NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
विज्ञान
भारत
बिहार शिक्षक हड़ताल : "कोरोना और सरकार से तब तक लड़ेंगे जबतक दोनों भाग नहीं जाएंगे!"
17 फ़रवरी से शिक्षा की स्थिति में सुधार की मांग के साथ हड़ताल कर रहे शिक्षकों ने कहा, "वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हम लोगों ने अपने आंदोलन को विराम दिया है। इस दौरान हम किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं कर रहे है लेकिन हमारी हड़ताल जारी रहेगी।"
मुकुंद झा
24 Mar 2020
बिहार शिक्षक हड़ताल

बिहार में पिछले एक महीने से अधिक से लाखों शिक्षक हड़ताल पर हैं। इसकी वजह से बिहार की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है लेकिन सरकार को फ़र्क़ नहीं पर रहा है। बिहार सरकार ने इन शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए 23 हज़ार से अधिक शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और उन पर एफ़आईआर दर्ज कर दी है। कई शिक्षकों पर ग़ैर-ज़मानती धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। इन पर यह कार्रवाई हाल में हुई बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों के मूल्यांकन में भाग नहीं लेने कारण हुई है।

यह हड़ताल बिहार राज्य शिक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले की जा रही है। ये समिति कई शिक्षक संगठनों का संयुक्त मंच है।

समिति का कहना है, "वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हम लोगों ने अपने आंदोलन को विराम दिया है। इस दौरान हम किसी भी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं कर रहे है लेकिन हमारी हड़ताल जारी रहेगी। लेकिन इस दौरान हम शिक्षकों ने आम जनमानस के बीच जाकर उन्हें इस महामारी के बारे में जागरुक करने का काम किया है लेकिन अब बिहार लॉकडाउन के बाद यह गतिविधि भी रोक दी गई है।"

89994144_2899090076849679_5367125462478749696_o.jpg

शिक्षकों ने कहा, "यह महामारी वैश्विक है इस समय सभी लोगों को एक साथ मिलाकर इस का मुकाबला करना होगा। हम कोरोना से भी लड़ेंगे और अपने अधिकार के लिए इस सरकार से भी,  तब तक लड़ेंगे जब तक दोनों भाग नही जाएंगे।"

कार्रवाई के सदमे से शिक्षक की मौत

सरकार के 23 हज़ार से अधिक शिक्षकों के निलंबन और एफ़आईआर से एक शिक्षक की सदमे से मौत हो गई। हाईस्कूल जलालपुर लालगंज के शिक्षक अरविंद तिवारी हड़ताल में थे। उन्हें भी जब 20 मार्च को निलंबन पत्र मिला उसके बाद उनकी आकस्मिक निधन हो गया। उनके सहयोगियों ने बताया कि वो इस फ़ैसले से आहत हुए और उन्हें इसका गहरा सदमा लगा, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

ARVIND TIWARI.jpg

शिक्षकों ने दावा किया कि सरकार की इस अनदेखी से पिछले कई सालों में कई नियोजित शिक्षकों ने हताश होकर अपनी जाना गँवा दी है। पिछले साल मई में सुप्रीम कोर्ट के बिहार नियोजित शिक्षक पर दिए निर्णय से आहत एक नियोजित शिक्षक ने आत्महत्या कर ली थी। भागलपुर ज़िले के रन्नूचक में उच्च विद्यालय में भौतिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में कार्यरत विमल कुमार यादव ने फाँसी लगा ली थी।

क्या है पूरा मामला?

बिहार में लगभग 5 लाख से अधिक शिक्षक समान वेतन और सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग को लेकर 17 फ़रवरी से हड़ताल कर रहे हैं। क़रीब 4.5 लाख प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के टीचर 17 फ़रवरी पर से ही धरने पर थे। बाद में 25 फ़रवरी को इनके साथ क़रीब 50 हज़ार से ज़्यादा हाई स्कूल शिक्षक भी इसमें शामिल हो गए।

वेतन के लिए मानव आयोग पहुंचे शिक्षक

टीईटी शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक अमित विक्रम ने एक बयान जारी कर कहा है, "हड़ताल मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी। हम विभिन्न माध्यमों से यह प्रयास कर रहे हैं कि सभी शिक्षकों का जनवरी एवं फरवरी माह का वेतन भुगतान कर दिया जाए। इसके लिए हमने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए नियोजित शिक्षकों के जनवरी एवं फरवरी के वेतन भुगतान करने की अपील की है।"

अपनी इस शिकायत में अमित ने लाखों हड़ताली शिक्षकों के वतन रोके जाने को असंवैधानिक बताया और कहा कि अभी वर्तमान में कोरोना से पूरा देश जूझ रहा है। उन्होंने कहा है, " ऐसे में इस आपदा की स्थिति से निपटने में बिना वेतन के शिक्षकों के लिए बहुत कठिनाई हो रही है। हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि मानवीय आधार पर सरकार हड़ताली शिक्षकों का कम से कम जिस अवधि तक उन्होंने कार्य किया है उस अवधि का वेतन जारी करे।"

बिहार परीक्षा मुल्यांकन समिति के सदस्य शाहजफ़र इमाम समस्तीपुर के एक विद्यालय में हेड मास्टर भी हैं। उन पर भी उत्तरपुस्तिकाओं की जाँच में सहयोग न करने के कारण दंडात्मक कार्रवाई हुई है। इन्हे भी सस्पेंड करने के साथ ग़ैर ज़मानती धाराओं में केस भी दर्ज किया गया है।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए शाहजफ़र इमाम ने कहा, "सरकार इस तरह के हथकंडे हमें डराने और शिक्षकों के आंदोलन को कुचलने के लिए कर रही है। लेकिन यह आंदोलन तब तक ख़त्म नहीं होगा जबतक सरकार हमारी न्यायसंगत लंबित मांग को न मान ले।"

letter_6.jpg

शाहजफ़र ने कहा, " सरकार नहीं चाहती कि यह हड़ताल ख़त्म हो।  हमने तो क़रीब 15 बार पात्र लिख कर सरकार से वार्ता करने का आग्रह किया लेकिन सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई। सरकार की हठधर्मिता के कारण ही यह हड़ताल जारी है। सरकार आज ऐलान कर दे कि सभी नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के तहत समान काम का समान वेतन दिया जाएगा, यह हड़ताल तुरंत ख़त्म हो जायेगी। लेकिन सरकार यह ना करके उल्टा शिक्षकों को डराने और धमकाने में लगी है।"

ये सिर्फ़ शाहजफ़र या फिर अमित का मामला नहीं है बल्कि पूरे बिहार में हज़ारों हज़ार की संख्या में शिक्षकों पर इसी तरह की कार्रवाई की गई है।

बिहार की एक महिला नियोजित शिक्षक संध्या कुमारी ने कहा, "शिक्षा के प्रति हमारे माननीय मुख्यमंत्री का थोड़ा सा भी ध्यान नहीं जा रहा है। आज हड़ताल को इतने दिन हो गए हैं। मुख्यमंत्री जी ने अभी तक कुछ नहीं कहा। यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए सोचनीय विषय है।"

सरकार द्वारा शिक्षकों पर की जा रही कार्रवाई पर बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल ने कहा, "अंग्रेजों की तरह महाजनी प्रथा को बिहार में बढ़ावा देकर बिहार के 5 लाख शिक्षकों को आर्थिक रूप से गुलाम बनाए रखने के लिए ही इस हड़ताल को कुचलने की साज़िश रचने रची जा रही है। आर्थिक आज़ादी प्राप्त करने तक सरकार के ख़िलाफ़ शिक्षकों की हड़ताल जारी रहेगी।”

Bihar
Bihar Teachers Strike
Nitish Kumar
Coronavirus
COVID-19
Coronavirus Epidemic
teachers protest

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

दिल्ली : पांच महीने से वेतन न मिलने से नाराज़ EDMC के शिक्षकों का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License