NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली चुनाव : पिछली बार से कम मतदान लेकिन आप फिर भी फायदे में!
दिल्ली की 70 सीटों के लिए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना गया। हालांकि मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी के बीच ही रहा, उसमें भी आप बढ़त लेती दिखाई दे रही है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Feb 2020
delhi election
Image courtesy: Business Today

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान आज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। हालांकि इस बार मतदान का प्रतिशत पिछली बार से काफी कम रहा। शाम छह बजे तक करीब 55 प्रतिशत मतदान की ख़बर थी। जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में 67.12 फीसदी मतदान हुआ था। अभी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी दिल्ली में 60 फीसदी के करीब मतदान हुआ था। लेकिन तमाम गहमा-गहमी और गरमा-गरमी भरे चुनाव प्रचार के बाद भी मतदान ने पिछले रिकार्ड को भी नहीं छुआ। हालांकि अभी अंतिम आंकड़े देर रात तक आएंगे, जिसमें मतदान प्रतिशत कुछ बढ़ने की संभावना है। क्योंकि शाम 6 बजे भी बहुत से पोलिंग बूथों पर लंबी कतारें थीं और चुनाव आयोग के नियमानुसार शाम 6 बजे तक कतार में लगने वाले सभी मतदाताओं को मतदान का मौका दिया जाएगा।   

दिन में तो मतदान की गति और भी धीमी थी।खासकर सुबह में मतदान की धीमी शुरुआत के बाद आगे चलकर उसके प्रतिशत में वृद्धि हुई।

दिल्ली के ग्यारह जिलों में सबसे अधिक 62.75 फीसद मतदान उत्तर पूर्व जिले में रिकार्ड किया गया जबकि सबसे कम 51.85 फीसदी मतदान नयी दिल्ली में रहा।

इसके अलावा उत्तर पश्चिम ज़िले में 54.35, दक्षिण दिल्ली 53.59, मध्य दिल्ली 53.05, दक्षिण पश्चिम 55.54, पूर्वी दिल्ली 56.08, पश्चिमी दिल्ली 54.88, उत्तर दिल्ली 54.56, शहादरा 57.50, दक्षिण पूर्व 52.91 प्रतिशत वोट हुआ।

आपको बता दें कि इस चुनाव में 1.47 करोड़ लोग मताधिकार का प्रयोग करने योग्य थे और यहां 672 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज ईवीएम में बंद हो गया। 

दिल्ली की 70 सीटों के लिए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना गया। हालांकि मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में ही देखा गया। शुरुआती रुझानों के मुताबिक इस चुनाव में भी आप बढ़त ले रही है। मतगणना 11 फरवरी को होगी। 

मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइन्स इलाके के राजपुर परिवहन प्राधिकरण मतदान केंद्र में वोट दिया।

नयी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे केजरीवाल के साथ पत्नी सुनीता और बेटे पुलकित भी थे। मतदान के लिए जाने से पहले उन्होंने अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पश्चिम दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी वोट दिया। केंद्रीय मंत्रियों एस. जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी ने भी मतदान किया। 

सोनिया गांधी ने निर्माण भवन मतदान केंद्र पर वोट डाला। वह बीमार चल रहीं थी और इसी हफ्ते उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी।

इस बार जो दिग्गज उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं उनमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आम आदमी पार्टी की आतिशी और राघव चड्ढा, चार पूर्व महापौर भाजपा के आजाद सिंह, योगेंद्र चंदोलिया, रवींदर गुप्ता और खुशी राम तथा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा शामिल हैं।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रणबीर सिंह ने बताया कि इस बार चुनाव में 81 लाख से अधिक पुरुष मतदाता, 66.80 लाख महिला मतदाता और 869 तीसरे लिंग के मतदाता रहे।

अधिकारियों के अनुसार, करीब 2.33 लाख मतदाता 18 से 19 साल की आयुवर्ग के हैं, 2.04 लाख मतदाता 80 साल के वरिष्ठ नागरिक हैं जबकि 11,608 सेवा मतदाता हैं। 

दिल्ली में 2,689 स्थानों पर कुल 13,750 मतदान केंद्र बनाए गए थे,जहां सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम रहे। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर शाहीन बाग में सभी पांच मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया था। यहां प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बारी-बारी जाकर मतदान किया। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़े : दिल्ली चुनाव के रंग : कड़ी सुरक्षा के बीच धीमी गति से मतदान 

Delhi Assembly Election 2020
Slow Voting
AAP
BJP
Congress
Arvind Kejriwal
president ramnath kovind
Rao Manmohan Reforms

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License