NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भोपाल गैस त्रासदी: 36 साल बाद भी सरकार की बेरुखी का सामना कर रहे हैं पीड़ित
भोपाल की गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में से एक है। तीन दिसंबर, 1984 को आधी रात के बाद यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली जहरीली गैस (मिक या मिथाइल आइसो साइनाइट) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Dec 2020
भोपाल गैस त्रासदी

पिछले 36 सालों से सरकार की बेरुखी का सामना कर रहे भोपाल गैस पीड़ितों के लिए साल 2020 एक कहर बनकर सामने आया है। 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 'जनता कर्फ्यू' की अपील के ठीक एक दिन बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल मेमोरियल अस्पताल को राज्य स्तरीय कोरोना उपचार केंद्र बना दिया। यह जानते हुए भी कि बीएमएचआरसी मध्य प्रदेश सरकार के अधीन नहीं है, 23 मार्च को कोविड 19 बीमारी की रोकथाम हेतु मध्य प्रदेश सरकार ने बीएमएचआरसी को राज्य स्तरीय कोविड-19 उपचार संस्थान के रूप में चिह्नित कर दिया।  

सरकार के इस निर्णय ने पहले से ही कई खतरनाक बीमारियों से लड़ रहे गैस पीड़ितों को झकझोर कर रख दिया। मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग सगंठन और भोपाल गैस पीड़ित सघंर्ष सहयोग समिति ने प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग, मध्य प्रदेश सरकार को इस आदेश को तुरंत निरस्त करने को लेकर पत्र लिखा।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में संज्ञान न लेता देख, भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन और भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति ने उच्चतम न्यायालय से मदद की गुहार लगाई। इस दौरान एक अन्य मामले के सुनवाई के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सामने अपनी बात रखने को कहा। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने अपने पूर्व के निर्णय को पलटते हुए भोपाल मेमोरियल अस्पताल में दोबारा से केवल भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार को शुरू करने का निर्णय 15 अप्रैल को लिया।

इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार का एक दूसरा फैसला जिसने गैस पीड़ितों की पीड़ा बढ़ाने का काम किया वो था दिसंबर 2019 से विधवा पेंशन की राशि को बंद कर देना। इस फैसले के खिलाफ बालकृष्ण नामदेव की संस्था भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा ने मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ कई प्रदर्शन किए और आज भी प्रमुखता से आवाज उठाने का काम कर रही है। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन और भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति ने इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से मदद की गुहार की।

बता दें कि भोपाल की गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में से एक है। तीन दिसंबर, 1984 को आधी रात के बाद यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली जहरीली गैस (मिक या मिथाइल आइसो साइनाइट) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। 

Bhopal
COVID-19
Bhopal gas tragedy
Bhopal Disaster
Bhopal COVID-19
Madhya Pradesh

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

परिक्रमा वासियों की नज़र से नर्मदा

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License