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पूरे बजट में विनिवेश और सरकारी संपत्ति को बेचने पर ज़ोर, आम आदमी को कोई राहत नहीं

आज संसद में साल 2021-22 का आम बजट पेश किया गया, लेकिन आम आदमी को मिला कुछ नहीं, हां सरकार विनिवेश के नाम पर सबकुछ बेचने की मंशा ज़रूर दिखा रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Feb 2021
budget

बजट 2021 -2022 को लेकर आम जनता बड़ी उम्मीद थी कि उसे कोई राहत मिलेगी लेकिन ऐसा होता कुछ दिखा नहीं है। ऐसा माना जा रहा था कि आर्थिक मंदी में लोगों के हाथ में पैसा देने के लिए उसके प्रत्यक्ष कर की दर में कटौती की जाएगी। लेकिन इसपर कुछ भी नहीं हुआ बल्कि सरकार ने अपने भाषण में सरकारी संपत्तियों के लगातर विनिवेश पर जोर दिया।  
वित्त मंत्री ने एलान किया कि बीपीसीएल का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में होगा। वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया। इंश्योरेंस एक्ट 1938 में संशोधन होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.75 लाख करोड़ विनिवेश का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण् में कहा कि गेल इंडिया लि., इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और एचपीसीएल की 20 पाइपलाइन को बाजार पर चढ़ाया जाएगा।
यानी आम भाषा में कहे तो सरकार ने इनको सरकारी हिस्से को बेच रही है,जबकि राजमार्ग को भी निजी हाथो में दिया जा रहा है।

किसान और किसानी को लेकर भी कोई बड़ी राहत नहीं दी गई बल्कि कर्ज की सीमा और बढ़ाने का प्रयास किया। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में एग्री क्रेडिट के लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। लेकिन देशभर के किसान लगातर पूर्ण कर्जा माफी की मांग कर रहे हैं उसपर सरकार कोई बात नहीं कर रही है। देशभर में किसान अपने फ़सल के उचित दाम के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए कार्यरत है। सभी कमोडिटी के लिए किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दी गई। लेकिन क्या ये सही है क्योंकि किसानों का कहना है उसके फसल की उसे लागत भी नहीं मिल रही है। दूसरी तरफ किसानी की लगात में लगातर बढ़ोतरी हो रही है। बीज, खाद और डीजल से लेकर सबके दाम बढ़ रहे है उसके तुलना में उसे उसके दाम नहीं मिल रहे हैं। 

मज़दूर के लिए भी कोई पुख़्ता आश्वसन नहीं दिया बल्कि जिसका वो विरोध कर रहे हैं उसका ही गुणगान सरकारी भाषण किया। लेबर कोड का मज़दूर लगातर विरोध कर रहे लेकिन सरकार ने इसकी खूब तारीफ की है। मज़दूर संगठन लगातर सरकारी पीएसयू के विनिवेश का विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार पूरी तरह बेचने की तैयारी है।  

Live blog

बजट 2021: एकबार फिर निजीकरण और विनिवेश की बड़ी घोषणा ,सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022 के लिए 1.75 लाख करोड़ विनिवेश करने का है

11:53 IST, Feb 01

वित्त मंत्री ने एलान किया कि बीपीसीएल का विनिवेश अगले वित्त वर्ष में होगा. 
वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया. इंश्योरेंस एक्ट 1938 में संशोधन होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.75 लाख करोड़ विनिवेश का लक्ष्य रखा है. 
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट भाषण् में कहा कि गेल इंडिया लि., इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और एचपीसीएल की 20 पाइपलाइन को बाजार पर चढ़ाया जाएगा।
 

5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य

11:59 IST, Feb 01

वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष के 4.39 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले अगले वित्त वर्ष के लिये 5.54 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा।

बजट 2021 :चुनावी राज्यों पर मेहरबान सरकार ,किए कई बड़े एलान

12:00 IST, Feb 01

पश्चिम बंगाल में नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का ऐलान। वित्त मंत्री ने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये की लागत से पश्चिम बंगाल में 675 किमी राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा। वहीं, 65,000 करोड़ रुपये के निवेश से केरल में 1,100 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 1.03 लाख करोड़ रुपये के निवेश से तमिलनाडु में 3,500 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।

सरकार छात्रों के लिए किए लिए स्कॉलरशिप का एलान लेकिन सवाल वही क्या ये ज़मीन पर भी उतरेगा

12:31 IST, Feb 01

वित्त मंत्री ने एलान किया कि 750 एकलव्य रेजिडेंशियल स्कूल आदिवासी इलाकों में बनेंगे. 15 हजार से अधिक स्कूलों में गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। अनुसूचित जाति के लिए स्कॉलरशिप स्कीम लाई जाएगी। वित्त मंत्री ने एलान किया कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।  
पिछले कई सालों से छात्र लगातर अपने  स्कॉलरशिप  के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे है लेकिन उन्हें इसमें कोई राहत नहीं मिल रही है।  जबकि सरकार नए  स्कॉलरशिप  का एलान कर रही है ऐसे में सवाल उठना लाजिम है क्या यह भाषण के दावे ही रहेंगे या ज़मीन पर भी उतरेंगे।  

सरकार का दावा किसानो डेढ़ गुना एमएसपी दी गई लेकिन हक़ीक़त क्या है ?

12:31 IST, Feb 01

देशभर में किसान अपने फ़सल के उचित दाम के लिए प्रदर्शन कर रहा है ,ऐसे में बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हितों के लिए कार्यरत है।  सभी कमोडिटी के लिए किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दी गई।  लेकिन क्या ये सही है क्योंकि किसानो का कहना है उसके फसल की उसे लगात भी नहीं मिल रहा है।  दूसरी तरफ किसानी की लगात में लगातर बढ़ोतरी हो रही है।  बीज ,खाद और डीजल से लेकर सबके दाम बढ़ रहे है उसके तुलना में उसे उसके दमा नहीं मिल रहे है।   

देश के किसान पूर्ण कर्ज़ माफी की मांग कर रहे है लेकिन सरकार उन्हें और कर्ज़ दे रही है

12:59 IST, Feb 01

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 में एग्री क्रेडिट के लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। लेकिन देशभर के किसान लगातर पूर्ण कर्जा माफी की मांग कर रहे है उसपर सरकार कोई बात नहीं कर रही है।  

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