NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डीएपी और एनपीके खाद महंगी हुई, माकपा ने बताया मोदी सरकार का एक और किसान विरोधी फ़ैसला
"कभी कभी तो लगता है जैसे यह सरकार किसानों से किसान आंदोलन का बदला ले रही हो।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Apr 2022
DAP and NPK
Image courtesy : TV9

"वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा कर भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही है। कभी कभी तो लगता है जैसे यह सरकार किसानों से किसान आंदोलन का बदला ले रही हो।"

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि इफको ने डीएपी और एनपीके की कीमतों मे जबरदस्त वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि से डीएपी का 50 किलो का बोरा ₹1200 से बढ़कर ₹1350 रुपए का कर दिया है, जबकि एनपीके का बोरा ₹1290 से बढ़ा कर ₹1400 का कर दिया है। खाद की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी से न केवल खेती की लागत बढ़ेगी बल्कि पहले ही संकट ग्रस्त कृषि और किसानों की हालत और गंभीर होगी और वे क़र्ज़ के बोझ तले और दब जायेंगे।

जसविंदर सिंह ने कहा है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने का वादा किया था, मगर हाल ही में संसद में रखी गई जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में किसानों की आय में 25 फीसद तक की गिरावट आई है. अर्थशास्त्रीयों के अनुसार यदि इस दौरान मुद्रास्फीति की वृद्धि क़ो आधार बनाया जाए तो देश भर में किसानों की आय बढ़ने की बजाय कम हुई है।"

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में ही किसानो ने आजादी के बाद का सबसे बड़ा किसान आंदोलन किया था, जिसके बाद सरकार क़ो किसान विरोधी कानून वापस लेने पर मज़बूर होना पड़ा था, किन्तु इसके बाद भी यह सरकार किसान विरोधी नीतियों क़ो जारी रखे हुए है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो को लागू कर किसानों की उनकी फ़सल का वाजिब दाम देने की तो सरकार ने बात करना ही बंद कर दिया है।"

जसविंदर सिंह ने खाद की बढ़ी हुई कीमतों को तुरंत वापस लेने की मांग करते हुए सभी किसान संगठनों क़ो एकजुट होकर इसका विरोध करने की अपील की है।

DAP
npk
DAP and NPK fertilizers
CPIM
Inflation
Farmers crisis
Modi government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान

आख़िर फ़ायदे में चल रही कंपनियां भी क्यों बेचना चाहती है सरकार?

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

गतिरोध से जूझ रही अर्थव्यवस्था: आपूर्ति में सुधार और मांग को बनाये रखने की ज़रूरत


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License