NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता, लोकसभा में विपक्षी दलों ने उठाए सवाल
दरअसल, कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है तथा पदोन्नति में आरक्षण का दावा कोई मौलिक अधिकार नहीं है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Feb 2020
SC

दिल्ली : कांग्रेस, वाम और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने नियुक्तियों एवं पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सोमवार को लोकसभा में सवाल उठाया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह ‘संवेदनशील मामला’ है जिस पर सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत सरकार का पक्ष रखेंगे। 

सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और पार्टी के अन्य सदस्य इस मुद्दे को उठाने को कोशिश की। कांग्रेस सदस्यों ने संविधान खतरे में होने की टिप्पणी भी की। द्रमुक, माकपा और बसपा के सदस्यों ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर इस मुद्दे पर अपनी बात रखने का प्रयास किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया, लेकिन विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा।

इस पर बिरला ने कहा कि सदस्य इस विषय को शून्यकाल में उठाएं क्योंकि सदन ने ही प्रश्नकाल को सुचारू रूप से चलने देने की व्यवस्था तय की है।

कांग्रेस के किसी सदस्य के ‘संविधान खतरे में होने’ की टिप्पणी पर बिरला ने कहा कि ‘संविधान खतरे में नहीं हैं। आप संसद की गरिमा क्यों खतरे में डाल रहे हैं?’

इस दौरान सदन के उप नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश दिया है। यह संवेदशील मामला है। सामाजिक न्याय मंत्री इस पर वक्तव्य देंगे।

इसके बाद बिरला ने कहा कि सदस्य शून्यकाल के दौरान इस विषय को उठाएं जिस पर सरकार जवाब देगी। फिर उन्होंने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया। 

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद भवन स्थित कार्यालय में आज सुबह वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। संसद सत्र के दौरान नियमित रूप से ऐसी बैठकें होती हैं लेकिन शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण है । 

आधिकारिक तौर पर इस बैठक को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है। 

दरअसल, उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है तथा पदोन्नति में आरक्षण का दावा कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘इस न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के मद्देनजर इसमें कोई शक नहीं है कि राज्य सरकारें आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है। ऐसा कोई मौलिक अधिकार नहीं है जिसके तहत कोई व्यक्ति पदोन्नति में आरक्षण का दावा करे।’’

उत्तराखंड सरकार के पांच सितम्बर 2012 के फैसले को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी की।
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण उपलब्ध कराये बगैर सार्वजनिक सेवाओं में सभी पदों को भरे जाने का फैसला लिया था।

भाजपा और आरएसएस के डीएनए में है आरक्षण खत्म करना, हम ऐसा नहीं होने देंगे : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नियुक्तियों और पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि आरक्षण को खत्म करने की मंशा रखना भाजपा एवं आरएसएस के डीएनए में है।

गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा और आरएसस कितना भी प्रयास कर ले, लेकिन कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म नहीं होने देगी।

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘ये (सरकार) आरक्षण के खिलाफ है। ये किसी न किसी तरह से आरक्षण को संविधान से निकालना चाहते हैं। इनकी तरफ ऐसे प्रयास होते रहते हैं। ये चाहते हैं कि एससी-एसटी समुदाय आगे नहीं बढ़ें।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अब फैसला आया कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यह सब उत्तराखंड की सरकार ने शीर्ष न्यायालय में कहा है। यह आरक्षण को निरस्त करने का भाजपा का तरीका है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस वाले कितना भी प्रयास कर लें, लेकिन हम आरक्षण को हटने नहीं देंगे क्योंकि आरक्षण संविधान का एक तरह से प्रत्यक्ष हिस्सा है। ’’

गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया, ‘‘संविधान पर हमला हो रहा है। लोगों को बोलने नहीं दिया जाता। ये न्यायपालिका पर दबाव बनाते हैं। संविधान के स्ंतभों को एक-एक करके तोड़ रहे हैं।’’ 

उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा और आरएसएस के डीएनए में है कि उनको आरक्षण चुभता है और वे इसे मिटाना चाहते हैं। मैं एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों से कहना चाहता हूं कि चाहे मोदी जी या मोहन भागवत सपना देखें, हम आरक्षण को मिटने नहीं देंगे।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा आरक्षण को खत्म करने की कोशिश में है।

प्रियंका ने ट्वीट किया, "भाजपा का आरक्षण खत्म करने का तरीका समझिए। आरएसएस वाले लगातार आरक्षण के खिलाफ बयान देते हैं।

3. उत्तर प्रदेश सरकार भी तुरंत आरक्षण के नियमों से छेड़छाड़ शुरू कर देती है।

भाजपा ने पहले दलित आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ बने कानून को कमजोर करने की कोशिश की।

अब संविधान और बाबासाहेब द्वारा दिए बराबरी के अधिकार को कमजोर कर रही है।..2/2

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 10, 2020

उत्तराखंड की भाजपा सरकार उच्चतम न्यायालय में अपील डालती है कि आरक्षण के मौलिक अधिकार को खत्म किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार भी तुरंत आरक्षण के नियमों से छेड़छाड़ शुरू कर देती है।''

उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा ने पहले दलित आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ बने कानून को कमजोर करने की कोशिश की। अब संविधान और बाबासाहेब द्वारा दिए बराबरी के अधिकार को कमजोर कर रही है।"

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Supreme Court
Reservation
Congress
left parties
loksabha
save constitution
rajnath singh
CPM
Narendra modi
Rahul Gandhi
PRIYANKA GANDHI VADRA

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा


बाकी खबरें

  • Hum Bharat Ke Log
    डॉ. राजू पाण्डेय
    संविधान पर संकट: भारतीयकरण या ब्राह्मणीकरण
    05 Feb 2022
    न्याय प्रणाली में मनुवादी सोच की पुनर्प्रतिष्ठा के प्रयासों को न्याय व्यवस्था के भारतीयकरण का नाम दिया जा रहा है। नागरिक अधिकारों और संविधान के संरक्षक सर्वोच्च न्यायालय पर यदि ब्राह्मणवादी सोच हावी…
  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    इस बजट से गरीबों को कोई फायदा नहीं
    04 Feb 2022
    हाल ही में वित्त मंत्री ने बजट पेश किया पर क्या इस बजट से बेरोज़गारी, गरीबी और अन्य चीज़ों पर कुछ असर पड़ेगा? आइये जानते हैं ऑनिंद्यो से
  • firing on owaisi
    रवि शंकर दुबे
    कौन हैं ओवैसी पर गोली चलाने वाले दोनों युवक?, भाजपा के कई नेताओं संग तस्वीर वायरल
    04 Feb 2022
    AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करने वाले दोनों आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। एक आरोपी सचिन पंडित की तस्वीरें भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ वायरल होने से कई सवालों ने…
  • up elections
    न्यूज़क्लिक टीम
    ग्राउंड रिपोर्ट: हापुड़ का सूदना गांव सुना रहा अपनी चुनावी कहानी
    04 Feb 2022
    ग्राउंड रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने हापुड़ के सूदना गांव में चल रही सैनेटरी पेड की फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाओं, खेती से जुड़े समुदायों के सवालों-राजनीतिक रुझानों पर की चर्चा
  • cartoon
    आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक : बस ये चुनाव और पार करा दे
    04 Feb 2022
    कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के संबंध में एक समिति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License