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भारत
राजनीति
CAA-NRC के ख़िलाफ़ गुरुवार को देशभर में बड़ा आंदोलन
19 दिसंबर को दिल्ली समेत देशभर में धरना-प्रदर्शन और मार्च का आह्वान किया गया है। दिल्ली में लाल किले और मंडी हाउस पर नागरिक समाज, छात्र संगठन और राजनीतिक दलों के लोग जुटेंगे तो बिहार में बंद का ऐलान किया गया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Dec 2019
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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के ख़िलाफ़ गुरुवार, 19 दिसंबर को देशभर में बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। इस आंदोलन का आह्वान सभी वामपंथी दलों, नागरिक समाज व अन्य संगठनों ने किया है। बिहार में को गुरुवार को बंद की अपील की गई है। इसी की तैयारियों में आज बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में शाम को कैंडल मार्च निकाला गया।

आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक जो अब कानून बन गया है उसके ख़िलाफ़ पहले दिन से देश के अलग-अलग हिस्सों में आंदोलन हो रहे हैं। पूर्वोत्तर इलाके में तो इसे लेकर बड़े प्रदर्शन हुए। इसी तरह दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामियों के छात्रों ने इसके खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रखा है। जिसे लेकर उन्हें पुलिस की बर्बरता भी सहनी पड़ी। इसके बाद तो ये आंदोलन और तेज़ हो गया और उनके हक में देश के अन्य विश्वविद्यालयों और नागरिक समाज के लोग भी सड़क पर उतर आए। जेएनयू, डीयू, एएमयू, एचसीयू समेत देश के लगभग 24 विश्वविद्लायों के छात्र सड़कों पर उतरे। जामिया में बुधवार को भी प्रदर्शन हुआ। सुबह ही छात्र जामिया के गेट नंबर 7 के बाहर धरने पर बैठे रहे। शाम को उनके बीच पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार भी पहुंचे।  
 
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अब गुरुवार, 19 दिसंबर को दिल्ली में बड़े मार्च का आयोजन किया जा रहा है। मार्च का आयोजन दो जगह से किया जा रहा है। एक स्थान है दिल्ली का लाल किला और दूसरा मंडी हाउस। यहां बड़ी संख्या में लोग जुटेंगे। लाल किले से शहीदी पार्क, आईटीओ तक मार्च का ऐलान तमाम नागरिक व छात्र संगठनों जिसमें  यूनाइटेड अगेंस हेट, स्वराज इंडिया, आइसा, एक्टू इत्यादि ने किया है। इसके अलावा मंडी हाउस से मार्च का आह्वना वाम दलों सीपीएम, सीपीआई, माले इत्यादि ने किया है।
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19 को बिहार बंद
बिहार की राजधानी पटना में शाम 5 बजे कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। जीपीओ गोलबंर से आरंभ यह मार्च न्यू मार्केट, पटना जंक्शन होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचा, जहां एक सभा आयोजित की गई। मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, सीपीआई के पटना जिला सचिव रामलला सिंह, सीपीआई-एम के पटना जिला सचिव मनोज चंद्रवंशी ने किया। मार्च में बड़ी संख्या में छात्र-नौजवान उपस्थित थे।
बुद्धा स्मृति पार्क पर सभा को संबोधित करते हुए वाम नेताओं ने कहा कि कल का बिहार बंद ऐतिहासिक होने वाला है। मोदी-अमित शाह के द्वारा देश में तानाशाही थोपने के प्रयासों को जनता ने रिजेक्ट कर दिया है। आज नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश की बड़ी आबादी सड़कों पर है। इस कानून की वापसी तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
राजधानी के सुल्तानगंज, आलमगंज, सब्जीबाग, पटना मार्केट, पटना विश्वविद्यालय गेट, रमना रोड, पटना स्टेशन, गांधी मैदान, अनीसाबाद, चितकोहरा, मछुआ टोली आदि इलाकों में नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया गया।
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने धारा 107 के तहत जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की हाउस आरेस्टिंग की भी कड़ी निंदा की है और इसे पूरी तरह से अलोकतांत्रिक बताया है।

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इस बीच इंसाफ मंच ने भी 19 दिसंबर के बिहार बंद को अपने सक्रिय समर्थन देने की घोषणा की है। इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी ने कहा कि इस समय हम सबको मिलकर संविधान बचाने की लड़ाई लड़नी होगी।

राजस्थान से ख़बर है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर को वामपंथी पार्टियां कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगी।  
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीएम) के जिला सचिव किशन पारीक व सीपीआई के जिला सचिव सूरजभान सिंह ने संयुक्त रूप से प्रेस बयान कर जारी करते हुए कहा है कि सांप्रदायिक आधार पर भाजपा सरकार द्वारा संसद में पारित नागरिकता संशोधन विधेयक सामाजिक भेदभाव को और ज्यादा गहरा करने का काम करेगा। भारतीय संविधान भारत के नागरिकों के बीच धर्म जाति भाषा व संस्कृति के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं करता और भारतीय संविधान का धर्मनिरपेक्ष चरित्र ही देश की एक ता व अखंडता की गारंटी है!

उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा व देश की एकता की रक्षा के लिए वामपंथी पार्टियों द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन 19 दिसंबर को आयोजित होंगे सीकर में 19 दिसंबर को दोपहर 12:00 बजे जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया जाएगा जिसकी अगुवाई सीपीआईएम के राज्य सचिव अमराराम करेंगे।

इसके अलावा पंजाब और देश के अन्य राज्यों में भी गुरुवार को धरना, प्रदर्शन, मार्च और सभा किए जाने का ऐलान किया गया है। 

इसे भी पढ़े: 19 दिसंबर: सीएए + एनआरसी के खिलाफ वामपंथीदलों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

 

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