NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
11 राज्यों की 59 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा 40 से ज्यादा सीटों पर आगे
भाजपा ने मध्य प्रदेश की 28 सीटों में से 21, गुजरात की सभी आठ और उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में से छह सीटों पर बढ़त बनाई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Nov 2020
भाजपा

दिल्ली: भाजपा ने 11 राज्यों की 59 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मंगलवार को शुरू हुई मतगणना में बढ़त बना ली है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक पार्टी 40 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है, जिनमें से मध्यप्रदेश की 28 सीटों में से 21 सीटें भी शामिल हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा गुजरात की सभी आठ सीटों के लिए हुए उपचुनाव में आगे चल रही है जबकि सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा छह सीटों पर आगे है।

अधिकारियों ने बताया कि इन सीटों पर 3 नवंबर को मतदान हुआ था और मंगलवार सुबह 8 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हुई। उन्होंने बताया कि मतगणना स्थल पर लोगों की संख्या सीमित की गई है और कड़ाई से सामाजिक दूरी का अनुपालन कराया जा रहा है।

मणिपुर की पांच सीटों, हरियाणा-तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की एक-एक सीट, झारखंड-कर्नाटक-नगालैंड और ओडिशा की दो-दो सीटों पर संपन्न उपचुनाव के लिए भी मतगणना हो रही है।

मध्य प्रदेश

इस चुनावी जंग में पार्टियों का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है, खासतौर पर मध्य प्रदेश में जहां शिवराज सिंह चौहान नीत भाजपा सरकार का अस्तित्व इन नतीजों पर निर्भर करेगा। राज्य में 28 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव कराया गया है। चुनाव आयोग द्वारा जारी रुझानों के मुताबिक इनमें से 21 सीटों पर भाजपा, छह पर कांग्रेस और एक सीट पर बसपा आगे चल रही है।

राज्य में पहली बार एक साथ इतनी सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। इस उप चुनाव के बाद विधानसभा सदस्यों की प्रभावी संख्या 229 हो जाएगी जबकि भाजपा के इस समय 107 विधायक हैं और उसे अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए कम से कम आठ सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी।

अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह अहम चुनाव है क्योंकि उनके पाला बदलने से कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। इन सीटों पर भाजपा की 300 (डबरा) से लेकर 17,000(बदनावर) मतों की बढ़त है।

गुजरात

गुजरात में आठ विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए हो रही मतगणना के रुझानों के मुताबिक भाजपा सभी सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही है।

गुजरात विधानसभा की आठ सीटों- अबडासा (कच्छ), लिंबडी (सुरेंद्रनगर), मोरबी (मोरबी जिला), धारी (अमरेली), गढ़दा (बोटाद), करजन (वडोदरा), डांग (डांग जिला) और कपराडा (वलसाड)-के लिए 3 नवंबर को हुए उपचुनाव में 60.75 प्रतिशत मतदान हुआ था।

उत्तर प्रदेश

राज्य विधानसभा की सात सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा छह पर जबकि समाजवादी पार्टी एक सीट पर आगे है।

नौगांव सादात, टूंडला, बांगरमउ, बुलंदशहर, देवरिया, घाटमपुर और मल्हनी विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए कुल 88 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से मल्हनी को छोड़ बाकी सीटों पर भाजपा का कब्जा था। मल्हनी पर समाजवादी पार्टी जीती थी। अभी इसी सीट पर सपा आगे चल रही है।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को भाजपा पर धांधली में शामिल होने का आरोप लगाया था।

मणिपुर

चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक मणिपुर में सत्तारूढ़ भाजपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज कर ली है जबकि दो अन्य पर आगे चल रही है। वहीं एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी बढ़त बनाए हुए है। यहां की चार सीटों पर विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की वजह से उपचुनाव अनिवार्य हो गया था।

कर्नाटक

भाजपा यहां की दोनों सीटों पर उपचुनाव में बढ़त बनाए हुए है। हालांकि, इन उपचुनावों के नतीजों से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा नीत भाजपा सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन नतीजों को कई धड़ों में सरकार के प्रदर्शन के तौर पर देखा जाएगा, खासतौर पर महामारी के संदर्भ में।

कर्नाटक विधानसभा की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उनमें से एक-एक सीट कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के पास थी. सिरा सीट पर यहां से निर्वाचित जद (एस) के विधायक बी सत्यनरायण का अगस्त महीने में निधन होने और आरआर नगर में तत्कालीन कांग्रेस विधायक एन मुणिरत्ना के दल-बदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने की वजह से उपचुनाव कराया गया है.

झारखंड

झारखंड उपचुनाव में दुमका एवं बेरमो दोनों ही विधानसभा सीटें सत्ताधारी गठबंधन ने जीती। दुमका में हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन और बोकारो के बेरमो सीट पर कांग्रेस के अनूप सिंह ने जीत दर्ज की

ओडिशा

ओडिशा में बालासोर और तीर्तोल विधानसभा सीटों पर राज्य में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के उम्मीदवार भाजपा के अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं। हालांकि, भाजपा के राज्य महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने दावा किया कि मतदाता सत्तारूढ़ पार्टी से ऊब चुके हैं और दोनों सीटों पर उनकी पार्टी को जीत मिलेगी। वहीं बीजद नेता डीपी मिश्रा ने कहा कि मतदाता अपने इलाके में तीव्र विकास चाहते हैं।

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की मारवाही विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए हो रही मतगणना में सत्ताधारी दल कांग्रेस आगे है। यह सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से खाली हुई थी।

नगालैंड

कोहिमा जिले की सदर्न अंगामी-1 और किफिरे जिले की पुंगरो किफिरे सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। दोनों सीटें विधायक विखो-ओ-योशु और टी टोरेछू के निधन की वजह से खाली हुई थी।

तेलंगाना

तेलंगाना की दुब्बाक सीट से भाजपा आगे है। इस सीट पर सत्तारूढ़ टीआरएस और विपक्षी कांग्रेस व भाजपा का त्रिकोणीय मुकाबला है।

इस सीट से निर्वाचित हुए टीआरएस के विधायक सोलीपेटा रामालिंगा रेड्डी का अगस्त में निधन होने की वजह से तीन नवंबर को यहां मतदान कराया गया। टीआरएस ने इस सीट से रामालिंगा रेड्डी की पत्नी सुजाता को प्रत्याशी बनाया है।

हरियाणा

हरियाणा की एकमात्र सीट बरोदा पर हुए चुनाव में कांग्रेस की इंदु राज नरवाल ने जीत दर्ज की है। यह सीट कृष्ण हुड्डा के निधन की वजह से खाली हुई थी जो वर्ष 2009, 201 और 2019 में यहां से निर्वाचित हुए थे। नरवाल का भाजपा के प्रत्याशी और ओलंपिक में कुश्ती के पदक विजेता योगेश्वर दत्त से मुकाबला था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

By-elections
BJP
Madhya Pradesh
Gujrat
UttarPradesh
manipur
karnataka
Jharkhand
Odisha
Chattisgarh
Nagaland
Telangana
Haryana

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • Goa
    न्यूज़क्लिक टीम
    गोवा चुनावः क्या है मछली बेचने वालों के मुद्दे और भाजपा का रिपोर्ट कार्ड?
    04 Feb 2022
    गोवा एक तटीय प्रदेश है। बड़ी आबादी मछली कारोबार से जुड़ी हैं। लेकिन बावजूद इसके इनके मुद्दे पूरी चुनाव चर्चा से गायब हैं। हमने मापसा की मछली मार्केट में कुछ मछली बेचने वालों के साथ बात की है कि उनके…
  • journalist bodies
    ऋत्विका मित्रा
    प्रेस की आजादी खतरे में है, 2021 में 6 पत्रकार मारे गए: रिपोर्ट 
    04 Feb 2022
    छह पत्रकारों में से कम से कम चार की कथित तौर पर उनकी पत्रकारिता से संबंधित कार्यों की वजह से हत्या कर दी गई थी। 
  • Modi
    नीलांजन मुखोपाध्याय
    उत्तर प्रदेश चुनाव: बिना अपवाद मोदी ने फिर चुनावी अभियान धार्मिक ध्रुवीकरण पर केंद्रित किया
    04 Feb 2022
    31 जनवरी को अपनी "आभासी रैली" में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में पिछले समाजवादी पार्टी के "शासनकाल के डर का जिक्र" छेड़ा, जिसके ज़रिए कुछ जातियों और उपजातियों को मुस्लिमों के साथ मिलने से…
  • russia china
    एम. के. भद्रकुमार
    रुस-चीन साझेदारी क्यों प्रभावी है
    04 Feb 2022
    व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को होने वाली मुलाक़ात विश्व राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होने जा रही है।
  •  Lucknow
    असद रिज़वी
    यूपी चुनाव: लखनऊ में इस बार आसान नहीं है भाजपा की राह...
    04 Feb 2022
    वैसे तो लखनऊ काफ़ी समय से भगवा पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन 2012 में सपा की लहर में उसको काफ़ी नुक़सान भी हुआ था। इस बार भी माना जा रहा है, भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License