NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
तीसरे चरण के परीक्षण के साथ क्यूबा ने भी अपनी स्वदेशी वैक्सीन बनाने की उम्मीद जगाई 
पिछले परीक्षणों के दौरान जिन लोगों पर सोबेराना 02 वैक्सीन का परीक्षण किया गया था, और जिन्हें इसकी दो खुराक दी गई थी, उनमें से लगभग 80% लोगों में एंटीबाडी प्रतिक्रिया उत्पन्न हुई थी।
संदीपन तालुकदार
04 May 2021
तीसरे चरण के परीक्षण के साथ क्यूबा ने भी अपनी स्वदेशी वैक्सीन बनाने की उम्मीद जगाई 

क्यूबा में भी कोविड -19 के खिलाफ वैक्सीन बनाने वाले उम्मीदवार वैक्सीन निर्माण से जुड़े चरणों में आगे बढ़ रही है। और उनमें से एक ने तृतीय नैदानिक परीक्षण के चरण में प्रवेश करने में सफलता प्राप्त कर ली है। 

सोबेराना 02 नामक उम्मीदवार का मार्च से तृतीय चरण के परीक्षण चल रहा है। इस दक्षिण अमेरिकी देश द्वारा विकसित अन्य स्वदेशी वैक्सीन उम्म्मीदवार का नाम अब्दाला है।

उल्लेखनीय तौर पर 2020 में महामारी के बीच, क्यूबा कम प्रभावित देशों में से एक था। पिछले साल नवम्बर में जाकर जब इसने अपनी सीमाओं को खोला, उसके बाद से यहाँ पर संक्रमण ने अपनी रफ्तार पकड़ी और 24 अप्रैल को यह कथित तौर पर अपने चरम पर पहुँच गया था। 

वैक्सीन कैंडिडेट्स को फिनले इंस्टीट्यूट ऑफ़ वैक्सीन में विकसित किया जा रहा है, जो कि राजधानी शहर हवाना में स्थित है। फिनले इंस्टीट्यूट क्यूबा के राजकीय संस्थान के अंतर्गत आता है।  

सोबेराना 02 के तीसरे चरण के परीक्षण को 44,000 लोगों पर किया जा रहा है और इसमें एक प्लेसिबो समूह शामिल है। इसके अलावा देश में 75,000 लोगों को शामिल करते हुए एक और प्रभावोत्पादकता परीक्षण को भी चलाया जा रहा है और इस मामले में कोई प्लेसिबो समूह शामिल नहीं है। फिनले इंस्टीट्यूट के महानिदेशक विसेंट वेरेज़ बेंकोमो के मुताबिक, चूँकि देश में मामले बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहे हैं इसलिए ऐसे में प्लेसिबो अध्ययन के लिए जाने में काफी देरी हो चुकी है। उसी साक्षात्कार में उनका यह भी मत था कि अपनी खुराक के लिए प्रतीक्षारत लोग ही परीक्षण में नियंत्रण समूह की भूमिका के तौर पर काम आयेंगे।

सोबेराना 02 में निर्माण का एक अलग तरीका है। यह एक संयुग्मित वैक्सीन है, जिसमें एक अपेक्षाकृत कमजोर एंटीजन, एक मजबूत वाले से सम्बद्ध है और इसकी वजह से एक जबर्दस्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करने में सक्षम है। फिनले इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने नोवेल कोरोनावायरस के स्पाइक प्रोटीन के टुकड़ों को लेकर टिटनेस टॉक्सिन के एक निष्क्रिय रुप के साथ युग्मित कर दिया, जो कि अपने आप में एक शक्तिशाली एंटीजन है (इसके खिलाफ प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए कुछ भी प्रतिरक्षात्मक प्रणाली को प्रेरित कर सकता है)। शक्तिशाली एंटीजन के द्वारा एंटीबाडीज और प्रतिरक्षात्मक कोशिकाओं के उत्पदान को गति प्रदान की जा सकती है। 

पिछले परीक्षणों में जिन लोगों को सोबेराना 02 वैक्सीन कैंडिडेट के तौर पर दो खुराक के साथ टीका लगाया गया था, उनमें से लगभग 80% लोगों में यह एंटीबाडी प्रतिक्रिया उत्पन्न करने में सहायक रही थी। विशेष रूप से तीसरे बूस्टर डोज को लागू करने पर यह प्रतिशत 100% तक पहुँच गया, जिसका अर्थ है कि उन सभी टीकाकरण कर चुके लोगों में तटस्थ करने वाली एंटीबाडीज विकसित हो चुकी हैं, जो वायरस को कोशिका में प्रवेश करने से रोकने में सक्षम हैं।

इसके साथ ही विसेंट वेरेज़ बेंकोमो का मानना है कि खुराक लोगों को गंभीर कोविड-19 संक्रमण विकसित होने से बचाव में सहायक होने जा रहा है। हालाँकि उन्होंने उल्लेख किया है कि तृतीय चरण के परीक्षण समाप्त होने के बाद ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी, जिसमें इसकी प्रभावकारिता का अभी परीक्षण चल रहा है। उनका यह भी कहना है कि अंतिम नतीजे जून तक प्रकाशित हो जाने की उम्मीद है।

क्यूबा ने वैक्सीन पर अनुसंधान का कार्य मई 2020 में देश के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-केनेल के आह्वान के बाद शुरू किया था। हालाँकि क्यूबा के कोविड-19 वैक्सीन के विकास से कई अन्य चीजें बाधित भी हुई हैं। देश को अन्य वैक्सीन प्रोजेक्ट्स को बीच में ही छोड़ देना पड़ा है। इसकी वजह से क्यूबा के न्यूमोकॉकस वैक्सीन और काली खांसी जैसी वैक्सीन परियोजनाएं ठप पड़ गई हैं।

क्यूबा अपने उत्पादन में तेजी लाने के लिए प्रयासरत है और विसेंट वेरेज़ बेंकोमो का मानना है कि इस साल के किसी समय में देश प्रति माह करीब एक करोड़ डोज का उत्पादन करने में सक्षम हो जायेगा। 

यह पूछे जाने पर कि क्यों क्यूबा कोवाक्स कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बना और उसने अकेले जाने की सोची, पर नेचर को दिए गए एक बयान में विसेंट वेरेज़ बेंकोमो ने कहा था कि उनका देश दूसरों के फैसलों पर निर्भर रहने के बजाय अपनी ही क्षमता के बलबूते भरोसा करना चाहता था। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला सही साबित हो रहा है। इसी बयान में उन्होंने आगे कहा “दुनियाभर में जो हम देख पा रहे हैं, वह यह है कि धनी देशों द्वारा वैक्सीन आपूर्ति की जमाखोरी की जा रही है।”

क्यूबा के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण से भी वैक्सीन उत्पादन प्रभावित हुआ है। विसेंट वेरेज़ बेंकोमो के मुताबिक “जो कम्पनियां पिछले 60 वर्षों से हमें अपना उत्पाद बेचा करती थीं, वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तहत डरी हुई थीं और उन्होंने हमसे कहा था – क्षमा करें, हम आपके साथ सहयोग जारी नहीं रख सकते, क्योंकि हमें डर है कि हम उत्तरी अमेरिका के साथ अपने व्यापार को खो सकते हैं।”

लेकिन इस सबके बावजूद, क्यूबाई वैज्ञानिक अपनी सारी ताकत को इस परियोजना में झोंक रहे हैं और रचनात्मक तरीकों से संसाधनों को जुटा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द वैक्सीन को हासिल किया जा सके। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

COVID-19 Vaccine: Cuba Hopeful about Indigenous Vaccine in Phase-3 Trial

Cuba Vaccine
Soberana 02
Abdala
Vicente Vérez Bencomo
Finaly Institute of Vaccines
Conjugate Vaccine
COVID19 Vaccine

Related Stories

क्या कोविड के पुराने वेरिएंट से बने टीके अब भी कारगर हैं?

"क्यूबा की सोबराना वैक्सीन कोई चमत्कार नहीं, बल्कि राजनीतिक निर्णयों का नतीजा है"

आँखों देखी रिपोर्ट : क्यूबा के वैज्ञानिकों, स्वास्थ्यकर्मियों ने कोविड के ख़िलाफ़ संघर्ष तेज़ किया

क्यूबा: 60 फ़ीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण, बनाया रिकॉर्ड

लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में वैक्सीन तक पहुंच दूभर

मानवता को बचाने में वैज्ञानिकों की प्रयोगशालाओं के बाहर भी एक राजनीतिक भूमिका है

निष्प्रभावित कर देने वाली एंटीबॉडीज़ कोविड-19 टीके की प्रभावकारिता के लिए मार्कर हो सकती हैं 

कोविड टीकों को लेकर मची अफवाह यूपी की ग्रामीण आबादी को टीकाकरण से रोक रही


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License