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कोविड-19
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भारत में 4 नहीं 40 लाख से अधिक कोविड मौतें हुईं हैं- लैंसेट स्टडी
अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में दुनिया भर में कोविड के कारण सबसे अधिक मौतें हुई हैं, जो वैश्विक मौतों का 22 प्रतिशत है। 
दित्सा भट्टाचार्य
12 Mar 2022
Translated by महेश कुमार
covid
Image courtesy : PTI

हाल ही में द लैंसेट में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, भारत में 1 जनवरी, 2020 और 31 दिसंबर, 2021 के बीच कोविड-19 के कारण अनुमानित मौतों की संख्या विशाल है। भारत में रिपोर्टड मौतों की तुलना में 40 लाख से अधिक कोविड मौतें होने का अनुमान है, जो इस दौरान कोविड से हुई कुल वैश्विक मौतों का 22 प्रतिशत हिस्सा बैठता है। 2021 के अंत तक भारत में मौतों की आधिकारिक गिनती 4,89,000 बताई गई थी।

हालांकि दुनिया भर में देखा जाए तो, 1 जनवरी, 2020 और 31 दिसंबर, 2021 के बीच कोविड-19 से हुई मौतों की रिपोर्ट कुल 59.4 लाख थी, जबकि अध्ययन का अनुमान है कि उसी अवधि के दौरान अधिक मृत्यु दर पाई गई थी और कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में 1.82 करोड़ लोगों के मारे जाने का अनुमान लगाया गया है। विश्व में कोविड-19 महामारी के कारण सभी उम्र में अधिक मृत्यु दर 120.3 मृत्यु प्रति लाख थी, और 21 देशों में अतिरिक्त मृत्यु दर जनसंख्या की 300 मृत्यु प्रति लाख से अधिक थी। कोविड-19 से हुई अधिक मौतों की संख्या दक्षिण एशिया, उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप के देशों में सबसे अधिक पाई गई है। 

1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 तक कोविड-19 महामारी के कारण अधिक मौतों की संचयी संख्या के संदर्भ में देखा जाए तो, भारत में यह संख्या (40.7 लाख) और संयुक्त राज्य अमेरिका में (11.3 लाख) है जो सबसे अधिक मौतों का अनुमान है। इस वक़्त के दौरान में पांच और अन्य देशों में संचयी अतिरिक्त मौतें की संख्या 5,00,000 से अधिक हैं– जिनमें रूस, मैक्सिको, ब्राजील, इंडोनेशिया और पाकिस्तान शामिल हैं। इन सात देशों ने 24 महीने के दौरान कोविड-19 के कारण हुई वैश्विक अतिरिक्त मौतों में आधे से अधिक का योगदान दिया है। इन देशों में, अधिक मृत्यु दर रूस और मैक्सिको में सबसे अधिक थी और ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका में समान थी।

मुख्य रूप से अप्रैल और जुलाई, 2021 के बीच कोविड-19 मामलों में वृद्धि के दौरान, 12 भारतीय राज्यों में देखी गई अनुभवजन्य अतिरिक्त मृत्यु दर के आधार पर, अध्ययन में पाया गया कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर अनुमानित 152.5 प्रति एक लाख में अतिरिक्त मौतें हुई थीं। यह इसी अवधि में देश की रिपोर्ट की गई कोविड-19 मृत्यु दर 18.3 प्रति लाख से बहुत अधिक थी। यह बताता है कि भारत के 30 राज्यों में अधिक मृत्यु दर में विषमता बहुत अधिक थी।

1 जनवरी, 2020 से 31 दिसंबर, 2021 तक, आठ भारतीय राज्यों में मृत्यु दर 200 प्रति 1,00,000 से अधिक थी, यह स्तर दुनिया के केवल 50 अन्य देशों से अधिक था। ये राज्य थे उत्तराखंड, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और कर्नाटक। इसके विपरीत, अरुणाचल प्रदेश, तेलंगाना, सिक्किम, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और गोवा में मृत्यु दर अधिक थी जो वैश्विक औसत 120.6/लाख प्रति से कम थी।

इसी तरह, मृत्यु की अधिक संख्या में उपराष्ट्रीय विविधता स्पष्ट थी। भारत के सात राज्यों में 31 दिसंबर, 2021 तक 2,00,000 से अधिक मौतें हुईं। ये राज्य पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र थे। "हालांकि भारत की बड़ी आबादी के कारण भारतीय राज्यों में कोविड-19 महामारी के कारण मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक नहीं है, फिर भी यह देश में 31 दिसंबर, 2021 तक वैश्विक अतिरिक्त मौतों का 22.3 प्रतिशत हिस्सा बनाता है।" बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में दक्षिण अफ्रीका की तुलना में अधिक मौतें हुईं हैं, जो सभी देशों में दसवें स्थान पर हैं।

अध्ययन में कहा गया है कि, “महामारी का पूर्ण प्रभाव अकेले कोविड-19 के कारण हुई मौतों के संकेत की तुलना में बहुत अधिक रहा है। दुनिया भर में मृत्यु पंजीकरण प्रणाली को मजबूत करना, जिसे लंबे समय से वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति के लिए महत्वपूर्ण समझा जाता है, इस महामारी और भविष्य की महामारियों की बेहतर निगरानी के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, अतिरिक्त मृत्यु दर के अनुपात में अंतर करने में मदद करने के लिए आगे के शोध की आवश्यकता है जो सीधे सार्स-कोविड-2 संक्रमण के कारण हुआ था और मृत्यु के कारणों में परिवर्तन महामारी के अप्रत्यक्ष परिणाम के रूप में साबित हुआ था।”

अंग्रेज़ी में प्रकाशित इस मूल आलेख को पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: 

India Had 40 Lakh Excess COVID-19 Deaths, Says Lancet Study

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