NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली :न्यायालय ने निर्माण गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध को पूरी तरह से हटाया
मज़दूर संगठनों ने इस फ़ैसले का स्वागत तो किया है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि इसका स्थाई समाधान होना चाहिए। जब भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो सरकार हज़ारों निर्माण मज़दूरों की आजीविका के बारे में सोचते हुए निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा देती है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Feb 2020
supreme court

दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा दिया।

न्यायालय ने पिछले साल चार नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण एवं विविध निर्माणों को तोड़ने की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।

उसके करीब एक महीने बाद नौ दिसंबर को प्रतिबंध आंशिक रूप से हटा लिए गए थे और सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच निर्माण कार्य के लिए मंजूरी दी गयी थी। इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा था कि उस समय वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर गंभीर नहीं है।

शुक्रवार को यह मामला न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष लाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ से कहा कि प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा लिया जाना चाहिए क्योंकि इसका मकसद पूरा हो गया है। वह प्रदूषण संबंधी मामले में न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) हैं।

भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने प्रतिबंध को हटा दिया। इससे दिल्ली-एनसीआर में रात के समय निर्माण गतिविधियों के लिए रास्ता साफ हो गया।

इसके अलावा, पीठ ने एक अन्य आवेदन पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा। इस याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च अदालत द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद यहां कचरा जलाया जा रहा है।   इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।

 हालंकि निर्माण क्षेत्र में लगे प्रतिबंध से सबसे अधिक कोई प्रभावित हुआ था तो वो दिल्ली का निर्माण मज़दूर था। जो रोजाना दिहाड़ी पर काम करता था जोकि निर्माण कार्य पर रोक से  कामबंदी के दौर से गुजर रहा था। इस फैसले से दिल्ली के हज़ारों निर्माण श्रमिक के रोजगार के अवसर पुनः खुल गए हैं।  

मज़दूर संगठनों ने इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इसका स्थाई समाधान होना चाहिए ,जब भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तो सरकार हज़ारों निर्माण मज़दूरों की आजाविका के बारे में सोचे हुए निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगा देती है।  

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

Supreme Court
Labor organizations
ncr
India Trade Promotion Organization
ITPO
Delhi Pollution

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License