NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
दिल्ली: मज़दूर संगठनों ने सरकार को 26 नवंबर की हड़ताल का नोटिस दिया
देश के 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने केन्द्र व राज्य सरकारों की श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ 26 नवम्बर 2020 को आम हड़ताल का फैसला किया है। इस हड़ताल को 200 से ज्यादा किसान संगठनों के राष्ट्रीय मंच ने भी खुलकर समर्थन दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Nov 2020
मज़दूर संगठन

दिल्ली: सेंट्रल ट्रेड यूनियनों व फेडरेशनों की दिल्ली इकाई के संयुक्त मंच ने शुक्रवार को शहीदी पार्क से लेकर दिल्ली सचिवालय तक मार्च किया। इसमें सैकड़ों मजदूरों ने हिस्सा लिया। इसके माध्यम से 26 नवंबर 2020 की हड़ताल का नोटिस दिल्ली के मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री को दिया गया। साथ ही राज्य की सत्तारूढ़ आप सरकार से राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार द्वारा पारित श्रम संहिता को लागू नहीं करने का भी अनुरोध किया गया है।

आपको बता देश के 10 केन्द्रीय श्रमिक संगठनों ने 2 अक्टूबर 2020 की राष्ट्रीय कन्वेंशन में संयुक्त तौर पर केन्द्र व राज्य सरकारों की श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी, जन विरोधी नीतियों के खिलाफ़ 26 नवम्बर 2020 को आम हड़ताल का फैसला किया है। इस हड़ताल को 200 से ज्यादा किसान संगठनों के राष्ट्रीय मंच ने भी खुलकर समर्थन किया है।

सरकार को दिए हड़ताल नोटिस के माध्यम से 7 केन्द्रीय मांगों के अलावा दिल्ली से संबंधित 27 सूत्रीय मांगपत्र दिल्ली सरकार को सौंपा गया है। साथ ही उम्मीद जताई गई है कि दिल्ली सरकार मज़दूरों के साथ बातचीत करके इन मांगों का समाधान करेगी। मज़दूरों संगठनों ने साफ तौर पर कहा है कि 26 नवंबर की हड़ताल आने वाले दिनों में सरकारों के मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ़ जुझारू और निर्णायक संघर्षों की तरफ बढ़ने का मौका होगी।

बता दें कि हड़ताल को सफल बनाने के लिए दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों, मजदूर बस्तियों, सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों व सरकारी कार्यालयों में अभियान जोर-शोर से जारी है। इस नोटिस पर सीटू, एटक, एआईसीसीटीयू, इंटक, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, यूटीयूसी, सेवा , एलपीएफ, एमईसी और आईसीटीयू ने हस्ताक्षर किए हैं।

अपने संयुक्त बयान में ट्रेड यूनियनों ने कहा है कि श्रमिकों के लगातार विरोध के बाद भी पूरी हठधर्मिता और अलोकतांत्रिक तरीके से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने कृषि और श्रमिक बिलों को कानूनी जामा पहना दिया है। कोरोना महामारी से जूझ रही जनता को राहत देने के बजाए स्थिति का कपटपूर्ण इस्तेमाल करते हुए श्रम कानूनों, श्रम अधिकारों पर हमले किये गए हैं। श्रम सुधार व व्यापार में सुगमता के नाम पर मालिकों के लिए जंगलराज व मजदूरों के लिए गुलामी, कैद 4 नए श्रम कोड में पुख्ता कर दी गई है।

इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर भी अनदेखी का आरोप लगते हुए  कहा कि दिल्ली में सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन व श्रम काूनन लागू नहीं है। श्रम विभाग में केसों का निपटान समय से नहीं होता है। इंडस्ट्रियल एक्सीडेंटस की घटनाएं लगातार होती रहती हैं। श्रम विभाग में बैठे आला अधिकारियों में काम के प्रति लापरवाही, व्याप्त भ्रष्टाचार व स्टाफ की कमी के चलते ये स्थिति बनी है।

इसके अलावा दिल्ली सरकार व नगर निगम के विभागों में ठेकेदारी व कामों की आउटसोर्सिंग का बोलबाला है। समय से वेतन न मिलने की अनेकों शिकायतों भी लगाातार आ रही हैं। दिल्ली सरकार ने इस वर्ष मंहगाई भत्ते की 2 किश्त भी अभी तक जारी नहीं की है। असंगठित क्षेत्र में लगे लाखों श्रामिकों के लिए कोई योजना दिल्ली सरकार ने लागू नहीं की है। उल्टा स्वरोजगारी रेहड़ी-पटरी वालों को उजाड़ा जा रहा है।

जैसाकि आपको ज्ञात है कि किसानों के 200 से अधिक संगठनों की संयुक्त समिति अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने भी 26 नवंबर से 27 नवंबर के बीच एक देशव्यापी हड़ताल और विरोध का आह्वान किया है। इसे लेकर ये संगठन राष्ट्रीय राजधानी में मार्च करेंगे।  किसानों के इस प्रदर्शन को ही मज़दूरों संगठनों के  संघर्ष के साथ जोड़ते एक संयुक्त विरोध का आह्वान किया गया है।  

Central Trade Unions and Federations
workers protest
Workers and Labors
AAP
Arvind Kejriwal
CITU
AITUC
AICCTU
INTUC
hms
AIUTUC
TUCC
UTUC
SEVA
LPF
MEC
ICTU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • Olaf Scholz
    एम. के. भद्रकुमार
    मास्को की नपी-तुली कूटनीति काम कर रही है
    21 Feb 2022
    यूक्रेन पर रूसी हमले की संभावना सही मायने में कभी थी ही नहीं। हालांकि, अगर यूक्रेनी सेना अलगाववादी ताक़तों पर हमला करती है, तो डोनबास क्षेत्र में मास्को के हस्तक्षेप का होना सौ फ़ीसदी तय है।
  • sultanpur
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी चुनावः सुल्तानपुर चीनी मिल राज्य सरकार की अनदेखी से हुई जर्जर
    21 Feb 2022
    "सुल्तानपुर चीनी मिल के सही ढ़ंग से न चलने की वजह से इस इलाके के गन्ने की उपज प्राइवेट क्रशर मशीन में किसान मजबूरन दे देते हैं जहां से उनको गन्ने की कीमत आधी या दो-तिहाई ही मिल पाती है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी में पीएम मोदी ने पार की चुनावी मर्यादा, जागो चुनाव आयोग
    21 Feb 2022
    आज के एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अखिलेश यादव पर साधे गए निशाने पर बात की और उसको हास्यास्पद बताया। उसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी टिप्पणी की कैसे एक…
  • election
    रवि शंकर दुबे
    यूपी चुनाव चौथा चरण: लखीमपुर हिंसा और गोवंश से फ़सलों की तबाही जैसे मुद्दे प्रमुख
    21 Feb 2022
    उत्तर प्रदेश में तीन चरणों के चुनावों के बाद अब चौथे चरण के लिए जंग शुरू हो गई है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाद अब अवध की चुनावी परिक्रमा लगातार जारी है। लेकिन चौथे चरण में अवध की वो सीटे भी हैं जहां…
  • Ballia
    विजय विनीत
    बलिया: ''सबके वोटे के चिंता बा, चुनाव बाद रसड़ा चीनी मिल के बात केहू ना करे ला''
    21 Feb 2022
    देसी चीनी और गुड़ के लिए मशहूर रसड़ा, कभी ''रसदा'' के नाम से जाना जाता था। रसड़ा इलाके में कई घंटे गुजारने के बाद हमें इस बात का एहसास हो चला था कि रसड़ा में हर आदमी की जुबां पर सिर्फ़ एक ही सवाल है…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License