NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए: वाराणसी में डेढ़ साल की बच्ची की मां 14 दिन बाद जमानत पर रिहा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले एकता और उनके पति रविशेखर संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने को लेकर 19 दिसंबर से जेल में बंद थे।
भाषा
02 Jan 2020
Activist Ekta
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

वाराणसी: संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने के दौरान गिरफ्तार की गई, डेढ़ साल की बच्ची चंपक की माँ एकता बृहस्पतिवार की सुबह जमानत पर जिला कारागार से रिहा कर दी गयी।

महमूरगंज निवासी कार्यकर्ता एकता और उनके पति रविशेखर संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने को लेकर 19 दिसंबर से जेल में बंद थे। एकता की डेढ़ साल की दुधमुंही बच्ची चंपक मां के लिए लगातार परेशान हो रही थी और उसकी हालत बिगड़ रही थी।

एकता के वकील हिमाचल सिंह ने बताया, ‘अपर जिला जज सप्तम सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत ने बुधवार को सभी को 25 -25 हजार रुपये की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया था। एकता की रिहाई हो गई। बाकी लोगों के कागजात पूर्ण होते ही शाम तक उन्हें भी रिहा कर दिया जाएगा।’

रिहाई के बाद एकता ने कहा, ‘कार्यकर्ता के तौर पर जेल में रहना गर्व की बात थी, लेकिन एक माँ होने के नाते एक एक पल पहाड़ की तरह कट रहा था। 14 दिन एक माँ के रूप में मेरे लिए वनवास की तरह थे। आज चंपक बेहद खुश है और ऐसे खेल रही है, मानो उसे सभी खुशियां मिल गयीं।’

उल्लेखनीय है कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में 19 दिसंबर को शहर के बेनिया बाग में एक जनसभा हुई थी जिसमे एकता (32) और रविशेखर (36) दोनों शामिल हुए थे। इस दौरान पुलिस के साथ कथित तौर पर धक्का मुक्की करने और भड़काऊ नारे लगाने के आरोप मे 56 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 

CAA
UttarPradesh
varanasi
Activist Ekta
nrc and citizenship act
Protest against CAA

Related Stories

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

बंधुआ हालत में मिड डे मील योजना में कार्य करने वाली महिलाएं, अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में भरी हुंकार

यूपी के चंदौली में 50 दिन से धरने पर बैठा है एक पत्रकार, लेकिन कोई सुनवाई नहीं


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License