NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
डेविड वोरहोल्ट
23 Apr 2022
WIMBELDON

हम दो मुद्दों पर स्पष्ट रहें: 1. खेल और राजनीति मौलिक रूप से और बिना किसी अपवाद के अविभाज्य हैं। 2.यूक्रेन पर रूस का आक्रमण एक भयानक युद्ध है, जिसकी निंदा अवश्य की जानी चाहिए- जैसा कि इसके लिए सबसे पहले और सबसे महत्त्वपूर्ण जवाबदेह व्यक्ति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं। 

लेकिन रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों का बहिष्कार एक बहुत ही गलत संकेत देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम उन व्यक्तियों के बारे में बात कर रहे हैं, जिसकी किसी संस्था से उसके सीधे जुड़ाव या उनकी एक्टिविस्ट पृष्ठभूमि की जांच किए बिना ही युद्ध-विशेष के लिए दंडित किया जा रहा है और उनके देशों के राजनीतिक नेताओं की कारगुजारियों के लिए सजा दी जा रही है, जिनके साथ उनका कोई प्रत्यक्ष संपर्क नहीं है- न ही एथलीटों के रूप में, और न ही एक निजी नागरिक के रूप में। इसलिए प्रतिबंध लगाने का संगठन का इरादा सही हो सकता है, लेकिन उसे यह भी देखना चाहिए कि इससे बेकसूर लोग प्रभावित हो रहे हैं। 

गलत सामूहिक सजा

रूसी और बेलारूसी एथलीटों की बोली-वाणी और काम निश्चित रूप से मायने रखते हैं, सिर्फ इसलिए कि उनकी लोगों में ऊंची हैसियत है। इसलिए, उन दोनों देशों के एथलीटों के लिए अपने राजनीतिक नेताओं के कार्यों से खुद को दूर करना अपेक्षित है- लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। 

फिर भी विंबलडन का फैसला जाहिर करता है कि एक व्यक्ति के रुख से कोई फर्क नहीं पड़ता है।

(डीडब्ल्यू स्पोर्ट्स रिपोर्टर डेविड वॉरहोल्ट) 

रूस के आक्रमण के कुछ ही समय बाद, पुरुषों की विश्व रैंकिंग में नंबर 1 खिलाड़ी रहे डेनियल मेदवेदेव, ने बताया कि उनके लिए हर सुबह "घर से मिली बुरी खबर" के साथ जागना कितना मुश्किल था। बाद में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया कि 'मैं शांतिप्रिय व्यक्ति हूं'।  उन्होंने अपने इंस्टाग्राम खाते का उपयोग "दुनिया के हर बच्चे" की ओर से "देशों के बीच शांति" स्थापित करने के लिए भी किया है। 

निश्चित रूप से, यह रूस के आक्रमण के जिम्मेदार लोगों की एक कड़े शब्दों में की गई निंदा नहीं है, लेकिन उन्होंने कम से कम युद्ध की निंदा तो की। इसमें उनका स्व-हित भी हो सकता है, लेकिन उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता है। 

और यहां तक कि अगर एक एथलीट खुद को दूर करने में विफल रहता है, तो व्यक्ति सीधे घटनाओं से जुड़ा नहीं है, निश्चित रूप से जो हो रहा है, उसके लिए जिम्मेदार नहीं है और इसलिए उनके लिए दंडित होने के लायक नहीं है। दरअसल, यह एक व्यक्ति के गुनाह की सामूहिक सजा है- करे कोई भरे कोई वाली बात है, और इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

स्पोर्टिंग एसोसिएशन या व्यक्तिगत एथलीट?

रूस-यूक्रेन युद्ध से स्तब्ध दुनिया में, जिसमें खेल की दुनिया भी शामिल है, उसमें एक स्टैंड लेना मायने रखता है। यूरोपीय फुटबॉल की शासी निकाय यूईएफए रूसी एफए को बाहर करने का अधिकार था और इसलिए ज़ेनिट सेंट पीटर्सबर्ग जैसी टीमों को अगली सूचना तक सभी प्रतियोगिताओं से बाहर रखा गया था। रूसी और बेलारूसी एथलीटों को पैरालंपिक से भी बाहर करना सही होता। हालांकि टेनिस खिलाड़ियों के विपरीत, व्यक्तिगत एथलीट इससे प्रभावित हुए होंगे, पैरालंपियन अपनी राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

रूसी संघों के खिलाफ अन्य खेलों में भी प्रतिबंध सही ढंग से लगाए गए हैं। लेकिन इस सोच-विचार को अलग-अलग एथलीटों पर लागू नहीं किया जा सकता है। आखिरकार, राष्ट्रीय खेल संघ या अन्य राज्य और गैर- राज्य खेल संगठन एक जिम्मेदारी का वहन करते हैं जबकि एक व्यक्तिगत रूप से टेनिस खेलने वाला यह जवाबदेही वहन नहीं करता है। 

सामूहिक सजा और प्रतीकात्मक राजनीति

डेविस कप से रूसी टीम को बाहर करना सही होगा परंतु डेनिल मेदवेदेव को एकल टूर्नामेंट से बाहर करना गलत है। टेनिस की दो अलग-अलग घटनाओं के दो अलग-अलग निष्कर्ष हैं। इसका आधार यह है कि डेविस कप में खिलाड़ी अपने देश और राष्ट्रीय संघ के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, तब भी जब वह एकल मैच खेलते हैं। यह पैरालिंपियन के बराबर है, जो व्यक्तिगत एथलीट होने के बावजूद अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और अपनी राष्ट्रीय समिति का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

विंबलडन और अन्य ग्रैंड स्लैम में-साथ ही एटीपी या डब्ल्यूटीए टूर के अन्य सभी टूर्नामेंट में, खिलाड़ी अपनी ओर से कड़ाई से प्रतिस्पर्धा करते हैं। इनमें मिलने वाली पुरस्कार राशि और विश्व रैंकिंग व्यक्तिगत रूप से किसी भी राष्ट्रीय टीम या महासंघ को नहीं जाती हैं- जैसा कि किसी भी दंड का मूल्यांकन आकलन किया जा सकता है। 

(विंबलडन एक ऐसा ग्रैंड स्लैम है, जो घास के मैदान में खेला जाता है)

इस तर्क के आधार पर, पुरुषों (एटीपी) और महिला (डब्ल्यूटीए) खिलाड़ियों के संघों ने तेजी से प्रतिक्रिया व्यक्त की और उनकी यह प्रतिक्रिया विंबलडन आयोजकों के निर्णय के खिलाफ है। 

एटीपी ने जोर देकर कहा कि वह रूस के युद्ध के समान व्यवहार की कड़ी निंदा करता है परंतु विंबलडन का निर्णय "भेदभाव" के बराबर है। वहीं, डब्ल्यूटीए ने भी कहा कि वह इस कदम से 'बहुत निराश' है। 

एक तटस्थता के साथ प्रतिस्पर्धा?

प्रतिबंध लगाने के पीछे की प्रेरणा सही हो सकती है, लेकिन आयोजक इसे एक अलग दृष्टिकोण से शुरू कर सकते थे- उदाहरण के लिए, प्रायोजकों और रूसी व्यवसायों के बीच किसी तार के होने, राजनीति और व्लादिमीर पुतिन के आसपास के शक्ति चक्र के बीच संभावित कनेक्शन की जांच करके। इतना ही नहीं, लेकिन ऑल इंग्लैंड क्लब रूसी और बेलारूसी खिलाड़ी आधिकारिक तौर पर एक तटस्थ ध्वज के तहत प्रतिस्पर्धा करते हैं, जैसा कि वर्तमान में एटीपी और डब्ल्यूटीए-संगठित टूर्नामेंट के मामले में है।

यह एथलीटों के साथ भेदभाव किए जाने का मामला है, जो पूरी तरह से उनकी राष्ट्रीयता पर आधारित है- सामूहिक सजा और उत्कृष्ट प्रतीकात्मक राजनीति। जरा सोचिए अगर विंबलडन आयोजकों को चर्च रोड प्रवेश द्वार पर पासपोर्ट की जांच करनी थी- और बेलारूस और रूस के लोगों को घुसने देने से इनकार करना था। क्या यह अकल्पनीय नहीं है? 

यह आलेख मूल जर्मन से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें:-

Opinion: Wimbledon's Ban Punishes the Wrong People

Wimbledon
Russia
Belarus
Daniil Medvedev
ATP
WTA
ukraine

Related Stories

आठ बार के चैम्पियन फेडरर को अगला विम्बलडन खेलने का भरोसा नहीं

अंकिता ने अपना पहला डब्ल्यूटीए खिताब जीता, शीर्ष 100 में जगह बनाना तय

फुटबॉल राउंड अप - सर्वेक्षण से उजागर हुआ है कि फुटबाल में महिलाएं लैंगिक भेदभाव का शिकार हैं


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License