NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बोलिविया के ट्रेड यूनियनों ने ऑरलैंडो गुटिएरेज की मौत की जांच की मांग की
खदान श्रमिक संघ के नेता ऑरलैंडो गुटिएरेज पर पिछले सप्ताह दक्षिणपंथी चरमपंथियों ने हमला किया था। इन चरमपंथियों ने 18 अक्टूबर के आम चुनावों के परिणामों को ख़ारिज कर दिया था।
पीपल्स डिस्पैच
30 Oct 2020
बोलिविया

बोलिविया का ट्रेड यूनियन सेंटर सेंट्रल ओब्रेरा बोलिवियाना (सीओबी); खदान श्रमिक यूनियन, यूनियन फेडरेशन ऑफ़ माइन वर्कर्स ऑफ़ बोलीविया (एफएसटीएमबी); मिक्स्ड यूनियन ऑफ माइन वर्कर्स ऑफ कॉलकिरी ने यूनियन के नेता ऑरलैंडो गुटिएरेज की मौत की गहन जांच की मांग की है।

29 अक्टूबर को राजधानी ला पाज़ में लोकप्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में श्रमिक गुटिएरेज के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस बीच, कॉलकिरी के खदान श्रमिकों ने उनकी मृत्यु के कारण को लेकर न्याय और स्पष्टीकरण की मांग करते हुए राजधानी के केंद्र में एक मार्च निकाला। एमएएस पार्टी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लुइस एर्से ने भी गुटिएरेज के अंतिम संस्कार में भाग लिया और मामले की जांच करने और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने का वादा किया।

एफएसटीएमबी के कार्यकारी सचिव ओरलैंडो गुटिएरेज की मृत्यु पिछले सप्ताह 22 अक्टूबर को हुए एक हमले में ज़ख्मी होने के बाद कई दिनों तक अस्पताल में इलाज में रहने के बाद 28 अक्टूबर को हो गई थी। गुटिएरेज सीओबी की कार्यकारी समिति के सदस्य भी थे। उन पर कट्टर दक्षिणपंथई के एक समूह द्वारा हमला किया गया था जिसने 18 अक्टूबर को हुए आम चुनावों के परिणाम को खारिज कर दिया था जिसमें मूवमेंट टुवार्ड सोशलिज्म (एमएएस) पार्टी ने 55.1% वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की थी। इन चुनावों से कुछ दिन पहले, गुटिएरेज ने चेतावनी दी थी कि अगर तख्तापलट करने वाली सरकार इन परिणामों का सम्मान नहीं करती है तो ऐसी स्थिति में खनिक एकजुट होंगे। उनके बयानों के कारण उन्हें और उनके परिवार को सोशल नेटवर्क के माध्यम से मौत की कई धमकी मिली।

यह रिपोर्ट सामने आई है कि हमले के परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई लेकिन मृत्यु का सही कारण अभी भी एक रहस्य बना हुआ है। गुटिएरेज के परिवार ने जानकारी दी कि उन्हें 28 अक्टूबर को छुट्टी मिलने वाली थी लेकिन उनकी मृत्यु हो गई और मौत का कारण स्पष्ट नहीं किया गया जिससे रिश्तेदारों और ट्रेड यूनियनों की चिंता और संदेह बढ़ गया।

माइनिंग लीडर को श्रद्धांजलि देने के लिए एफएसटीएमबी ने 29 अक्टूबर को पूरे देश में खनन गतिविधियों को 24 घंटे तक रोक लगाने और 90 दिनों का राष्ट्रीय शोक मनाने का आह्वान किया।

bolivia
trade unions
Orlando Gutierrez
Central Obrera Boliviana
COB

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, पंजाब, यूपी, बिहार-झारखंड में प्रचार-प्रसार 

केंद्रीय बजट-2022: मजदूर संगठनों ने कहा- ये कॉर्पोरेटों के लिए तोहफ़ा है

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

2021 : जन प्रतिरोध और जीत का साल

निर्माण मज़दूरों की 2 -3 दिसम्बर को देशव्यापी हड़ताल,यूनियन ने कहा- करोड़ों मज़दूर होंगे शामिल

दिल्ली में मज़दूरों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ हड़ताल की

ट्रेड यूनियनों के मुताबिक दिल्ली सरकार की न्यूनतम वेतन वृद्धि ‘पर्याप्त नहीं’

वेतन संशोधन समझौते: तमिलनाडु के मज़दूरों ने जीतीं अहम लड़ाइयां 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में करीब दो महीने बाद एक दिन में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज
    07 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,805 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 20 हज़ार से भी ज़्यादा यानी 20 हज़ार 303 हो गयी है।
  • मुकुंद झा
    जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!
    07 May 2022
    कर्मचारियों को वेतन से वंचित करने के अलावा, जेएनयू प्रशासन 2020 से परिसर में कर्मचारियों की संख्या लगातार कम कर रहा है। इसके परिणामस्वरूप मौजूदा कर्मचारियों पर काम का भारी दबाव है। कर्मचारियों की…
  • असद रिज़वी
    केंद्र का विदेशी कोयला खरीद अभियान यानी जनता पर पड़ेगा महंगी बिजली का भार
    07 May 2022
    कोल इंडिया का कोयल लगभग रुपया 3000 प्रति टन है.अगर विदेशी कोयला जो सबसे कम दर रुपया 17000 प्रति टन को भी आधार मान लिया जाए, तो एक साल में केवल 10 प्रतिशत  विदेशी कोयला खरीदने से 11000 करोड़ से ज्यादा…
  • बी. सिवरामन
    प्रेस स्वतंत्रता पर अंकुश को लेकर पश्चिम में भारत की छवि बिगड़ी
    07 May 2022
    प्रधानमंत्री के लिए यह सरासर दुर्भाग्य की बात थी कि यद्यपि पश्चिमी मीडिया में उनके दौरे के सकारात्मक कवरेज को सुनिश्चित करने के लिए उनके बैकरूम प्रचारक ओवरटाइम काम कर रहे थे, विश्व प्रेस स्वतंत्रता…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    सिख इतिहास की जटिलताओं को नज़रअंदाज़ करता प्रधानमंत्री का भाषण 
    07 May 2022
    प्रधानमंत्री द्वारा 400वें प्रकाश पर्व समारोह के मौके पर दिए भाषण में कुछ अंश ऐसे हैं जिनका दूरगामी महत्व है और बतौर शासक  देश के संचालन हेतु उनकी भावी कार्यप्रणाली एवं चिंतन प्रक्रिया के संकेत भी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License