NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दलित भोजनमाता को दिल्ली में नौकरी के 'आप' के दावे पर सवाल.. दिल्ली में तो यह पद ही नहीं
उत्तराखंड के सीमांत ज़िले चंपावत में दलित भोजनमाता के हाथ का खाना खाने से सवर्ण बच्चों के इनकार और उन्हें काम से हटाए जाने की ख़बर जब नेशनल मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी तो दिल्ली के समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल ने 26 दिसंबर को प्रेस कांफ़्रेंस कर उन्हें दिल्ली में सरकारी नौकरी देने का ऐलान कर दिया।
राजेश डोबरियाल
05 Jan 2022
दलित भोजनमाता को दिल्ली में नौकरी के 'आप' के दावे पर सवाल.. दिल्ली में तो यह पद ही नहीं

उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने सियासी पारा गरम कर दिया है। सोमवार, 3 जनवरी, को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देहरादून में रैली की और सभी पूर्व सैनिकों को नौकरी देने की पांचवीं गारंटी दी। इससे पहले वह चार गारंटी यानी चार वादे कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इससे उत्साहित हैं लेकिन चंपावत की दलित भोजनमाता को दिल्ली में सरकारी नौकरी का वादा या गारंटी को लेकर आम आदमी पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है। दरअसल आम आदमी पार्टी ने दलित भोजनमाता सुनीता देवी को दिल्ली में भोजनमाता के पद पर ही नौकरी देने का प्रस्ताव दिया था। अचरज की बात यह है कि दिल्ली में भोजनमाता का पद ही नहीं है, वहां तो मिड-डे-मील बनाने का काम एनजीओ को आउटसोर्स है। अब दलित संगठन (भीम आर्मी) इसे गरीब दलित महिला के साथ मज़ाक बता रहे हैं तो बीजेपी-कांग्रेस राजनीतिक फ़ायदे के लिए उठाया गया कदम। 

आप का नौकरी का प्रस्ताव 

उत्तराखंड के सीमांत ज़िले चंपावत में दलित भोजनमाता के हाथ का खाना खाने से सवर्ण बच्चों के इनकार और उन्हें काम से हटाए जाने की ख़बर जब नेशनल मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी तो दिल्ली के समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल ने 26 दिसंबर को प्रेस कांफ़्रेंस कर उन्हें दिल्ली में सरकारी नौकरी देने का ऐलान कर दिया। 

उन्होंने उत्तराखंड में भाजपा की सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और दावा किया कि दिल्ली सरकार सुनीता देवी को दिल्ली में खाना बनाने की नौकरी देगी। 26 दिसंबर को ही उन्होंने अपने ट्विटर पर यह ऐलान भी कर दिया कि दिल्ली सरकार ने सुनीता देवी को सरकारी नौकरी दी है। 

इसके बाद 28 दिसंबर को आम आदमी पार्टी के चंपावत विधानसभा प्रभारी मदन सिंह महर ने सुनीता देवी से मुलाकात की और पार्टी की तरफ़ से उन्हें दिल्ली में भोजनमाता के पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव दिया। 

दिल्ली में तो भोजनमाता का पद ही नहीं है

इस सब के बाद पता यह लगा कि दिल्ली में तो भोजनमाता का पद ही नहीं है। दिल्ली के राजकीय विद्यालय शिक्षक संघ के पश्चिम ज़िला सचिव संत राम कहते हैं कि मिड-डे-मील बनाने का काम विभिन्न एनजीओ को दिया गया है, वहां स्कूलों में खाना बनता ही नहीं है। हालांकि कोविड आने के बाद तो यह भी बंद है, मार्च 2020 से सूखा राशन दिया जा रहा है।

आम आदमी पार्टी के चंपावत प्रभारी मदन सिंह महर को इस बात की जानकारी नहीं है। वह कहते हैं कि उन्हें पार्टी आलाकमान से आदेश मिला कि सुनीता देवी से मिलें और उन्हें पार्टी की तरफ़ से यह प्रस्ताव दे दें। हालांकि वह कहते हैं कि अगर भोजनमाता का पद नहीं होगा तो सुनीता देवी को कोई और सरकारी नौकरी, जैसे कि परिचारिका की, दी जाएगी जिसमें कम से कम 18-20 हज़ार रुपये मिलते हों।

महर को दिल्ली के स्कूलों के ढांचे की जानकारी न होना तो कोई अजीब बात नहीं है लेकिन दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री को भी यह बात पता न हो, यह थोड़ा अजीब लगता है।

हालांकि शिक्षक नेता संत राम कहते हैं कि दरअसल पहले राजनीतिक फ़ायदे के लिए दावे करके आम आदमी पार्टी के नेता पहले भी फंसते रहे हैं। दिल्ली में ही गेस्ट टीचर्स के मामले को लेकर इन्होंने पंजाब में झूठा दावा कर दिया और अब वह मामला इनके गले की हड्डी बन गया है। 

संत राम यह भी कहते हैं कि यह भोजनमाता के बजाय दिल्ली सरकार के स्कूलों में आया की नौकरी दो दे सकते हैं लेकिन वह भी आटसोर्स्ड है। उन्हें 7500-8000 रुपये वेतन महीने में मिल पाते हैं। पक्की नौकरी ऐसे दे ही नहीं सकते, उसके लिए प्रक्रिया लंबी है और अगर आप नियम विरुद्ध नौकरी देंगे तो उसे चुनौती देने वाले कई लोग खड़े हो जाएंगे।  

राजनीतिक स्टंट 

भीम आर्मी के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष गोविंद बौद्ध कहते हैं कि यह पूरी तरह राजनीतिक ड्रामा है। वह कहते हैं कि अगर यह सिरियस होते तो दिल्ली में नौकरी दे ही देते। मंत्री-मुख्यमंत्री चाहे तो क्यों नहीं दे सकता नौकरी। 18-20 हज़ार की नौकरी मिले तो सुनीता देवी दिल्ली जाने को तैयार भी हैं। 

गोविंद कहते हैं कि इन्होंने दलित वोट हथियाने के लिए सुनीता देवी को दिल्ली में सरकारी नौकरी का प्रलोभन दिया। क्या दिल्ली सरकार के मंत्री को पता नहीं होना चाहिए था कि वहां भोजनमाता का पद है या नहीं? उन्हें नौकरी का प्रस्ताव देने से पहले पता होना चाहिए था कि कितने की नौकरी है, दिल्ली में 3000 की नौकरी गरीब दलित महिला के साथ मज़ाक नहीं तो क्या है? 

वह कहते हैं कि अगर आम आदमी पार्टी सुनीता देवी को दिल्ली में सम्मानजनक और अच्छे पैसे की नौकरी नहीं देती है तो फिर दलित उनके राजनीति को खत्म करने का काम करेंगे। 

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी कहती हैं कि केजरीवाल से बड़ा ठग उन्हें कोई और नज़र नहीं आता। वह आकर हवाई दावे, वादे करते जा रहे हैं। दिल्ली में 15 लाख से ज़्यादा युवा बेरोज़गार पंजीकृत हैं। उन्हें आप बेरोज़गारी भत्ता नहीं दे रहे हैं, यहां आकर वादा कर रहे हैं। उत्तराखंड में महिलाओं को हर माह 1000 रुपये देने का वादा कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में एक भी महिला को ऐसा कोई भत्ता नहीं दिया है। 

छह महीने में एक लाख नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं, जो कहीं से भी व्यवहारिक नहीं लगता, यहां बैकलॉग ही 23 हज़ार नौकरियों का है। नौकरियों का ढिंढोरा तो आम आदमी पार्टी पीट रही है लेकिन धरातल पर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है। 

भाजपा प्रवक्ता शादाब शम्स कहते हैं कि आम आदमी पार्टी झूठ की दुकान है जिसके प्रोपराइटर अरविंद केजरीवाल हैं। वह भी कांग्रेस प्रवक्ता की तरह उत्तराखंड में किए गए वादे और दिल्ली में उनकी स्थिति के बारे में बात करते हैं। वह कहते हैं कि भोजनमाता के नाम पर भी उन्होंने उत्तराखंड की जनता को ठगने की कोशिश की लेकिन इसमें वह एक्सपोज़ हो गए हैं। 

शादाब कहते हैं कि उत्तराखंड की जनता पढ़ी-लिखी है इसलिए आम आदमी पार्टी के झूठ यहां नहीं चलेंगे। जैसे पहली दो बार इनकी ज़मानत ज़ब्त करवाई थी इस चुनाव मे भी ज़मानत ज़ब्त करवाकर उत्तराखंड की जनता जवाब देगी।
 

AAP
Jobs
Bhojan Mata
Delhi

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 

हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?


बाकी खबरें

  • food
    रश्मि सहगल
    अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?
    18 May 2022
    कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का कहना है कि आज पहले की तरह ही कमोडिटी ट्रेडिंग, बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और व्यापार की अनुचित शर्तें ही खाद्य पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों के पीछे की वजह हैं।
  • hardik patel
    भाषा
    हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दिया
    18 May 2022
    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए त्यागपत्र को ट्विटर पर साझा कर यह जानकारी दी कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
  • perarivalan
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    राजीव गांधी हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया
    18 May 2022
    उम्रकैद की सज़ा काट रहे पेरारिवलन, पिछले 31 सालों से जेल में बंद हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद उनको कभी भी रिहा किया जा सकता है। 
  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना मामलों में 17 फ़ीसदी की वृद्धि
    18 May 2022
    देश में कोरोना के मामलों में आज क़रीब 17 फ़ीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है | स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटो में कोरोना के 1,829 नए मामले सामने आए हैं|
  • RATION CARD
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी
    18 May 2022
    लखनऊ: ऐसा माना जाता है कि हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के पीछे मुफ्त राशन वित
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License