NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
यूपी चुनाव से पहले बीजेपी को एक और झटका, कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफ़ा
यूपी बीजेपी में नेताओं की बग़ावत तेज़ हो गई है। एक के बाद एक बीजेपी के कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान के रूप में बीजेपी को एक और झटका लगा है।
रवि शंकर दुबे
12 Jan 2022
यूपी चुनाव से पहले बीजेपी को एक और झटका, कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफ़ा

उत्तर प्रदेश का चुनाव हर दिन बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। सत्ता पर आसीन भारतीय जनता पार्टी भले ही 400 पार का दंभ भर रही हो, लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक कद्दावर नेता बीजेपी से मुंह मोड़ रहे हैं, ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं है कि बीजेपी का दावा सिर्फ उनके वादों की तरह जुमला मात्र रह जाए।

दरअसल अब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें और ज़्यादा बढ़ती हुई नज़र आ रही हैं।

दारा सिंह चौहान उत्तर प्रदेश सरकार में वन, पर्यावरण और जंतु उद्यान मंत्री थे। उन्होंने अपने इस्तीफे में पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसान और बेरोज़गार नौजवानों के साथ उपेक्षा करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने दलितों और पिछड़ों के आरक्षण  के खिलवाड़ किए जाने की भी बात कही। दारा सिंह चौहान ने कहा कि सरकार के ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैये से परेशान होकर इस्तीफा दे रहा हूं।

दारा सिंह चौहान का मंत्री पद से इस्तीफा

दारा सिंह चौहान का इस्तीफा सामने आते हीं भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता उन्हें मनाने में जुट गए हैं। ऐसे में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि ‘परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है, जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं यही आग्रह करूंगा कि डूबती हुई नाव पर सवार होने से नुकसान उनका ही होगा, बड़े भाई श्री दारा सिंह चौहान आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करें’।

परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा
बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये

— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2022

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की नज़रे भी ऐसे नेताओं पर हैं जो उनकी पार्टी को और ज्यादा मज़बूत बना सकते हैं, यही कारण है अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी छोड़ने वाले नेताओं का दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं, दारा सिंह चौहान के मंत्री पद से इस्तीफा देते ही अखिलेश ने उनके साथ अपनी एक तस्वीर ट्वीट कर उनका अभिनंदन किया। अखिलेश ने ट्वीट में लिखा कि-‘सामाजिक न्याय’ के संघर्ष के अनवरत सेनानी श्री दारा सिंह चौहान जी का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सपा व उसके सहयोगी दल एकजुट होकर समता-समानता के आंदोलन को चरम पर ले जाएँगे… भेदभाव मिटाएँगे! ये हमारा समेकित संकल्प है!

सबको सम्मान ~ सबको स्थान! #मेला_होबे’

‘सामाजिक न्याय’ के संघर्ष के अनवरत सेनानी श्री दारा सिंह चौहान जी का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!

सपा व उसके सहयोगी दल एकजुट होकर समता-समानता के आंदोलन को चरम पर ले जाएँगे… भेदभाव मिटाएँगे! ये हमारा समेकित संकल्प है!

सबको सम्मान ~ सबको स्थान!#मेला_होबे pic.twitter.com/rGxMYUyvsd

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 12, 2022

ग़ौरतलब है कि दारा सिंह चौहान से पहले उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया था, और पिछड़ों, दलितों पर ध्यान नहीं देने की दलील पेश की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद चार अन्य विधायकों ने भी बीजेपी का साथ छोड़ दिया था, जिसमें ये बताया गया कि इन विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में इस्तीफा दिया है।

ख़ैर उत्तर प्रदेश सरकार में इस्तीफों की झड़ी लगी हुई हैं, जिसके कारण बीजेपी खेमे में चिंता की लकीरें भी गहरी होती जा रही हैं।
 

SP
BJP
BJP corruption
up govt
AKHILESH YADAV

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License