NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
चुनाव 2022
भारत
राजनीति
उत्तराखंड में बीजेपी को बहुमत लेकिन मुख्यमंत्री धामी नहीं बचा सके अपनी सीट
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 70 में 37 सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं। इनमें से 25 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है और 22 पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस 11 सीटों पर जीत हासिल कर 18 पर आगे चल रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Mar 2022
pushker

उत्तराखंड विधानसभा की स्थिति लगभग साफ हो गई है। एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है। 70 में से 37 सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं। इनमें से 25 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है और 22 पर आगे चल रही है। वहीं कांग्रेस 11 सीटों पर जीत हासिल कर 18 पर आगे चल रही है।

70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को समाप्त होना है। इस चुनाव में मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी में थी परन्तु कई सीटों पर निर्दलीय और आम आदमी पार्टी, बसपा ने कांग्रेस का खेल ख़राब किया। इस पूरे चुनाव परिणाम को देखें तो एक बात स्पष्ट है कि लगभग 15 से 18 सीटे ऐसी थी जिसपर कांग्रेस की हार की वजह निर्दलीय और स्थानीय पार्टी बनीं क्योंकि उन सीटों पर जो जीत का अंतर था, उससे कहीं अधिक वोट तीसरे पक्ष को मिला।

चुनाव से पहले बीजेपी के लिए उत्तराखंड चुनाव सबसे ज्यादा चुनौती पूर्ण बना हुआ था, क्योंकि यहां हर पांच साल पर सत्ता बदलने की रिवायत दो दशक से चली आ रही है। लेकिन इस बार ये टूट गई है ,बीजेपी ने लगातार दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है। उत्तराखंड में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीट जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई जबकि विपक्षी दल कांग्रेस को 11 सीटें मिली थी।

इस चुनाव में कई चौकाने वाले निर्णय दिए है कई कद्द्वार नेता अपनी सीट तक नहीं बचा पाए है। यहाँ तक कि राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री और बीजेपी के तरफ से इस चुनाव में चेहरा रहे पुष्कर सिंह धामी, कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री के दावेदार हरीश रावत और आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री कर्नल अजय कोठियाल भी अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं।

जैसा कि ज़मीनी स्थिति से पता चला, इस पूरे चुनाव स्थानीय स्तर पर राज्य सरकार से भारी नाराज़गी थी लेकिन वो अपने राष्ट्रीय नेतृत्व के सहारे एक बार फिर इस चुनाव में अपना परचम लहराहने में कामयाब रही। 

परन्तु  इन सबके बीच एक सवाल बना हुआ है कि जो सवाल आम जान मानस के थे उनका क्या होगा? क्योंकि पुरे प्रदेश में खासकर पहाड़ में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार एक गंभीर सवाल बना हुआ है। लेकिन इन मुद्दों पर मतदान होता नहीं दिखा। एक बार फिर लोगो ने केंद सरकार की छवि और उनकी योजना के सहारे ही मतदान किया। इस पूरे चुनाव को अगर देखें तो यह बीजेपी की जीत से अधिक कांग्रेस की हार है।  

बीजेपी के खिलाफ ज़मीन पर भारी नाराज़गी थी, यही वजह रही कि उन्हें अपने तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे। सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन चार साल के बाद उन्हें हटाकर बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को सत्ता की कमान सौंपी और महज कुछ ही महीने में रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया। यह बताता है कि पार्टी नेतृत्व भी समझ रहा था कि स्थानीय स्तर पर जनता में भारी रोष है। ऐसे माहौल में भी कांग्रेस द्वारा चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में न कर पाना उनकी अकुशलता को दिखाता है।

कांग्रेस इस पूरे चुनाव में पाने अंतरकलह और द्वंद से जूझती रही। केंद्रीय नेतृत्व ने भी उत्तराखंड चुनाव को उस प्राथमिकता से नहीं लिया।

कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत की अंतिम तक सीट का ही चयन नहीं हो पाया बिलकुल अंतिम समय में उन्हें लालकुंआ भेजा गया जहाँ से वो चुनाव हार गए हैं। चुनाव के अंतिम समय तक कांग्रेस पार्टी तय नहीं कर पाई की उसे चुनाव हरीश रावत के नेतृत्व लड़ना है या सामूहिक नेतृत्व में, जिसने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और उनके समर्थको में एक भ्रम की स्थिति बनाई।

कांग्रेस के लिए यह पांचो राज्यों का चुनाव परिणाम बहुत ख़राब रहा है। इस प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हम सिर्फ चुनाव हारे हैं, हिम्मत नहीं, हम जीत मिलने तक लड़ना जारी रखेंगे और नई रणनीति के साथ लौटेंगे।"

 

Uttrakhand
Assembly Eelections
BJP
Congress

Related Stories

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम: हिंदुत्व की लहर या विपक्ष का ढीलापन?

यूपीः किसान आंदोलन और गठबंधन के गढ़ में भी भाजपा को महज़ 18 सीटों का हुआ नुक़सान

जनादेश-2022: रोटी बनाम स्वाधीनता या रोटी और स्वाधीनता

पंजाब : कांग्रेस की हार और ‘आप’ की जीत के मायने

यूपी चुनाव : पूर्वांचल में हर दांव रहा नाकाम, न गठबंधन-न गोलबंदी आया काम !

उत्तराखंड में भाजपा को पूर्ण बहुमत के बीच कुछ ज़रूरी सवाल

गोवा में फिर से भाजपा सरकार

त्वरित टिप्पणी: जनता के मुद्दों पर राजनीति करना और जीतना होता जा रहा है मुश्किल


बाकी खबरें

  • भाषा
    हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा
    02 Jun 2022
    भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।
  • अजय कुमार
    क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?
    02 Jun 2022
    सवाल यही उठता है कि जब देश में 90 प्रतिशत लोगों की मासिक आमदनी 25 हजार से कम है, लेबर फोर्स से देश की 54 करोड़ आबादी बाहर है, तो महंगाई के केवल इस कारण को ज्यादा तवज्जो क्यों दी जाए कि जब 'कम सामान और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 
    02 Jun 2022
    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। केरल में ढ़ाई महीने और महाराष्ट्र में क़रीब साढ़े तीन महीने बाद कोरोना के एक हज़ार से ज्यादा मामले सामने…
  • एम. के. भद्रकुमार
    बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
    02 Jun 2022
    एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट
    02 Jun 2022
    नर्मदा का पानी पीने से कैंसर का खतरा, घरेलू कार्यों के लिए भी अयोग्य, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मेधा पाटकर बोलीं- नर्मदा का शुद्धिकरण करोड़ो के फंड से नहीं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट रोकने से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License