NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बिहार : पंचयती चुनाव टले लेकिन पंचायतों की ज़िम्मेदारी अधिकारियों को सौंप जाने को लेकर विपक्ष का विरोध
बिहार में कोरोना संक्रमण को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल दिया गया है। लेकिन बिहार सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्ष का आरोप है सरकार आपद में अवसर देखकर सारी शक्ति अपने पास ले रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jun 2021
बिहार : पंचयती चुनाव टले लेकिन पंचायतों की ज़िम्मेदारी अधिकारियो को सौंप जाने को लेकर विपक्ष का विरोध
image courtesy:navbharat times

देश के कई राज्यों से सीख लेते हुए बिहार में कोरोना संक्रमण को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल दिया गया है। नीतीश सरकार की कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक हुई, जिसके बाद ये साफ हो गया है कि बिहार में फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं होने वाला और ना ही पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल में विस्तार किया जाएगा। विपक्ष की मांग थी की चुनाव टाल कर मुखिया के कार्यकाल को बढ़ा दिया जाए परन्तु सरकार ने चुनाव तो टाल लेकिन मुखियाओं के कार्याकाल नहीं बढ़ाया। बिहार सरकार के इस निर्णय को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्ष का आरोप है सरकार आपद में अवसर देखकर सारी शक्ति अपने पास ले रही है। हालाँकि सत्तधारी दल के नेता भी विपक्ष मांग के साथ सहमति ज़ाहिर करते हुए दिख रहे थे।

क्या है पूरा मामला

आपको सनद रहे बिहार राज्य में ढाई लाख के करीब पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो जाएगा। ऐसे में चिंता इस बात को लेकर थी कि अब पंचायत में विकास कार्य कौन करेगा ? इसके लिए विपक्ष ने वर्तमान मुखिया को ही छह महीने के लिए सेवा विस्तार देने की मांग की थी। ऐसे में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पंचायतों में परामर्शी समिति की नियुक्ति होगी। उन्होंने बताया कि नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है। अधिनियम की धारा 14, 39, 66 और 92 में संशोधन किया गया है।

मीडिया ऐसी चर्चा है कि परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

विपक्ष कर रहा है इसका विरोध

मुख्य विपक्षी राष्ट्रिय जनता दल (राजद) सहित वाम दलों ने भी इस प्रक्रिया की आलोचना की और इसे तनशाहीपूर्ण निर्णय बताया। राजद के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजश्वी यादव ने पहले ही सरकार से इस निर्णय न लेने की अपील की थी। उन्होंने20 मई को ही ट्वीट कर सरकार से मांग किया था कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके।'

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से कहा था कि यदि पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा संभालेंगे तो यह भ्रष्टाचार और तानाशाही बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, 'पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा संभालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गांव स्तर पर भी सरकारी अफसर फाइल देखने लगेंगे तो गरीबों की सुनवाई नहीं होगी। लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरूरी हैं।'

इसी तरह इस फैसले के बाद माकपा राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा यह फैसला आत्मघाती होगा।

जबकि सत्ताधारी दल पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव भी विपक्ष के स्वर में स्वर मिलाते दिखे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था । पत्र में उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग रखी थी । उन्होंने चिठ्ठी के द्वारा मांग की थी कि जब तक चुनाव नहीं हो जाते और नए जनप्रतिनिधि नहीं आ जाते, तब तक के लिए पुराने जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाया जाए।

3 जून को माले करेगा एक बार फिर राज्यव्यापी प्रतिवाद

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने पंचायतों को भंग किए जाने के सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिहार की जनता की मांग को सरकार ने अनसुना किया है और नीतीश कुमार केंद्र सरकार की तरह तानाशाही चला रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की भूमिका को कम करना इस भयावह दौर में आत्मघाती साबित होगा।

अपने बयाना में माले ने कहा "कोविड के प्रति जागरूरकता अभियान में पंचायत प्रतिनिधियों के अनुभव का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था, लेकिन सरकार ने इसपर तनिक भी ध्यान नहीं दिया. यदि पंचायतों के कार्यकाल बढ़ाने का कोई नियम नहीं था, तो क्या सरकार अध्यादेश नहीं ला सकती थी! दरअसल, सरकार की मंशा ही कुछ और थी। "

माले कहा वो इस अलोकतांत्रिक निर्णय के खिलाफ एक बार फिर राज्यव्यापी विरोध में उतरेगी। आगामी 3 जून को पूरे राज्य में प्रतिवाद किया जाएगा।  

Bihar
Bihar Panchayat elections
BJP
RJD
Nitish Kumar
CPM
CPI(ML)

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू-कश्मीर परिसीमन से नाराज़गी, प्रशांत की राजनीतिक आकांक्षा, चंदौली मे दमन
    07 May 2022
    हफ़्ते की बात के इस अंक में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश बात कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर के परिसीमन की। साथ ही वे नज़र डाल रहे हैं प्रशांत किशोर की राजनीतिक सियासत की।
  • रवि शंकर दुबे
    तीन राज्यों में उपचुनाव 31 मई को: उत्तराखंड में तय होगा मुख्यमंत्री धामी का भविष्य!
    07 May 2022
    चुनाव आयोग ने तीन राज्यों की तीन सीटों पर विधानसभा चुनावों की तारीख घोषित कर दी है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण उत्तराखंड की चंपावत सीट को माना जा रहा है। क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी…
  • पीपुल्स डिस्पैच
    पाकिस्तान में बलूच छात्रों पर बढ़ता उत्पीड़न, बार-बार जबरिया अपहरण के विरोध में हुआ प्रदर्शन
    07 May 2022
    राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) के परिसर से दिन दहाड़े एक बलूच छात्र बेबाग इमदाद को उठाए जाने के बाद कई छात्र समूहों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया।
  • राहुल कुमार गौरव
    पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो
    07 May 2022
    पीड़ित बेटी ने खुद अपने पिता की गंदी करतूत का वीडियो बनाया और फिर उसे लेकर थाने पहुंची। पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने गुरुवार को 50 वर्षीय आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन पीड़िता को अपने…
  • सुबोध वर्मा
    ओडिशा: अयोग्य शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित होंगे शिक्षक
    07 May 2022
    शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध 8 कॉलेजों में 62 फैकल्टी हैं, जिनमें से सिर्फ 20 रेगुलेटरी बॉडी की योग्यता के मानदंडों को पूरा करते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License