हैं, जिन्हें इस सरकार ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License