NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बाल व बंधुआ श्रमिकों के पुनर्वास पर अदालत ने केंद्र, आप सरकार को जारी किया नोटिस
अधिवक्ता निमिषा मेनन, कृति अवस्थी और शिवांगी यादव के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया कि बच्चे को एक प्रतिष्ठान में काम की पेशकश की गई जहां दो महीनों तक नियोक्ता उसके साथ अमानवीय व्यवहार करता रहा और न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देने के बावजूद उससे 14 घंटों तक काम कराया जाता था।
भाषा
07 Jan 2021
delhi high court

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी से मुक्त कराए गए कुछ बाल एवं बंधुआ मजदूरों के पुनर्वास के लिये तत्काल वित्तीय सहायतों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर केंद्र और आप सरकार से जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मुक्त कराए गए एक बच्चे के पिता की याचिका पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर मामले को आठ फरवरी को सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया है।

याचिकाकर्ता मोहम्मद कादिर अंसारी ने बाल एवं बंधुआ मजदूरी के 88 पीड़ितों के लिये राहत की मांग की है। इन पीड़ितों में अंसारी का खुद का बच्चा भी शामिल है जो 12 साल की उम्र में काम की तलाश में बिहार से दिल्ली आया था।

अधिवक्ता निमिषा मेनन, कृति अवस्थी और शिवांगी यादव के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया कि बच्चे को एक प्रतिष्ठान में काम की पेशकश की गई जहां दो महीनों तक नियोक्ता उसके साथ अमानवीय व्यवहार करता रहा और न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देने के बावजूद उससे 14 घंटों तक काम कराया जाता था।

अंसारी की तरफ से अधिवक्ता जतिन खुराना भी पेश हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे और उसके जैसे अन्य पीड़ितों को अधिकारी केंद्रीय सेक्टर योजना 2016 के तहत अनुमन्य “पुनर्वास संबंधी वित्तीय सहायता” उपलब्ध कराने में नाकाम रहे।

दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता हेतु अरोड़ा सेठी ने नोटिस प्राप्त किया।

Delhi High court
AAP
Child and Bonded Workers
Arvind Kejriwal

Related Stories

दिल्ली उच्च न्यायालय ने क़ुतुब मीनार परिसर के पास मस्जिद में नमाज़ रोकने के ख़िलाफ़ याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार किया

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप

बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा

हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?

मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License