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भारत
राजनीति
बंगाल ट्रेन दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने के लिए आगे आये ‘रेड वालंटियर्स’
जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल में दुर्घटना में घायल यात्रियों को यथासंभव मदद पहुंचाने के लिए आपातकालीन स्थिति में रक्तदान करने के लिए करीब चालीस रेड वालंटियर्स फौरन पहुंचे।  
संदीप चक्रवर्ती
15 Jan 2022
Red Volunteers

उत्तरी बंगाल में डोमोहोनी पुल और मैनागुरी के पास हुए घातक बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन दुर्घटना के कुछ मिनटों के भीतर ही रेड वालंटियर्स हरकत में आ गये। रेड वालंटियर्स की टीम के द्वरा घायलों के उपचार का इंतजाम करने और आसपास के क्षेत्रों से स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (डीवाईऍफ़आई) के कार्यालयों में रक्त संग्रह शिविर के आयोजन किये गए। मैनागुरी बाज़ार इलाके में स्थित ये कार्यालय सारी रात भर घायलों को मदद पहुंचाने के लिए खुले रहे।

आम जनता से मदद की अपील के लिए पांच रेड वालंटियर्स के नाम को साझा किये गए थे। कई वालंटियरों ने घायलों के लिए रक्तदान की जरूरत हेतु रेल प्रशासन से भी संपर्क बना रखा था। इसके अलावा, 40 रेड वालंटियरों ने दुर्घटना में घायल यात्रियों के लिए रक्त की आपूर्ति की जरूरत को पूरा करने के लिए जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल में आपातकालीन आधार पर रक्तदान किया। इस भयानक ट्रेन हादसे में अभी तक नौ लोगों की मौत हो जाने की खबर है और 50 से अधिक लोग अभी भी गंभीर रूप से घायल अवस्था में हैं।

रेड वालंटियर्स, वामपंथी कार्यकर्ताओं का एक अर्ध-औपचारिक समूह है जिसे मार्च 2020 में गठित किया गया था। कोविड-19 महामारी की स्थिति से निपटने के लिए यह पश्चिम बंगाल में सक्रिय रहा है, जिसका काम मरीजों की जरूरतों और सरकारी बुनियादी ढाँचे के बीच की खाई को पाटने का निर्धारित किया गया था, जो महामारी की पिछली दो लहरों के दौरान, कई मौकों पर कम पड़ गया। एसएफआई जलपाईगुड़ी की स्थानीय कमेटी के सचिव अनिर्बन डे ने बताया कि दुर्घटना की खबर पाते ही कुछ ही मिनटों के भीतर वालंटियर्स एसएफआई कार्यालय में जमा हो गए थे।

इनमें से कुछ तो घायलों को रक्तदान करने के लिए सीधे जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के जलपाईगुड़ी जिला ब्लड बैंक पहुँच गए।इसी बीच एक के बाद एक कई घायलों को दुर्घटना स्थल से निकालकर इलाज के लिए जिला अस्पताल में लाने का सिलसिला शुरू हो लगा।अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, उस समय उपलब्ध रक्त का स्टॉक जरूरत के मुताबिक कम था। इस स्थिति से निपटने के लिए रेड वालंटियर्स ने रक्तदान की इच्छुक कई टीमों को तैयार करने का काम किया, और जरूरत पड़ने पर सीधे रक्त ट्रांसफ्यूजन के लिए भी प्रबंध किये। घायलों के परिजनों के लिए मैनागुरी एसएफआई कार्यालय में एक विशेष हेल्पलाइन नंबर और एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था, जहाँ से पल-पल के हालात का मुआयना किया जा रहा था।

सीपीआई(एम) मैनागुरी इलाका कमेटी की सचिव अपूर्बा रॉय दुर्घटनास्थल पर पहुँचीं और उन्होंने स्थिति का जायजा लेना शुरू किया। रेड वालंटियर्स की टीमों के साथ-साथ, उन्होंने वहां पर तैनात एनडीआरएफ की टीम के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों का काम करना शुरू कर दिया था। इससे पहले, स्थानीय ग्रामीणों की ओर से पटरी से उतरे डिब्बों में घुसने की कोशिश की जा चुकी थी, जो व्यर्थ साबित हुई।

शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना के घायल पीड़ितों की की मदद के लिए नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के सामने भी रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। 2020 में, प्रगतिशील सोच रखने वाले युवा लॉकडाउन से प्रभावित राज्य की आम जनता के पक्ष में खड़े होने के लिए आगे आये थे। कोलकाता सीपीआई(एम) के जिला सचिव एवं राज्य में रेड वालंटियर्स मुहिम के समर्थक, कल्लोल मजुमदार ने कहा, “यह करीब-करीब उन सभी के लिए एक समृद्ध, सूक्ष्म-स्तरीय अनुभव रहा क्योंकि उन्होंने आम लोगों को संकट से लड़ने में मदद की।” उन्होंने आगे बताया कि जब इस पहल की शुरुआत की जा रही थी, तो इसमें भाग लेने वाले नौजवानों को यह स्पष्ट नहीं था कि लोगों की क्या-क्या जरूरतें हो सकती हैं। “हालाँकि, तीन महीनों तक काम करते हुए, उन्हें उनकी जरूरतों के बारे में आवश्यक जानकारी मिल चुकी थी। अब तीसरी लहर की शुरुआत में वे पहले से अधिक तैयार हैं। इस बार, यदि एक विकेंद्रित ढाँचे के तहत, ये स्वंयसेवक जरुरतमंदों के साथ खड़े रह पाए, तो यह उनके लिए एक समृद्ध अनुभव प्रदान करने वाला साबित होगा।”

हालाँकि ट्रेन हादसा कहीं से भी कोविड-19 संकट से संबंधित नहीं था जिसके लिए इस रेड वालंटियर्स का गठन किया गया था, लेकिन इस दुःखद पटरी से उतरने की घटना में उनकी तत्परता कई लोगों की जान बचा पाने में निश्चित तौर पर काम आई है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस मूल आलेख को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें:

Red Volunteers Come to Aid of Bengal Train Accident Victims

SFI
DYFI
Red Volunteers
CPI(M)
North Bengal
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train accident
NDRF
COVID-19
Third Wave
Jalpaiguri

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