NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव : आप, बीजेपी या कांग्रेस! किसके सर होगा ताज?
दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान गुरुवार को संपन्न हो गया। पिछले करीब महीने भर से कांग्रेस, आप और बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दलों ने आक्रामक चुनावी प्रचार अभियान चलाया।
अमित सिंह
07 Feb 2020
delhi election
Image Courtesy: Hindustan Times

दिल्ली विधानसभा चुनाव का प्रचार अभियान गुरुवार को संपन्न हो गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में तीनों मुख्य दल कांग्रेस, आप और बीजेपी ने मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), तुष्टीकरण की राजनीति तथा बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। अगर हम इनके चुनावी अभियान की बात करें तो इस दौरान भाजपा ने शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को केंद्र में रख आक्रामक प्रचार अभियान किया। आम आदमी पार्टी ने जहां अपनी सरकार की बिजली, पानी और महिलाओं के लिए नि:शुल्क बस यात्रा जैसे मुद्दों को जोर-शोर से सामने रखा तो वहीं कांग्रेस प्रचार अभियान में काफी पीछे नजर आई।

क्या किया बीजेपी ने?

बीजेपी ने चुनाव प्रचार की शुरुआत राष्ट्रीय राजधानी के लिए केंद्र द्वारा किए गए विकास कार्य के साथ की थी, लेकिन बाद में यू-टर्न लेते हुए इसने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन और बंद की गई सड़क के मुद्दे को मुख्य मुद्दा बना दिया। भगवा पार्टी के चुनाव प्रचार में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैदान में उतर गए और दो रैलियों को संबोधित किया। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई रैलियों को संबोधित किया।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शाहीन बाग में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शन को लेकर आक्रामक प्रचार किया। भगवा दल ने चुनाव प्रचार में अपने सांसदों और विधायकों को उतारने के साथ ही योगी के अतिरिक्त अपने शासन वाले कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया जिनमें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह शामिल हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान तब बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भीड़ से ‘गद्दारों को गोली मारने’ का नारा लगवाया। वहीं, पार्टी के पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश वर्मा ने भी शाहीन बाग को लेकर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया।

निर्वाचन आयोग ने विवादित बयानों के चलते ठाकुर और वर्मा दोनों को क्रमश: 72 और 96 घंटे लिए चुनाव प्रचार करने से रोक दिया तथा उन्हें पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटवा दिया। वर्मा को बुधवार को दूसरी बार चुनाव प्रचार से रोक दिया गया।

बीजेपी के इस चुनावी अभियान की सबसे खास बात यह रही है कि पूरे चुनावी अभियान के दौरान सांप्रदायिकता और उग्र राष्ट्रवाद को सबसे आगे रखा गया। दिलचस्प यह रहा कि सिर्फ छोटे और भड़काने वाले बयानों के लिए मशहूर नेताओं ही नहीं मुख्यधारा के नेताओं ने अपने भाषणों में इसकी पहल की। इसने पूरे चुनाव को सांप्रदायिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। फिलहाल दिल्ली बीजेपी की मीडिया सेल के मुताबिक पार्टी ने 5239 कैंपेन इवेंट किए। गृह मंत्री अमित शाह ने 60 विधानसभा क्षेत्रों में नुक्कड़ सभा की। वहीं पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी 70 सीटों में चुनावी रैलियों को संबोधित किया।

कैसा रहा आप का चुनावी अभियान?

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। उन्होंने हालांकि, रैलियों की जगह रोडशो और जनसभाओं पर ध्यान केंद्रित किया। पार्टी ने प्रवेश वर्मा की ‘आतंकवादी’ वाली टिप्पणी को लेकर भाजपा के खिलाफ दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मौन जुलूस भी निकाला। आप ने घर-घर जाकर लोगों से कहा कि यदि वे केजरीवाल को ‘दिल्ली का बेटा’ मानते हैं तो पार्टी को दिल्ली की सत्ता में पुन: लेकर आएं।

शुरुआत में आम आदमी पार्टी का पूरा चुनावी अभियान बिजली, पानी, सड़क, महिलाओं के लिए मुफ्त बस, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक पर केंद्रित रहा, लेकिन अंत में पार्टी बीजेपी के जाल में फंस गई और टीवी चैनलों पर अरविंद केजरीवाल हनुमान चलीसा पढ़ते नजर आए। हालांकि पूरे चुनावी अभियान के दौरान पार्टी शाहीन बाग के मुद्दे पर दूरी दिखाती नजर आई।

इसके अलावा आप कार्यकर्ताओं ने घर घर संपर्क करने का काम किया। आम आदमी के इस फार्मूले ने पिछले विधानसभा चुनाव में उसे जीत दिलाई थी। मोहल्ले में छोटी छोटी टीम बनाकर हर घर जाकर प्रचार करने की इस नीति का पालन अरविंद केजरीवाल की पत्नी ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर भी किया, जहां पर खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल उम्मीदवार है। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने करीब 200 रैलियों, रोडशो और नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी आम आदमी पार्टी ने जमकर प्रचार किया। कंपनी ने इसके लिए प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन-पैक (आईपैक) के साथ करार किया। कुल मिलाकर 'अच्छे बीते पांच साल, लगे रहो केजरीवाल' जैसे नारे के साथ उनका चुनावी अभियान सकारात्मक रहा।

पीछे नजर आई कांग्रेस

कांग्रेस के चुनाव प्रचार में भाजपा और आप जैसा जोश नहीं दिखा। हालांकि, मतदान के दिन नजदीक आने के साथ पार्टी सक्रिय हुई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को राजौरी गार्डन में एक रैली को संबोधित किया।

वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार और बुधवार को जनसभाओं को संबोधित किया। पार्टी ने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री जैसे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी चुनाव प्रचार करवाया।

इसके अलावा बसपा प्रमुख मायावती ने भी दिल्ली में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उनकी पार्टी ने 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अगर अन्य बड़े नेताओं की चर्चा करें तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा नेता चिराग पासवान, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार किया है।

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को होने मतदान में 14786382 मतदाता चुनाव मैदान में मौजूद कुल 672 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान के लिए 2688 मतदान स्थलों पर बने 13750 मतदान केन्द्रों पर 20385 ईवीएम मशीनों की मदद से मतदान होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस सहित छह राष्ट्रीय दलों के अलावा आप एवं अन्य पंजीकृत राज्यस्तरीय पार्टियों के कुल 672 उम्मीदवार (593 पुरुष और 79 महिला) चुनाव मैदान में हैं। इनमें 148 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय दलों में भाजपा और कांग्रेस ने 66-66, बसपा ने 68, भाकपा, माकपा ने तीन तीन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये हैं। राज्य स्तरीय पंजीकृत दलों में आप ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं अन्य पंजीकृत राज्यस्तरीय दलों के 243 उम्मीदवार चुनाव मैदन में हैं।

सर्वाधिक 28 उम्मीदवार नयी दिल्ली विधानसभा सीट से और सबसे कम चार उम्मीदवार पटेल नगर विधानसभा सीट पर हैं। नयी दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आप उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। दिल्ली में पंजीकृत कुल 14786382 मतदाताओं में 8105236 पुरुष, 6680277 महिला और 869 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। सभी मतदाताओं को फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र जारी किये जा चुके हैं। दिल्ली में 498 अनिवासी भारतीय और 11608 सर्विस वोटर भी शामिल हैं।

क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र बल्लीमारान और सबसे बड़ा क्षेत्र नरेला है, जबकि सबसे कम मतदाताओं वाला विधानसभा क्षेत्र चांदनी चौक (125684 मतदाता) और सर्वाधिक मतदाताओं वाला क्षेत्र मटियाला (423682 मतदाता) है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Delhi Assembly Election 2020
AAP
Arvind Kejriwal
BJP
Narendra modi
Congress
Rahul Gandhi
unemployment
education
CAA
NRC
Shaheen Bagh

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

डरावना आर्थिक संकट: न तो ख़रीदने की ताक़त, न कोई नौकरी, और उस पर बढ़ती कीमतें

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    'राम का नाम बदनाम ना करो'
    17 Apr 2022
    यह आराधना करने का नया तरीका है जो भक्तों ने, राम भक्तों ने नहीं, सरकार जी के भक्तों ने, योगी जी के भक्तों ने, बीजेपी के भक्तों ने ईजाद किया है।
  • फ़ाइल फ़ोटो- PTI
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?
    17 Apr 2022
    हर हफ़्ते की कुछ ज़रूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन..
  • hate
    न्यूज़क्लिक टीम
    नफ़रत देश, संविधान सब ख़त्म कर देगी- बोला नागरिक समाज
    16 Apr 2022
    देश भर में राम नवमी के मौक़े पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद जगह जगह प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में दिल्ली में जंतर मंतर पर नागरिक समाज के कई लोग इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारियों की माँग थी कि सरकार हिंसा और…
  • hafte ki baaat
    न्यूज़क्लिक टीम
    अखिलेश भाजपा से क्यों नहीं लड़ सकते और उप-चुनाव के नतीजे
    16 Apr 2022
    भाजपा उत्तर प्रदेश को लेकर क्यों इस कदर आश्वस्त है? क्या अखिलेश यादव भी मायावती जी की तरह अब भाजपा से निकट भविष्य में कभी लड़ नहींं सकते? किस बात से वह भाजपा से खुलकर भिडना नहीं चाहते?
  • EVM
    रवि शंकर दुबे
    लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में औंधे मुंह गिरी भाजपा
    16 Apr 2022
    देश में एक लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के नतीजे नए संकेत दे रहे हैं। चार अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License