NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
हिसार किसानों की बड़ी जीत: प्रशासन ने बिना शर्त मांगी माफ़ी, सभी मुक़दमे होंगे वापस  
प्रशासन की तमाम रोक के बावजूद बड़ी संख्या में किसानों के हिसार में आने के कारण के दबाव में प्रशासन न सिर्फ किसानों से बातचीत करनी पड़ी बल्कि उनकी मांगें भी मान ली गयीं। इसी के साथ प्रशासन की तरफ से 16 मई की पुलिस कार्रवाई के लिए माफी मांगी गई।  
मुकुंद झा
24 May 2021
हिसार किसानों की बड़ी जीत

आज यानी सोमवार, 24 मई को हरियाणा के हिसार में एक बार फिर किसान और सरकार आमने सामने थे। हरियाणा सरकार द्वारा किसानों पर किये गए अत्याचार के खिलाफ हज़ारों की संख्या में किसान हिसार में एकजुट हुए। कल यानी रविवार से ही हरियाणा सरकार ने पुलिस बल व RAF के जरिए किसानों को डराना चाहा और पूरे हिसार की किलाबंदी की थी। खबरों के मुताबिक़ सरकार ने भारी पुलिस बल के अतिरिक्त 35  से अधिक रैपिड एक्शन की टीम को तैनात किया था परंतु किसानों के हौसले बुलंद थे और वे हजारों की संख्या में ट्रैक्टरों, कार, जीप ट्रकों के जरिये हिसार पहुंचे।

ये किसान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर केस दर्ज करने और किसानों पर हिंसक हमला करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे थे। इन किसानों ने इन मांगों को लेकर हिसार में अधिकारियों का घेराव किया। इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान क्रांतिमान पार्क हिसार पहुंचे किसान रामचंद्र खरब की मौत भी हो गई। कहा जा रहा है कि हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई।

आज किसानों के प्रतिनिधिमंडल और जिला प्रशासन के बीच चार घंटे से अधिक समय तक बातचीत चली। किसानों के प्रतिनिधिमंडल में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और स्थानीय किसान शामिल थे जिन्होंने प्रशासन के सामने अपना पक्ष रखा।

किसान और प्रशासन के बातचीत के बाद युवा किसान नेता और अखिल भारतीय किसान सभा के हरियाणा राज्य सचिव सुमित सिंह ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि अधिकारियों ने हमें आश्वासन दिया कि 16 मई को विरोध के संबंध में दर्ज सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे। इसी तरह, वे किसान आंदोलन से जुड़े पहले के मामलों को वापस लेने पर भी सहमत हुए। उन्होंने अलग-अलग अदालतों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हमसे एक महीने का समय मांगा है।

अधिकारी ट्रैक्टर और निजी वाहनों को हुए नुकसान के लिए भुगतान करने पर भी सहमत हुए। हालांकि, सबसे अहम बात यह रही कि पुलिस अधिकारियों ने पूरे प्रकरण के लिए बिना शर्त माफी मांगी।

संयुक्त मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी से जब लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों पर मामला दर्ज करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह तकनीकी रूप से अव्यावहारिक था क्योंकि अधिकारियों और किसानों के प्रदर्शनकारियों को एक ही प्राथमिकी में चिह्नित किया गया था। उन्होंने कहा- मैं यहां आने वाले हर व्यक्ति को सलाम करना चाहता हूं। हमने सचमुच उन्हें झुकने पर मजबूर किया। यह जीत उस बड़ी जीत के बीज बोएगी जो आने वाले दिनों में हमारा इंतजार कर रही है।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए, अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले ने कहा कि किसानों के लिए जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि लाठीचार्ज न केवल क्रूर था, बल्कि अनुचित भी था। उन्होंने कहा- “मैं कई किसानों से मिला जिन्होंने अपने घाव के निशान दिखाए। जो दिखाता था कि ये दमनात्मक कार्रवाई लोगों को घायल करने के लिए की गई थी, न कि तितर-बितर करने के लिए। बेशर्म मुख्यमंत्री चले गए और  शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी पर पुलिस को जुल्म करने का लाइसेंस मिल गया”।

इससे पहले दिन में, हजारों किसान 300 से अधिक अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए हिसार आयुक्त कार्यालय पहुंचे। दरअसल इन किसानों के खिलाफ 16 मई को शहर में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाने का आरोप लगाया गया है। जबकि किसान मुख्यमंत्री खट्टर के उस बयान से नाराज़ थे जिसमें कहा गया था कि किसान ग्रामीण इलाकों में कोरोनावायरस फैला रहे हैं, क्योंकि वे राष्ट्रीय राजधानी की सीमा पर विरोध स्थलों पर आ रहे हैं।

हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, रोहतक, सिरसा और जींद के किसान मय्यर और अन्य टोल प्लाजा पर जमा होने लगे थे और आयुक्त कार्यालय की ओर बढ़ने लगे थे। अंत में, वे भारी सुरक्षा के बीच कीर्तिमान पार्क में इकट्ठे हुए जहाँ उन्हें जोगिंदर सिंह उगराहन, राकेश टिकैत, अशोक धवले, गुरनाम सिंह चढूनी, बलबीर सिंह राजेवाल आदि नेताओ ने संबोधित किया। इस बीच, उपमुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद जब वे हवाई अड्डे की ओर बढ़े तो पुलिस अधिकारियों के साथ किसानों की तीखी नोकझोंक हुई। हालांकि, उनकी उपस्थिति के बारे में कोई पुष्टि नहीं की जा सकी।


प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को सरकार के कदमों के बारे में सतर्क रहना होगा क्योंकि वह अब दिल्ली में हो रहे विरोध प्रदर्शन को भटकाना चाहती है। उन्होंने कहा, "मैं क्यों चाहता हूं कि आप सतर्क रहें क्योंकि वे आपको कॉर्पोरेट के कारखानों के लिए सस्ते श्रम में बदलना चाहते हैं। मैंने हाल ही में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम का दौरा किया, जहां शहर के श्रमिकों और लोगों ने देश के विकास में योगदान के लिए जाने जाने वाले स्टील प्लांट के निजीकरण को रोक दिया। इसका बाजार मूल्य 3.5 लाख करोड़ रुपये है जबकि सरकार इसे 11,000 करोड़ रुपये में बेचना चाहती है। सचमुच मामूली दामों पर! इसलिए, कृपया सावधान रहें क्योंकि उन्हें किसी चीज़ की परवाह नहीं है। कृपया अपनी एक नजर खेतों पर और दूसरी किसान आंदोलन पर लगाएं। हम इस संघर्ष को सामूहिक रूप से ही जीतेंगे।"

बीकेयू राजेवाल के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने महत्वपूर्ण रूप से इस बात पर जोर दिया कि इस आंदोलन को पूरी दुनिया देख रही है और हम संघर्ष से क्या हासिल करते हैं। दुनिया ने, हाल के दिनों में, ऐसा आंदोलन कभी नहीं देखा, जहां लोगों ने इतने लंबे समय तक सीधे कॉरपोरेट से लड़ाई लड़ी हो। हम इस संघर्ष के छह महीने 26 मई को मनाएंगे। "

सैकड़ों किसान संगठनों के जॉइंट फोरम किसान संयुक्त मोर्चे जो इस किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है उसने अपने एक बयान में कहा सोशल मीडिया पर यह फैलाया गया कि सुरक्षा बलों की 35 बटालियन लगाई गई है, वहीं दूसरी तरह समाज की 36 बिरादरी की एकजुटता ने सिद्ध कर दिया कि लोग अब जबर जुल्म नहीं सहेंगे। सरकार इसके द्वारा जवानों और किसानों को लड़ाना भी चाहती है।

प्रशासन के साथ हुई आज बैठक में मुख्य रूप से 3 निर्णय हुए-

1. 16 मई की घटना से संबंधित किसानों पर दर्ज पुलिस मुक़दमे वापस लिए जाएंगे।

2.  शहीद हुए किसान रामचंद्र के परिवार के योग्य सदस्य को जिला प्रशासन द्वारा सरकारी नौकरी दी जाएगी।

3. किसानों की गाड़ियां जो पुलिस द्वारा तोड़ी गई थी, वह प्रशासन द्वारा ठीक करवाई जाएंगी।

संयुक्त मोर्चा ने यह भी कहा हरियाणा सरकार लगातार किसानों को बदनाम करती आ रही है। किसानों पर कोरोना फैलाने का इल्जाम भी लगाया गया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कारण राज्य में कोरोना फैल रहा है। अगर किसानों ने हड़ताल की है तो वह मुख्यमंत्री के आने पर की है। मुख्यमंत्री खुद अगर किसानों के खिलाफ बयानबाजी व झूठे मुकदमे बंद करें व कोरोना का सही ढंग से नियंत्रण करें तो किसान इस तरह सड़कों पर नहीं निकलेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत तमाम भाजपा व जजपा नेता ही इन सभी आंदोलनों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करते हैं। ताकि कोरोना का इल्जाम किसानों पर लगाया जा सके और खराब स्वास्थ्य प्रबंधन से ध्यान हटाया जा सके।

(सभी तस्वीर साभार सोशल मीडिया)

Hisar
Hisar Lathicharge
AIKS
SKM
BKU
haryana police
manohar laal khattar
rakesh tikait

Related Stories

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा


बाकी खबरें

  • तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    सत्यम् तिवारी
    तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    डाडा जलालपुर में महापंचायत/धर्म संसद नहीं हुई, एक तरफ़ वह हिन्दू हैं जो प्रशासन पर हिन्दू विरोधी होने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं, दूसरी तरफ़ वह मुसलमान हैं जो सोचते हैं कि यह तेज़ी प्रशासन ने 10 दिन पहले…
  • Taliban
    स्टीफन नेस्टलर
    तालिबान: महिला खिलाड़ियों के लिए जेल जैसे हालात, एथलीटों को मिल रहीं धमकियाँ
    27 Apr 2022
    तालिबान को अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण किए हुए आठ महीने बीत चुके हैं और इतने समय में ही ये देश समाचारों से बाहर हो गया है। ओलिंपिक में भाग लेने वाली पहली अफ़गान महिला फ्रिबा रेज़ाई बड़े दुख के साथ कहती हैं…
  • modi
    न्यूज़क्लिक टीम
    100 राजनयिकों की अपील: "खामोशी से बात नहीं बनेगी मोदी जी!"
    27 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार डिप्लोमैट्स द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गयी चिट्ठी पर बात कर रहे हैं।
  • Stan swamy
    अनिल अंशुमन
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण
    27 Apr 2022
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’ पुस्तक इस लिहाज से बेहद प्रासंगिक है क्योंकि इसमें फ़ादर स्टैन स्वामी द्वारा सरकारों की जन-विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ लिखे गए चर्चित निबंधों का महत्वपूर्ण संग्रह किया गया है…
  • SHOOTING RANGE
    रवि शंकर दुबे
    लखनऊ: अतंर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बना आवारा कुत्तों की नसबंदी का अड्डा
    27 Apr 2022
    राजधानी लखनऊ में बने अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज को इन दिनों आवारा कुत्तों की नसबंदी का केंद्र बना दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License