NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
अपराध
उत्पीड़न
भारत
राजनीति
बिहार: मुखिया के सामने कुर्सी पर बैठने की सज़ा, पूरे दलित परिवार पर हमला
जगह-जगह दुल्हिनगंज के दलित परिवार के साथ जदयू पूर्व मंत्री के इशारे पर हुई दबंगई के खिलाफ जन आक्रोश सड़कों पर प्रकट करते हुए नितीश कुमार सरकार का पुतला जलाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
अनिल अंशुमन
31 Jul 2021
bhojpur

पूर्व के कई दशकों तक सामाजिक दबंगई और शोषण (सामंती धाक व उत्पीड़न) के खिलाफ बिहार स्थित पुराना भोजपुर (शाहाबाद) का इलाका दलित और अन्य पिछड़े वंचित समुदाय के क्रान्तिकारी जन संघर्षों से सरगर्म रहा था। जिसके केंद्र में इनके राजनितिक अधिकारों की दावेदारी के साथ-साथ सामाजिक सम्मान का सवाल काफी मुखर हुआ। एक बार फिर से वही सारे सवाल सामाजिक जन प्रतिकार के रूप में उठने लगे हैं।  इसे लेकर, हमेशा की भांति, सरकार और प्रशासन अभी तक इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाने की ज़रूरत समझी है। 

विडंबना है कि इस बार यह पुराने दौर के ऊंची दबंग जातियों की सामंतशाही ज़ुल्म के खिलाफ नहीं उठा है। बल्कि महादलितों के उत्थान और विकास का राग अलापकर व्यापक महा दलितों से जबरदस्त समर्थन हासिल करने वाले मुख्यमंत्री नितीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के तथाकथित ओबीसी मार्का नेता और पूर्व मंत्री के खिलाफ़ उठा है। जिनके लोगों ने एक दलित युवा के उनके सामने कुर्सी पर बैठने की सज़ा उसे पूरे परिवार समेत सरेआम जाति सूचक गलियां देते हुए, बर्बर पिटाई और बेईज्ज़त कर के दी।

इतना ही नहीं, घटना की खबर सुनकर उनका हाल समाचार जानने पहुंची भाकपा माले की जांच टीम के सदस्यों और उसका नेतृत्व कर रहे भाकपा माले के युवा विधायक मनोज मंजिल को भी जाति सूचक गालियां देते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। पुराने दौर की भांति, इस बार भी सूचना मिलने के बावजूद, मौके पर नहीं आकर पुलिस ने दबंगई का तांडव करने वालों को ही अपनी मनमानी करने की पूरी छूट दी। माले विधायक ने जब डीएसपी से फोन पर बात कर के स्थिति की गंभीरता बतायी तब पुलिस ने आने की जहमत उठायी।  

 घटना पिछले 11 जुलाई की है जब भोजपुर के जगदीशपुर प्रखंड स्थित दुल्हिनगंज गांव के नेटुवा टोली (दलित बस्ती ) का एक युवा शाम के समय अपने ही घर के सामने की सड़क कि दूसरी ओर कुर्सी लगाकर बैठा हुआ था। कुछ देर बाद ही जब स्थानीय मुखिया वहां से गुजर रहे थे, तो गाड़ी रोककर उस दलित युवा को खरी-खोटी सुनाई। उस युवा ने ऐतराज जताते हुए मुखिया जी से इसका कारण जानना चाहा तो बिफरे अंदाज़ में “दिखाएं” कहते हुए मुखिया गाड़ी से उतरकर जातिसूचक भद्दी गलियां देते हुए उसे पीटना शुरू कर दिया। चीख-पुकार सुनकर बीच-बचाव करने पहुंचे परिवार के सभी लोगों की भी बर्बर पिटाई कर दी गयी।

बाद में, मुखिया ने फोन कर के अपने अन्य गुर्गों को भी वहां बुला लिया, जो लाठी डंडों से लैस होकर वहां पहुंचे और सबको पीटते हुए घर में रखे सामानों को भी तहस-नहस कर डाला। घर की सभी महिलाओं व लड़कियों तक को नहीं बक्शा गया। एक किशोरी बेटी को बुरी नीयत से अगवा भी करना चाहा, लेकिन प्रबल विरोध के कारण ऐसा करने में वे कामयाब न हो सके।

कांड की सूचना पाते ही दुसरे ही दिन भाकपा माले की जांच टीम लेकर उक्त पीड़ित परिवार का हाल जानने पहुंचे माले विधायक टोले के बीच बैठकर वहां के लोगों से बातचीत करने लगे। इसी दौरान मुखिया के आका और जदयू पूर्व मंत्री का भतीजा अपने कुछ लोगों के साथ वहां पहुंचा और विधायक व पीड़ित परिवार के लोगों से अनाप शनाप बोलते हुए धमकाने लगा। वहां मौजूद माले विधायक के सरकारी अंगरक्षक ने उसे ऐसा करने से रोकना चाहा तो उससे भी उलझकर विधायक को भी जातिसूचक गलियां देते हुए धक्का-मुक्की की स्थिति पैदा कर दी गयी। स्थिति की गंभीरता देखते हुए जब माले विधायक ने फोन से स्थानीय पुलिस डीएसपी को सूचना दी, तब जाकर पुलिस आई और सब कुछ सामान्य हुआ। हालांकि पूर्व मंत्री का भतीजा व गुर्गे पुलिस के सामने भी धौंस धमकी देते रहे। 

इस पूरे मामले के विरोध में माले विधायक ने उसी टोले से प्रतिवाद मार्च निकालकर गांव से सटे हरिगांव बाज़ार में बड़ी जन सभा कर कांड की सारी वास्तविकता और अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की जानकारी काफी संख्या में वहां जुटे हुए हुए लोगों को बताई। बाद में इस पूरे प्रकरण के खिलाफ आक्रोशित स्थानीय ग्रामीणों ने काण्ड के दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नितीश कुमार सरकार का पुतला भी जलाया। कार्यक्रम के बाद विधायक मनोज मंजिल ने स्थानीय थाना में जदयू पूर्व मंत्री व दबंग नेता के इशारे पर उनके साथ दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर प्राथमिकी भी दर्ज कराई। 

जदयू पूर्व मंत्री व जगदीशपुर के पूर्व विधायक के इशारे पर दलित युवा के कुर्सी पर बैठने को लेकर उसके व पूरे परिवार को अपमानित कर पीटे जाने के साथ-साथ उक्त अमानवीय काण्ड की जांच करने पहुंचे माले युवा विधायक के साथ हुए सुनियोजित दुर्व्यवहार के खिलाफ पूरे जिले में तीखी प्रतिक्रया शुरू हो गयी। जगह-जगह दुल्हिनगंज के दलित परिवार के साथ जदयू पूर्व मंत्री के इशारे पर दबंगई के खिलाफ जन आक्रोश सड़कों पर प्रकट करते हुए नितीश कुमार सरकार का पुतला जलाने का सिलसिला शुरू हो गया। 

भाकपा माले के नेतृत्व में जिला मुख्यालय आरा से लेकर पूरे जिले में दुल्हिनगंज के दलितों के साथ दबंगई करने वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रतिवाद जारी है। जिनके माध्यम से यह भी आगाह किया जा रहा है कि इस इलाके में सत्ता के संरक्षण में सर उठा रहीं दबंग शक्तियां यहां के दलितों वंचितों की जुझारू लड़ाकू परम्परा को फिर से याद कर लें और ज़ल्द से ज़ल्द सुधर जाएं क्योंकि यहां की धरती दलित-गरीबों और उनके मान-सम्मान साथ अन्याय और गुंडई कत्तई बर्दाश्त नहीं करती है।

काण्ड के दूसरे व तीसरे दिन से ही पूरे जिले और इलाके में प्रतिवाद कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। २६ जुलाई को जिला व्यापी प्रतिवाद के तथा आरा स्थित जिला मुख्यालय समेत सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विरोध मार्च निकालकर नितीश कुमार सरकार के पुतले जलाए गए। 

29 जुलाई को एसडीपीओ मुख्यालय के समक्ष विशाल विरोध धरना देते हुए दलित  परिवार पर हमला करने वाले सभी दोषियों कि गिरफ्तारी तथा पीड़ित दलित परिवार के न्याय की मांग की गयी। धरने में पीड़ित दलित परिवार के लोग भी शामिल हुए और अपनी व्यथा-कथा सुनाकर इंसाफ और सुरक्षा की मांग की। उक्त काण्ड के बाद से ही उक्त दलित परिवार डरकर दूसरी जगह अपने रिश्तेदार के यहां रह रहा है। धरना को संबोधित करते हुए दलित युवा की मां ने रोते हुए कहा कि इसके पहले भी कई बार घर पर आकर उन लोगों के साथ बुरा व्यवहार होता रहा है। पूर्व मंत्री और उनका चहेते मुखिया के लोग टोले को लोगों हमेशा धमकाते हुए कहते हैं कि हम लोगों ने तुम्हें बसाया है और जब चाहेंगे उजाड़ देंगे।  

पूरे मामले को लेकर माले विधायक मनोज मंजिल ने राजधानी स्थित बिहार सरकार की एससी/एसटी विधान सभाई कमिटी अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री से मिलकर ज़ल्द से ज़ल्द संज्ञान लेने सम्बन्धी समार पात्र भी जाकर सौंपा है। इस पर उनकी कमिटी ने भी सर्वसम्मति से उचित कारवाई करने का निर्णय लिया है। 29 जुलाई को माले विधायकों ने बिहार विधान सभा के चालू मॉनसून सत्र में भी उक्त काण्ड मामले को उठाते हुए ज़ल्द से ज़ल्द कर्रवाई करने की मांग की है। 

मीडिया में आई ख़बरों को ही देखा जाए तो नितीश कुमार शासन के हाल के वर्षों में पूरे प्रदेश दलितों-वंचितों पर दमन अत्याचार की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ये जातिवादी अत्याचार करने वाले लोग सरकार के ही घटक भाजपा अथवा जदयू से ही जुड़े हुए दबंग हैं। 

सरकार व प्रशासन ने मौन रह कर एक तरह से इन्हें खुला संरक्षण ही दे रखा है। इसके खिलाफ प्रदेश का विपक्षी महागठबंधन के दल लगातार अपनी आवाजें उठा रहें हैं।  

80 के दशक में मध्य बिहार के “धधकते खेत-खलिहान” से संबोधित होने वाले भोजपुर में एक बार फिर से दलित समुदाय ने अपने अधिकार व सामाजिक मान-सम्मान का सवाल उठाया है।

Caste Atrocities
caste oppression
caste discrimination
Bihar
bjp-jdu
CPIML Liberation

Related Stories

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में सैलून वाले आज भी नहीं काटते दलितों के बाल!

बिहार: "मुख्यमंत्री के गृह जिले में दलित-अतिपिछड़ों पर पुलिस-सामंती अपराधियों का बर्बर हमला शर्मनाक"

जाति के सवाल पर भगत सिंह के विचार

भेदभाव का सवाल व्यक्ति की पढ़ाई-लिखाई, धन और पद से नहीं बल्कि जाति से जुड़ा है : कंवल भारती 

बिहारः भूमिहीनों को ज़मीन देने का मुद्दा सदन में उठा 

शर्मनाक: वोट नहीं देने पर दलितों के साथ बर्बरता!

नीतीश सरकार ने एससी-एसटी छात्रवृत्ति फंड का दुरूपयोग कियाः अरूण मिश्रा

यूपी: ‘प्रेम-प्रसंग’ के चलते यूपी के बस्ती में किशोर-उम्र के दलित जोड़े का मुंडन कर दिया गया, 15 गिरफ्तार 

क्या आप संस्थागत जातिवाद की भयावहता लगातार सुन सकते हैं?


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License