NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
बिहार: महिला पुलिसकर्मी ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, महिला आयोग ने एसएसपी से तलब की रिपोर्ट
बिहार की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आमजन के अलावा अब पुलिस प्रशासन के अंदर से भी महिला उत्पीड़न की शिकायत सामने आ रही है। मुजफ्फरपुर में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी ने चौकी प्रभारी व ट्रेनी एसआई के खिलाफ शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Sep 2020
बिहार

"राज्य के आम लोग कैसे सुरक्षित हो सकते हैं, जब बिहार पुलिस की महिला कर्मचारी पुलिस थाने और पुलिस चौकियों में सुरक्षित और संरक्षित नहीं है।"

ये दर्द मुजफ्फरपुर जिले के फकुली ओपी थाने में तैनात एक महिला ट्रेनी पुलिस सब इंस्पेक्टर का है, जिन्होंने अपने चौकी प्रभारी ओर ट्रेनी एसआई पर शोषण और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित महिला पुलिसकर्मी ने मीडिया को बताया कि वो जिस पुलिस चौकी में बीते एक महीने से कार्यरत हैं, वहां पुलिस कर्मियों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार, अत्याचार किया जाता है। कोई उनसे ठीक से बात तक नहीं करता।

पीड़िता का ये भी आरोप है कि फकुली पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी ने 30 अगस्त को उनके पति के साथ मार-पीट की और उन्हें धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया।

बता दें कि इस मामले में पीड़ित महिला पुलिसकर्मी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे, एडीजी (कानून व्यवस्था) और राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी पीड़िता का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो मीडियाकर्मियों के सामने अपनी आप-बीती सुना रही हैं।

क्या है पूरा मामला?

पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि फकुली पुलिस चौकी इंचार्ज और एक प्रशिक्षु पुरुष एसआई ने हाल ही में चौकी परिसर के अंदर उनके साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न किया।

पीड़िता ने पत्र में कहा कि वो अपने पति के इलाज के लिए फिलहाल पटना के एक अस्पताल में हैं और अब थाना वापस जाने पर उनकी जान को खतरा है।

पीड़िता के अनुसार प्रशिक्षण केंद्र बंद होने के चलते वो फकुली ओपी थाने पर प्रतिनियुक्त थी। इस दौरान वह और उनके पति कोरोना संक्रमित हो गए थे। पटना में इलाज के बाद वह 30 अगस्त को ओपी थाने लौटीं, जहां उनके और उनके पति के साथ मारपीट व बदसलूकी की गई। फकुली पुलिस चौकी कुढ़नी पुलिस थाना के अंतर्गत आती है।

पुलिस प्रशासन का क्या कहना है?

इस संबंध में मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जयंत कांत ने मीडिया से कहा कि इस मामले में शिकायत सामने आने के बाद जांच का आदेश दे दिया गया है। जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एसएसपी जयंतकांत के मुताबिक प्रारंभिक जांच में ड्यूटी को लेकर विवाद की बात सामने आ रही है। इसके अलावा भी अन्य बिंदुओं पर टीम जांच कर रही है। पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पीड़िता की शिकायत पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने मुजफ्फरपुर एसएसपी से जांच कर रिपोर्ट तलब की है।

दिलमणि मिश्रा के अनुसार राज्य महिला आयोग की नज़र पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई है। इस मामले में एसएसपी की रिपोर्ट सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस बल में पहले भी सामने आते रहे हैं ऐसे मामले!

गौरतलब है कि पुलिस सेवा के अंतर्गत उत्पीड़न और प्रताड़ना का यह कोई नया मामला नहीं है। हाल ही में बिजनौर के डीसीआरबी अनुभाग में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर एडिशनल एसपी पर शोषण और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। पीड़िता का कहना था कि वो एक बार पहले भी इस मामले में शिकायत कर चुकी हैं लेकिन बावजूद इसके उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था।

इसे भी पढ़ें: बिजनौर: महिला पुलिसकर्मी के उत्पीड़न मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, एसपी ने डीजीपी को भेजी रिपोर्ट

जानकारों की मानें तो इससे पहले भी पुलिस और अर्धसैनिक बलों से इस तरह की शिकायतें सार्वजनिक रूप से सामने आती रही हैं। लेकिन ज्यादातर मामलों में विभागीय जांच के बाद मामला ठप्प हो जाता है। शिकायतकर्ता महिला का ट्रांसफर कर दिया जाता है या उसे और प्रताड़ना झेलने को मज़बूर होना पड़ता है।

महिलाओं के लिए कहीं भी न्याय पाना आसान नहीं

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता ऋचा सिंह आईटीबीपी अधिकारी करुणाजीत कौर की कहानी याद दिलाते हुए कहती हैं कि महिलाओं के लिए कहीं भी न्याय पाना आसान नहीं होता। करुणाजीत ने अपने आत्मसम्मान के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी, लेकिन कई साल बीतने के बाद आज भी वो सड़कों पर न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं।

ऋचा आगे कहती हैं, 'कई मामलों में थोड़ी गंभीरता दिखाने के लिए कई बार आरोपित को निलंबित तो कर दिया जाता है, लेकिन उससे बदलता कुछ नहीं है। थोड़े दिन बाद जब मामला शांत हो जाता है उसे फिर से बहाल भी कर दिया जाता है। कई मामलों में विभागीय कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ती कर दी जाती है। तो कई बार समझौता करने का दबाव बनाया जाता है। इस मामले में आगे क्या होगा, ये भी कुछ दिनों में सबके सामने होगा।'

मालूम हो कि बिहार की कानून व्यवस्था लगातार महिला उत्पीड़न और शोषण की खबरों को लेकर चर्चा में है। राज्य की नितीश सरकार भले ही ‘सुशासन’ का दावा कर रही हो लेकिन हक़ीक़त इससे उलट ही नज़र आ रही है ।

पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो दुष्कर्म के आंकड़े डराने वाले हैं। राज्य में इस साल अप्रैल महीने तक 404 घटनाएं घट चुकी हैं। यानी हर महीने 101 बलात्कार हो रहे हैं। इसके साथ ही इस दौरान 874 हत्याएँ हुई हैं।

2019 के आंकड़ों की बात करें तो बिहार में पिछले साल हत्या के कुल 3138 मामले दर्ज किए गए थे तो वही बलात्कार के 1450 मामले दर्ज हुए थे।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने वर्ष 2018 के लिये जारी अपनी रिपोर्ट में देश भर के 19 मेट्रोपॉलिटन शहरों में होने वाली हत्याओं में पटना को पहले स्थान पर बताया है, तो वहीं अपराध के मामले में बिहार पांचवें स्थान पर रहा। बिहार में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में भी बढ़ोतरी हुई है जबकि दहेज के कारण होने वाली हत्या में भी पटना पहले स्थान पर था।

इसे भी पढ़ें: बिहार में हर महीने 100 से अधिक बलात्कार, क्या यही है सुशासन?

Bihar
bihar police
crimes against women
violence against women
sexual crimes
exploitation of women
sexual harassment
Bihar government
Bihar Law & Order

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

पिता के यौन शोषण का शिकार हुई बिटिया, शुरुआत में पुलिस ने नहीं की कोई मदद, ख़ुद बनाना पड़ा वीडियो

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

चारा घोटाला: सीबीआई अदालत ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दोषी ठहराया

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License