NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए-एनआरसी विरोध : संसद कूच कर रहे जामिया के छात्रों को पुलिस ने रोका
सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करते हुए  दिल्ली में जामिया के छात्र सड़कों पर उतरे। इन्हें दिल्ली पुलिस ने ओखला स्थित होली फैमिली अस्पताल के पास रोक लिया है। इस पर छात्रों का गुस्सा भड़क उठा। छात्रों ने जमकर नारेबाज़ी की और पुलिस और छात्रों के बीच जमकर झड़प हुई।  
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Feb 2020
jamia

दिल्ली में सोमवार को कई छात्र ,महिला और नौजवान सहित कई अन्य समाजिक संगठनों ने मंडी हाउस से  संसद मार्चा का आवाहन किया था। इसके साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और स्थानीय लोगों ने भी जामिया के गेट नंबर सात से संसद मार्च का आवाहन किया था। इस प्रदर्शन में डॉ कफील के परिवार के लोग भी शामिल हुए थे। प्रदर्शनकारीयों ने सीएए, एनआरसी के विरोध के साथ ही इस प्रदर्शन के दौरन गिरफ़्तार किये गए लोगो को भी तत्काल रिहा करने की मांग थी। डॉ कफील के साथ ही असम के अखिल गोगोई समेत दिल्ली के शरजील इमाम को रिहा करने की मांग थी।
 
परन्तु इन लोगों ने संसद की ओर मार्च शुरू ही हुआ था की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कुछ दूर चलने पर ही रोक लिया। जिसके बाद शांति से प्रदर्शन कर रहे है प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने हो गए ।
IMG-20200210-WA0011.jpg
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी । विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गयी थी।

प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया । पुलिस ने उनसे अपना मार्च खत्म करने की अपील की।

प्रदर्शनकारी ‘‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे ।प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं । हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे । इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनायी।

प्रदर्शनकारी जेबा अनहद ने कहा, ‘‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं।’’
IMG-20200210-WA0009 (1).jpg
एक महिला प्रदर्शनकरी ने बताया कि पुलिस ने उन लोगो के बाल खींचे हमें लातों से मारा गया हैं।राबिया जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष होगी उन्होंने बतया मर्द पुलिस ने उनके साथ बत्तमीजी की और उन्हें लाठी से पेट में मारा। जबकि पुलिस का कहना है कि वो लोगों को शांतिपूर्वक संसद की तरफ जा रहे थे।
 
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी धक्का-मुक्की हो गयी। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड को पार कर गए।इस दौरन प्रदर्शनकारियो ने यह भी दवा किया की कई लोगो को पुलिस ने हिरासत में भी लिया हैं। जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

सीएए के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जंतर मंतर की ओर किया कूच

दूसरी तरफ दिल्ली में इसी से जुड़ा एक और मार्च हुआ। जिसमें जामिया के छात्रों को भी भाग लेना था लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हो सके। विद्यार्थियों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों समेत सैकड़ों लोग सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी का विरोध करते हुए मध्य दिल्ली में सड़कों पर उतरे।

विभिन्न आकार और रंगों की तख्तियां तथा बैनर लिए ये लोग पूर्वाह्न 11 बजे मंडी हाउस में एकत्र हुए और जंतर मंतर की ओर कूच शुरू किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक कर्मी तैनात थे। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों के पास मार्च निकालने की अनुमति नहीं है लेकिन जबतक वे शांति बनाये रखते हैं, तबतक हमें कोई दिक्कत नहीं है।’’

हालांकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उनके पास अनुमति है और वे जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे।प्रदर्शन में शामिल दस साल की उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग व्यक्तियों तक नागरिक संस्थाओं के सदस्य और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सीएए और सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
IMG-20200210-WA0013.jpg
उनके हाथों में भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे स्वतंत्रता सेनानियों, सावित्रीबाई फुले जैसी समाज सुधारकों की तस्वीरें थीं। उन्होंने मांग की कि सरकार यह कानून वापस ले।डॉ. कफील खान की पत्नी और शरजील इमाम के भाई ने भी ‘वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया’ के तत्वावधान में निकाले गए इस मार्च में हिस्सा लिया। खान को गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल त्रासदी में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोपों से सितंबर में बरी कर दिया गया था। पिछले दिनों उन्हें सीएए को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इमाम को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

‘वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया’ के राष्ट्रीय सचिव सिराज तालिब ने कहा, ‘‘ हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारे पास अनुमति है। मैंने पुलिस से बात की है और हम जंतर-मंतर की ओर मार्च कर रहे हैं।’’

(भाषा के इनपुट के साथ)

Jamia Milia Islamia
Jamia Protest
CAA
NRC
Police lathicharge on students
delhi police

Related Stories

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

दिल्ली: प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस का बल प्रयोग, नाराज़ डॉक्टरों ने काम बंद का किया ऐलान

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

दिल्ली: ऐक्टू ने किया निर्माण मज़दूरों के सवालों पर प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए बैरिकेड हटा रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालय के सफ़ाई कर्मचारियों ने कपड़े उतार कर मुख्यमंत्री आवास पर किया प्रदर्शन!

दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच: बद से बदतर होती भ्रांतियां


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License