NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
अनिल अंशुमन
26 May 2022
Protest

बिहार की ‘सुशासन सरकार’ भी इन दिनों अमीरों की नगरी बसाने के वास्ते ‘गरीबों को हटाने के राजधर्म पालन’ करने का चैम्पियन बनने में पूरी तरह से आमादा है। जिसके प्रतिवाद में अब गरीबों ने भी ‘बुलडोज़र राज नहीं चलेगा’ के नारे के साथ ‘करो या मरो’ की तर्ज़ पर अपने संघर्ष का मोर्चा खोल दिया है। न सिर्फ जगह जगह विरोध सभाएं कर ‘जान देंगे ज़मीन देंगे’ का ऐलान किया जा रहा है बल्कि अपने बसावट के सबूत के तौर पर वे सभी ज़रूरी कागज़ात भी एकत्र कर प्रशासन को दिए जा रहे हैं जिसे वहाँ के निवासी होने के नाते खुद प्रशासन ने उन्हें दिए हैं।  

‘बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।

25 मई को अभियान की शुरुआत पटना के फुलवारी शरीफ के शबरी मोहल्ले में उक्त सम्मलेन आयोजन से किया गया। जिसमें भारी संख्या में उपस्थित गरीबों ने अपनी व्यथा रखते हुए बताया कि कैसे सरकार और प्रशासन जो एक और ये दावे करते हैं कि कोई गरीब नहीं है। सबकोज़मीन, राशन कार्ड व आधार कार्ड उपलब्ध करकर बिजली कनेक्शनदिया जा चुका है। आज उन्हें अतिक्रमणकारी कहकर पुलिस की लाठी-बंदूक के बल पर उजाड़ा जा रहा है। सम्मलेन से गरीबों को अतिक्रमणकारी कहे जाने के खिलाफ सबूत एकत्र करने के लिए व्यापक सर्वे कराने का भी प्रस्ताव लिया गया। इसकी भी शुरुआत वहां मौजूद लोगों ने माले विधायक गोपाल रविदास के पास अपने सभी सरकारी कागजात जमा किये।

गौरतलब है कि राजधानी पटना के कई इलाकों में इन दिनों गरीब व निम्न आय वाले परिवार काफी भय के साए में जी रहें हैं कि जाने कब प्रशासन बुलडोज़र लेकर उनके घरों को तहस नहस कर डाले। इसी क्रम में गंगा नदी के किनारों के सौंदर्यीकरण के नाम पर वर्षों से वहाँ बसे हुए लोगों को ज़मीन खाली करने का फरमान जारी किया गया है। पटना साहेब स्थित भद्र घाट से लेकर कंगना घाट तक गंगा के किनारे की ज़मीनों पर बसे हुए तमाम लोगों भी ऐसे ही फरमान दिए गए हैं।

बीते मंगलवार (24 मई) को पटना से सटे पटना साहिब के खाजेकलां से कंगना घाट के बीच रहने वाले अभी स्थानीय लोगों ने ‘खाजेकलां ज़मीनबचाओ संघर्ष सामिति’ के बैनर तले अपनी ज़मीनों के कागज़ लेकर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए आरोप लगाया कि- सरकार दमनात्मक रवैया अपनाकर हमारी ज़मीनें छीनना चाहती है। दिनरात की मेहनत से तिनका तिनका जोड़कर पुरखों की ज़मीन पर हमने अपने आशियाने बनाये हैं, इसे खाली नहीं करेंगे।

बीते शनिवार को सरकार व प्रशासन ने बुलडोज़र लाकर यहाँ के दर्जनों घरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इसी दौरान स्थानीय लोगों की गुहार पर भाकपा माले विषयक दल नेता महबूब आलम व विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में उच्च स्तरीय जांच टीम घटनास्थल पर पहुंची। जिनके तत्काल हस्तक्षेप से वहां गरीबों के घर ढा रहे बुलडोजरों को फिलहाल वापस लौटना पड़ा।

महबूब आलम ने घटनास्थल से ही कमिश्नर व डीएम से बात करके स्थिति की गंभीरता बताते हुए पूछा कि- संबलपुर थाना नम्बर 169/170 की जिस ज़मीन पर प्रशासन आकर बुलडोज़र चला रहा है वह पूरी तरह से गैर कानूनी है क्योंकि यहाँ की ज़मीन पूरी तरह से यहाँ के निवासियों की है। तमाम लोगों के पास सभी ज़रूरी कागज़ात मौजूद हैं। दाखिला खारिज किया जा चुका है और रसीद भी कट रही है। यहाँ तक की रजिस्टर 2 में भी सबके नाम चढ़े हुए हैं। फिर भी प्रशासन क्यों गरीबों के खिलाफ अपनी मनमानी पर उतारू है। प्रशासन ने इन्हें 24 मई तक का अल्टीमेटम दिया है। जिससे लोगों में काफी आक्रोश है। इसी का उदाहारण है कि आज हजारों लोगों ने कंगना घात से पटना सिटी तक विरोध मार्च निकालकर सड़क जाम किया गया।

ख़बरों के अनुसार आक्रोशित जनता ने स्थानीय भाजपा नन्द किशोर यादव के घर के बाहर उनके खिलाफ नारे लगाए।  बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और लोगों की भीड़ वहाँ से चली गयी।

प्रशासन के दमनात्मक रवैये का विरोध करते हुए माले नेताओं ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन को लगता है कि अतिक्रमण हुआ है तो न्यायिक प्रक्रिया में जाना चाहिए। लेकिन अचानक से पहुंचकर लोगों के बसे बसाए घर को तबाह करने की घटना ने साबित कर दिया है कि राज्य की सत्ता में बैठी सरकार को न तो गरीबों की कोई चिंता है और न ही संविधान और कानून की

फिलहाल, गरीबों के घरों पर राज्य सरकार के बुलडोज़रों का चलना निरंतर जारी है लेकिन, बुलडोज़र राज के खिलाफ गरीबों के संघर्ष का मोर्चा के दायरे का भी बढ़ना लगातार जारी है।

वैसे बिहार की ‘सुशासन’ वाली वर्तमान सरकार में विडंबनाओं की भरमार है जैसे कि- एक ओर, हर साल सूखा झेलने को अभिशप्त नवादा, राजगीरव गया जैसे इलाकों में लोगों को सींचाई और पीने का पानी संकट का कोई स्थायी समाधान देने में विफल नितीश कुमार की सरकार को कोई लोगों को लेकर कोई चिंता नहीं है। लेकिन इन सभी इलाकों में आज मोकामा से पाइप लाइन के जरिये लोगों को गंगा जल मिल जाए, इसकी मुख्यमंत्री जी की प्रबल इच्छा है। जिसे पूरा करने के लिए पूरा सरकारी महकमा दिन रात एक किये हुए। जाहिर है इसके जरिए जन सेवा में नाम पर ‘हिन्दू वोटर सेवा’ को स्थापित करना है।

ये भी पढ़ें: हिंदुत्व सपाट है और बुलडोज़र इसका प्रतीक है

Bihar
Nitish Kumar
Bulldozer Politics
Bihar government
BJP
CPI-ML

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License