NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
बजट को 'जन विरोधी' बताते हुए मज़दूर संगठनों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन
वित्त मंत्री पर लाखों श्रमिकों और किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट के खिलाफ सोमवार को देशव्यापी विरोध मार्च किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Mar 2020
CITU

आज यानी 2 मार्च को जैसे ही बजट सत्र की शुरआत हुई वैसे ही दोनों सदनों के साथ ही सड़कों पर केंद्रीय बजट का विरोध शुरू हो गया। प्रदर्शनकरियों ने इस बजट को जन विरोधी बताया।

वित्त मंत्री पर लाखों श्रमिकों और किसानों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट के खिलाफ सोमवार को देशव्यापी विरोध मार्च किया।

इसके अलावा मज़दूर संगठनों ने अपनी मांगों को पूरा करने का आह्वान किया। ट्रेड यूनियनों ने इसे लागू करने की मांग की। मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था "मंदी" के दौर से गुजर रहा है और घरेलू उत्पादन "पिछले कई वर्षों में सबसे कम है।

सेंट्रल ट्रेड यूनियन ऑफ़ इण्डिया (सीटू) के महासचिव तपन सेन ने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “यह केवल निजीकरण का मुद्दा नहीं है। मोदी सरकार वास्तव में पूरे देश को बेच रही है।”

तपन सेन ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) जैसे अन्य  संभावित विनिवेश का उल्लेख किया। वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करते समय विनिवेश योजना की घोषणा की गई।

सेन ने न्यूज़क्लिक को बताया,“ सरकार अब ये कंपनियां बेचने की कोशिश कर रही है, जो राष्ट्र की आत्मा हैं। विभिन्न रणनीतिक कारणों से राज्य के नियंत्रण में रहना उनके लिए महत्वपूर्ण है।”

विरोध मार्च में महिलाओं की भागीदारी भी देखी गई, जिन्होंने आरोप लगाया कि इस साल के बजट में महिलाओं के लिए "कुछ नहीं" है।

दिल्ली की स्व-नियोजित महिला संघ (एसईडब्ल्यूए) की इकाई की उपाध्यक्ष लता ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा अपनाई गई श्रम नीतियां "महिला श्रमिकों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।"

उनके अनुसार, मौजूदा 44 श्रम कानूनों को चार कोड में समेटने से महिला श्रमिक वर्ग को राहत नहीं होगा बल्कि इसका महिला श्रमिकों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। जिन्हें आमतौर पर कम वेतन या मानदेय मिलता है और उनका अधिक शोषण होता है। यदि कानून संहिताबद्ध (कोडेफिकेशन) हैं तो श्रमिकों के लिए सुरक्षा प्रावधानों से समझौता किया जाएगा। कानूनों को पहले से ही ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।

इसके अलावा, श्रमिकों द्वारा मोदी सरकार द्वारा ठेकेदारी सिस्टम को समाप्त करने और न्यूनतम मजदूरी 21,000 प्रति माह देने की मांग को लेकर नारे लगाए।

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के धीरेंद्र शर्मा ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी दर को लेकर सरकार को कुछ करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि मज़दूर  नोटबंदी और  वर्तमान आर्थिक मंदी के कारण अपनी नौकरी खो चुके हैं। यहां तक कि राजधानी में जारी हिंसा के बाद भी कई लोगो की नौकरी चली गई। क्योंकि कई दुकानों को तोड़ दिया गया था, जो उन्हें रोजगार प्रदान किया करते थे।

यह ऐसे समय में प्रस्तुत किया गया है जब देश की अर्थव्यवस्था एक संकट के दौर से गुजर रही है, केंद्रीय बजट वित्त मंत्री के शब्दों पर खरा नहीं उतर सका जिन्होंने अपने बजट भाषण में उल्लेख किया था कि "यह लोगों की आय और उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि करेगा।”

गरीब, वेतनभोगी वर्ग से लेकर व्यावसायिक व्यक्ति सभी कथित तौर पर दुखी हैं।

budget
BJP
workers protest
modi sarkar
Protest against budget
LIC
BPCL
CITU
Central Trade Unions

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    सत्यम् तिवारी
    तो इतना आसान था धर्म संसद को रोकना? : रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट
    27 Apr 2022
    डाडा जलालपुर में महापंचायत/धर्म संसद नहीं हुई, एक तरफ़ वह हिन्दू हैं जो प्रशासन पर हिन्दू विरोधी होने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं, दूसरी तरफ़ वह मुसलमान हैं जो सोचते हैं कि यह तेज़ी प्रशासन ने 10 दिन पहले…
  • Taliban
    स्टीफन नेस्टलर
    तालिबान: महिला खिलाड़ियों के लिए जेल जैसे हालात, एथलीटों को मिल रहीं धमकियाँ
    27 Apr 2022
    तालिबान को अफ़गानिस्तान पर नियंत्रण किए हुए आठ महीने बीत चुके हैं और इतने समय में ही ये देश समाचारों से बाहर हो गया है। ओलिंपिक में भाग लेने वाली पहली अफ़गान महिला फ्रिबा रेज़ाई बड़े दुख के साथ कहती हैं…
  • modi
    न्यूज़क्लिक टीम
    100 राजनयिकों की अपील: "खामोशी से बात नहीं बनेगी मोदी जी!"
    27 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार डिप्लोमैट्स द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गयी चिट्ठी पर बात कर रहे हैं।
  • Stan swamy
    अनिल अंशुमन
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण
    27 Apr 2022
    ‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’ पुस्तक इस लिहाज से बेहद प्रासंगिक है क्योंकि इसमें फ़ादर स्टैन स्वामी द्वारा सरकारों की जन-विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ लिखे गए चर्चित निबंधों का महत्वपूर्ण संग्रह किया गया है…
  • SHOOTING RANGE
    रवि शंकर दुबे
    लखनऊ: अतंर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज बना आवारा कुत्तों की नसबंदी का अड्डा
    27 Apr 2022
    राजधानी लखनऊ में बने अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग रेंज को इन दिनों आवारा कुत्तों की नसबंदी का केंद्र बना दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License