NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Jun 2022
Mohammed Zubair

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ उनके एक ट्वीट पर मामला दर्ज करने को लेकर 11 डिजिटल समाचार संगठनों के संगठन 'डिजीपब न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन' ने कड़ी निंदा की है। ज़ुबैर ने अपने ट्वीट में तीन दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं- यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को 'घृणा फैलाने वाला' कहा था।

पुलिस ने ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत "हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67" के तहत मामला दर्ज किया है।

जुबैर द्वारा बताए गए नेता मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक और नफरत भरे बयान देने के लिए बदनाम हैं।

डिजीपब ने अपने बयान में कहा कि ज़ुबैर के खिलाफ इस तरह की यह पांचवीं प्राथमिकी है।

बयान में कहा गया है, "यह समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है जब नफ़रती बयान और हिंसा के लिए सक्रिय होने के आह्वान को दंडित नहीं किया जाता है, इसके अलावा जब पत्रकार यह सुनिश्चित करने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से रिपोर्ट करते हैं कि नागरिकों को न सताया जाए तो उन पर दमनकारी कानूनों का इस्तेमाल किया जाता है।"

पूरा बयान यहां पढ़ें:

डिजीपब, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के उत्पीड़न की कड़े शब्दों में निंदा करता है

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनको एक ट्वीट में तीन हिंदुत्व वर्चस्ववादियों को "नफरत फैलाने वाला" बताने को लेकर मामला दर्ज किया है। यह पहला मौका नहीं है जब उन्हें पूरी तरह से अनुचित उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है।

1 जून 2022 को मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

27 मई 2022 को ज़ुबैर के ट्वीट में लिखा था, "एक समुदाय या धर्म के ख़िलाफ़ बोलने के लिए धर्म संसद आयोजित करने के लिए हमें यति नरसिंहानंद सरस्वती या महंत बजरंग मुनि या आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वालों की आवश्यकता क्यों है, जबकि न्यूज़ स्टूडियो में बेहतर काम करने के लिए हमारे पास पहले से ही एंकर हैं जो बहुत कुछ कर सकते हैं।"

ज़ुबैर ने जिन हिंदुत्व वर्चस्ववादियों का जिक्र किया उन सभी पर पिछले कुछ महीनों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान करने वाले नफ़रती बयान के लिए मामला दर्ज किया गया है।

पिछले दो साल में ज़ुबैर के खिलाफ यह पांचवीं प्राथमिकी दर्ज है।

यह उस समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है जब नफ़रती बयान और हिंसा के आह्वान को दंडित नहीं किया जाता है, इसके अलावा जब पत्रकार जो यह सुनिश्चित करने के लिए विवेकपूर्ण तरीके से बताते हैं कि नागरिकों को न सताया जाए तो उन पर दमनकारी कानूनों का इस्तेमाल किया जाता है।

पत्रकारिता-मूल्य मूल रूप से लोकतांत्रिक मूल्यों के समान हैं। पत्रकारों और तथ्य-जांच करने वालों पर इस तरह के बार-बार हमले लोकतंत्र पर हमले हैं। डिजिपब ज़ुबैर के साथ खड़ा होगा और सभी कानूनी विकल्पों के साथ इस तरह के निरंतर उत्पीड़न का मुकाबला करने में उसकी मदद करेगा। विभिन्न सरकारों के साथ मीडिया के संबंध निस्संदेह प्रतिकूल रहे हैं, लेकिन न तो कुचलने के लिए दूसरे को दुश्मन के रूप में देखने की ज़रूरत है। लगता है यूपी सरकार यह भूल गई है। एक मजबूत और स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपरा को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है और आइए हम अपना कर्तव्य निभाने का प्रयास करें।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

DIGIPUB Condemns UP Police FIR Against Alt News Co-founder Mohammed Zubair

Mohammed Zubair
Alt news
Uttar Pradesh police
FIR
Hate mongers
Hindutva
Yati Saraswati
anand swaroop
Media
journalism
Journalistic freedom

Related Stories

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?

ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली

ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

धनकुबेरों के हाथों में अख़बार और टीवी चैनल, वैकल्पिक मीडिया का गला घोंटती सरकार! 


बाकी खबरें

  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License