NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली: प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर पुलिस का बल प्रयोग, नाराज़ डॉक्टरों ने काम बंद का किया ऐलान
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की ओर से जारी आधिकारिक बयान में बर्बरता का दावा करते हुए इसे चिकित्सा बिरादरी के इतिहास में काला दिन कहा है। उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए घोषणा की कि आज (मंगलवार) से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Dec 2021
Doctors’ Protest
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

दिल्ली: नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में देरी को लेकर डॉक्टर्स ने सोमवार को दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन किया। हड़ताली डॉक्टर्स ने अपना मार्च सेंट्रल दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से शुरू किया। इस दौरान पीजी 2021 की काउंसलिंग जल्द करवाने को लेकर खूब नारेबाजी की गई। डॉक्टर्स सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचना चाह रहे थे, लेकिन डॉक्टर्स को दिल्ली पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। इसके बाद डॉक्टर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए बड़ी तादाद में डॉक्टरों को हिरासत में लिया। हालंकि देर रात सभी को रिहा कर दिया गया है।

इस बीच डॉक्टरों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में बर्बरता का दावा करते हुए इसे चिकित्सा बिरादरी के इतिहास में काला दिन कहा है। उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए घोषणा की कि आज (मंगलवार) से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे।

image

सनद रहे पिछले एक महीने से दिल्ली और देश में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। लेकिन सरकार उनकी मांग सुनने को तैयार नहीं है। ये लोग दिल्ली में कई दिनों से अलग अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को एक मार्च था। जिस पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। डॉक्टर्स अभी भी सफदरजंग में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि "मंत्रालय और संबंधित प्राधिकारियों को कई बार याद दिलाने के बावजूद नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में बार-बार देरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की तीसरी लहर आने का खतरा है, हम यह दोहराना चाहते हैं कि हमारे पास कर्मियों की काफी कमी है क्योंकि अभी तक 2021 बैच के पीजी रेजीडेंट डॉक्टरों की भर्ती नहीं हुई है।’’

डॉक्टरों के संगठन ने दावा किया कि पुलिस ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की है और कई लोगों के कपड़े भी फटे हैं। महिला डॉक्टरों के साथ गलत व्यवहार किया गया। उनके साथ भी बदसलूकी की गई है।

उधर, पुलिस ने डॉक्टरों के आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि डॉक्टरों के साथ कोई मारपीट या बल प्रयोग नहीं किया गया। इन लोगों ने जब सड़क को जाम कर दिया था तो उनको हिरासत में लेकर आईपी इस्टेट थाने लाया गया। बाद में सभी को रिहा कर दिया गया।

हालाँकि इस बीच कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें पुलिस डॉक्टरों को घसीटकर जबरदस्ती बसों में बैठा रही है। कई फोटो में पुरुष पुलिस ही महिला डॉक्टरों के साथ जबरदस्ती करती दिख रही है।

इस मामले में राहुल और प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की तीखी अलोचना की है।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि "फूल बरसाना दिखावे का पीआर (जनसंपर्क) था, असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं। केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ मैं कोरोना योद्धाओं के साथ हूं"।

फूल बरसाना दिखावे का PR था,
असलियत में अन्याय बरसा रहें हैं।

केंद्र सरकार के अत्याचार के ख़िलाफ़ मैं #CovidWarriors के साथ हूँ।#NEETPG pic.twitter.com/lzmWjLrwMZ

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2021

जबकि प्रियंका गांधी ने लिखा "कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया। अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले नरेंद्र मोदी जी को नींद से जगाएं। डॉक्टरों को झूठा पीआर नहीं, सम्मान व हक चाहिए"।

कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों का साथ दिया।

अब समय है पूरा देश डॉक्टरों के साथ खड़े होकर इन पर पुलिस बल प्रयोग करने वाले व इनकी मांगों को अनसुना करने वाले @narendramodi जी को नींद से जगाए

डॉक्टरों को झूठा PR नहीं, सम्मान व हक चाहिए। pic.twitter.com/FG04p4U98o

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 27, 2021

छात्र संगठन एसएफआई ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए बयान जारी किया। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे डोक्टरों के साथ एकजुटता ज़ाहिर करते हुए कहा यह अत्यंत चिंताजनक है कि नीट पीजी 2021 काउंसलिंग में देरी हो रही है। आमतौर पर साल की पहली तिमाही में होने वाली प्रवेश परीक्षा में कई महीनों की देरी हुई है। अब परिणाम घोषित होने के दो महीने बाद भी काउंसलिंग में देरी हो रही है। इस देरी के कारण पूरे भारत के मेडिकल कॉलेजों में मैनपॉवर की कमी हो गई है। इस हालत में केंद्र सरकार द्वारा डॉक्टरों की माँग को नज़रअंदाज़ किया जान गलत है। प्रवेश प्रक्रिया को बिना किसी और देरी के पूरा किया जाना चाहिए।

SFI Condemns the Brutality Unleashed on Protesting Resident Doctors by Delhi Police. They were protesting for timely NEET PG Counselling.

We demands for the NEET PG Counselling asap and subsequent admission process.#NeetPGCounselling2021 #NEET@FordaIndia @PTI_News @ANI pic.twitter.com/Y2pVZwQQyW

— SFI Delhi (@SfiDelhi) December 27, 2021

Doctors’ Protest
Delhi Doctors
FORDA
NEET PG Counselling Resident Doctors
delhi police

Related Stories

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

2021ः कोरोना का तांडव, किसानों ने थमाई मशाल, नफ़रत ने किया लहूलुहान

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देश भर से मिल रहा समर्थन

नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग की मांग को लेकर रेजीडेंट डॉक्टरों ने नियमित सेवाओं का किया बहिष्कार

दिल्ली: ऐक्टू ने किया निर्माण मज़दूरों के सवालों पर प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए बैरिकेड हटा रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालय के सफ़ाई कर्मचारियों ने कपड़े उतार कर मुख्यमंत्री आवास पर किया प्रदर्शन!

दिल्ली पुलिस की 2020 दंगों की जांच: बद से बदतर होती भ्रांतियां


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License