NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
भीमा कोरेगांव मामला: “भायखला जेल में कोरोना का बढ़ता संक्रमण चिंताजनक”
सुधा भारद्वाज के दोस्त और परिवार की ओर से मुम्बई की भायखला महिला जेल में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को लेकर गहरी चिंता जताई गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
27 Sep 2021
sudha bharadwaj

भीमा कोरेगांव मामले में जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज के मित्र और परिवार मुम्बई की भायखला महिला जेल में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की चिंताजनक और परेशान करने वाली खबर से बेहद चिंतित हैं, जिससे अधिकारियों को परिसर को सील करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

पिछले हफ्ते, जेल की निगरानी में, फोन पर हुई एक बातचीत में कोयल सेन को उनकी मां शोमा सेन ने सूचित किया गया था कि जेल के 20 कैदी संक्रमित थे, जो अब बढ़कर 39 हो गए हैं! शोमा सेन नागपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी की पूर्व प्रोफेसर हैं जिन्हें भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे पिछले तीन साल से बिना मुकदमे के भायखला जेल में बंद हैं।

आपको बता दें कि तीन महिला राजनीतिक कैदी, शोमा सेन, सुधा भारद्वाज और ज्योति जगताप, सभी को भीमा कोरेगांव मामले में पिछले तीन साल से बिना किसी मुकदमे और जमानत के गिरफ्तार करके भायखला जेल की महिला जेल में रखा गया है।

सुधा भारद्वाज के परिवार और दोस्त की ओर से मायशा सिंह, कलादास डेहरिया और विमल भाई के नाम से जारी एक बयान के अनुसार चिंताजनक रूप से, 20 संक्रमितों में से दो उस बैरक से हैं, जिसमें 61 वर्षीय शोमा सेन और 59 वर्षीय सुधा भारद्वाज सहित 40 वरिष्ठ महिला कैदी हैं। 40 वरिष्ठ नागरिक महिला कैदियों की बैरक पूरी तरह से टीकाकृत है। हालांकि दो पूरी तरह से टीकाकृत महिलाओं के वायरस संक्रमण ने जेल के अंदर सभी महिलाओं और उनके परिवारों को परेशान कर दिया है जो उनका घरों पर इंतजार कर रहे हैं।

शोमा सेन की अंतरिम मेडिकल जमानत, इस सप्ताह मंगलवार को एक विशेष एनआईए अदालत ने खारिज कर दी थी। जिसमें कहा गया था कि 'कोविड-19 अब और रिहाई का आधार नहीं हो सकता'। जमानत के लिए उनकी याचिका उच्च रक्तचाप (hypertension), रक्तचाप (blood pressure) और अन्य ऐसी सह-रुग्णताओं (other such co-morbidities) की उसकी चिकित्सा स्थिति के आधार पर थी। जिससे कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसी तर्ज पर, अन्य राजनीतिक कैदियों, गौतम नवलखा, आनंद तेलतुम्बडे, और वर्नोन गोंजाल्विस, सभी 60 वर्ष से ऊपर हैं और सह-रुग्णता से पीड़ित हैं, कि जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी गईं।

बयान के अनुसार जेलें कैदियों की स्थिति को संभालने के लिए सुसज्जित नहीं हैं, अगर वायरस का प्रकोप होता है, तो यह खतरनाक होगा। भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए 16 में से सात के सकारात्मक (positive) परीक्षण आये हैं। बड़ी निराशा के साथ हम 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को याद करते हैं, जिनकी मृत्यु कोविड संक्रमण के कारण हुई थी। अस्पताल में स्थानांतरित होने के 24 घंटे के भीतर उनका सकारात्मक परीक्षण आया और फादर स्टेन स्वामी ने 40 दिनों के भीतर अंतिम सांस ली।

बयान में कहा गया है कि “हम सभी संबंधित विभागों, प्रशासन से भीमा कोरेगांव के सभी वरिष्ठ और राजनीतिक बंदियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह करते हैं। इन सबने अपने जीवन का दो-तिहाई समय काम करते हुए और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए बेहतर जीवन स्थितियों में योगदान दिया है। जिसमें संवैधानिक ढांचे के भीतर उन्हें न्याय सुनिश्चित करना शामिल है। अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार की संवैधानिक गारंटी के तहत उनके बहुमूल्य जीवन की रक्षा की जानी चाहिए।

जेलों में वायरस फैलने के जोखिम को देखते हुए, हम जेलों की भीड़-भाड़ कम करने के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति से अनुरोध करते हैं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उक्त उद्देश्य के लिए कैदियों की रिहाई के लिए पहचाने गए कारणो की फिर से जांच करें”।

Bhima Koregaon
Sudha Bharadwaj
COVID-19
Coronavirus

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • yogi
    रोहित घोष
    यूपी चुनाव: योगी आदित्यनाथ बार-बार  क्यों कर रहे हैं 'डबल इंजन की सरकार' के वाक्यांश का इस्तेमाल?
    25 Feb 2022
    दोनों नेताओं के बीच स्पष्ट मतभेदों के बावजूद योगी आदित्यनाथ नरेंद्र मोदी के नाम का इसतेमाल करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि नरेंद्र मोदी अब भी जनता के बीच लोकप्रिय हैं, जबकि योगी…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर, युद्ध और दांवः Ukraine पर हमला और UP का आवारा पशु से गरमाया चुनाव
    24 Feb 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने Ukraine पर Russia द्वारा हमले से अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति की हार पर चर्चा की। साथ ही, Uttar Pradesh चुनावों में आवारा पशु, नौकरी के सवालों पर केंद्रित होती…
  • UP Elections
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी चुनाव 2022 : आवारा पशु हैं एक बड़ा मुद्दा
    24 Feb 2022
    न्यूज़क्लिक के इस ख़ास इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ संदीप पांडे से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। डॉ पांडेय ने…
  • russia ukrain
    अजय कुमार
    अमेरिकी लालच से पैदा हुआ रूस और यूक्रेन का तनाव, दुनिया पर क्या असर डाल सकता है?
    24 Feb 2022
    अमेरिका के लालच से पैदा हुआ रूस और यूक्रेन का तनाव अगर बहुत लंबे समय तक चलता रहा तो दुनिया के बहुत से मुल्कों में आम लोगों के जीवन जीने की लागत बहुत महँगी हो जाएगी।
  • Tribal Migrant Workers
    काशिफ काकवी
    मध्य प्रदेश के जनजातीय प्रवासी मज़दूरों के शोषण और यौन उत्पीड़न की कहानी
    24 Feb 2022
    गन्ना काटने वाले 300 मज़दूरों को महाराष्ट्र और कर्नाटक की मिलों से रिहा करवाया गया। इनमें से कई महिलाओं का यौन शोषण किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License