NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
भाषा
06 May 2022
Supreme Court

उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र और दिल्ली के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण के विवाद से जुड़ा मामला शुक्रवार को पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ को स्थानांतरित किया।
     
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
     
प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की एक पीठ ने कहा कि संविधान पीठ ने सेवाओं पर नियंत्रण के मुद्दे के अलावा विवाद से उत्पन्न सभी मुद्दों पर विचार किया है।
     
शीर्ष अदालत ने केन्द्र और आम आदमी पार्टी (आप) नीत दिल्ली सरकार के वकीलों से 11 मई को मामले पर अपनी दलीलें पेश करने को कहा।
    
शीर्ष अदालत ने मामले को पांच सदस्यीय पीठ के पास भेजने के संबंध में 28 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
     
यह याचिका 14 फरवरी 2019 के उस विभाजित फैसले को ध्यान में रखते हुए दायर की गयी है, जिसमें न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की दो सदस्यीय पीठ ने भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को उनके विभाजित फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण के मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन करने की सिफारिश की थी। दोनों न्यायाधीश अब सेवानिवृत्त हो गए हैं।
     
न्यायमूर्ति भूषण ने तब कहा था कि दिल्ली सरकार के पास प्रशासनिक सेवाओं पर कोई अधिकार नहीं हैं। हालांकि, न्यायमूर्ति सीकरी की राय उनसे अलग थी।

Supreme Court
Central Administrative Service dispute
Delhi
N. V. Ramana

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    सपा प्रतिनिधिमंडल को न, दूसरे दलों को हां... आख़िर आज़म का प्लान क्या है?
    25 Apr 2022
    सीतापुर की जेल में बंद आज़म ख़ान से पहले शिवपाल यादव फिर कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम की मुलाकात नए सियासी समीकरण के संकेत दे रही है।
  • tiranga yatra
    न्यूज़क्लिक टीम
    जहांगीरपुरी की तिरंगा यात्रा! कायम की मिसाल, मीडिया कब सुधरेगा ?
    25 Apr 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं जहांगीरपुरी में हुई तिरंगा यात्रा की जिसने आपसी भाईचारे और शांति की एक मिसाल पेश की है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार की राजधानी पटना देश में सबसे ज़्यादा प्रदूषित शहर
    25 Apr 2022
    देश के 129 शहरों की सूची में पटना सबसे ज्यादा प्रदूषित है जिसका सूचकांक 365 पाया गया है। वहीं दूसरे स्थान पर बिहार का ही मुंगेर शहर है जिसका सूचकांक 358 पाया गया है।
  • परमजीत सिंह जज
    लाल क़िले पर गुरु परब मनाने की मोदी नीति के पीछे की राजनीति क्या है? 
    25 Apr 2022
    प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर जी के जन्मदिवस पर भाषण दिया। इस भाषण के कई गहरे मायने निकाले जा रहे हैं।
  • ऋचा चिंतन
    WHO की कोविड-19 मृत्यु दर पर भारत की आपत्तियां, कितनी तार्किक हैं? 
    25 Apr 2022
    भारत ने डब्ल्यूएचओ के द्वारा अधिक मौतों का अनुमान लगाने पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते इसके प्रकाशन में विलंब हो रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License