NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कोलंबिया : सामाजिक संगठनों ने सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता मार्को रीवादिनेरा की हत्या की निंदा की
मार्को रीवादिनेरा कई सामाजिक संगठनों के सदस्य थे और उन्होंने ज़मीनी स्तर के किसानों, और देशज समुदायों के आंदोलन के साथ भी काम किया था।
पीपल्स डिस्पैच
20 Mar 2020
कोलंबिया

19 मार्च को पुतुमायो, कौका और कोफ़ानिया जार्डिनेस डे सुकुमबायोस, नरीनो ने रिपोर्ट किया और दक्षिण-पश्चिमी कोलंबिया के मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मार्को रीवादिनेरा की हत्या की निंदा की।

मार्को पुतुमायो की puerto asis म्यून्सीपालिटी के नुएवा ग्रनाडा में किसानों की बैठक में शिरकत कर रहे थे। दोपहर के क़रीब 2:30 बजे, 3 शख़्स सिविल ड्रेस में आए और उन्हें वहाँ से ले गए। मानवाधिकार संगठन के एक बयान के मुताबिक़, "इसके आधे घंटे बाद ही ख़बर आ गई, कि उनकी हत्या कर दी गई है।"

मार्को नेशनल एगरेरियन कोओर्डिनेटर(सीएनए) और सामाजिक आंदोलन पीपल्स कॉंग्रेस के सदस्य थे। साथ ही वे ASOPUERTOASIS के अध्यक्ष भी थे।

इन सामाजिक संगठनों के साथ साथ विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार और देशज संगठनों ने मार्को की हत्या की निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार तुरंत कार्रवाई करे और जो कार्यकर्ता मार्को के साथ बैठक में शामिल थे, उनको सुरक्षा मुहैया करवाए।

मार्को ने 15 साल से ज़्यादा से विभिन्न ज़मीनी, किसान संगठनों के साथ काम किया था और किसानों के अधिकारों के लिए भी लड़े थे।

पिछले साल से ही मार्को puerto vega teteye corridor के कोका उगाने वाले किसान और केंद्र सरकार के साथ बातचीत में लगातार शामिल हो रहे थे, और किसानों के फसल प्रतिस्थापन की गारंटी की मांग कर रहे थे।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

columbia
Marco Rivadinera
International news
International Human Rights
farmers

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License