NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
सीमा क्षेत्र को बंद करने के अल्जीरिया के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मोरक्को के किसानों का प्रदर्शन
दोनों देशों के बीच विवादित सीमा क्षेत्र 1994 से बंद है। केवल इस क्षेत्र के कृषक समुदाय को अल्जीरिया द्वारा इस क्षेत्र की कृषि भूमि पर खजूर की खेती करने की अनुमति थी।
पीपल्स डिस्पैच
19 Mar 2021
सीमा क्षेत्र को बंद करने के अल्जीरिया के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मोरक्को के किसानों का प्रदर्शन

गुरुवार 18 मार्च को मोरक्को के सैकड़ों किसानों ने अल्जीरियाई सरकार द्वारा दोनों देशों के बीच स्थित सीमा पर एक विवादित क्षेत्र से उन्हें बाहर निकालने के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अल अरबी मीडिया संस्थान ने आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में जानकारी दी। इस क्षेत्र को किसानों को खाली करने का आदेश जारी करते हुए अल्जीरियाई अधिकारियों ने उन्हें 18 मार्च तक का डेडलाइन दिया था। जिसके बाद उन्होंने इस सीमा को बंद कर दिया। इसके बाद सीमा से मोरक्को की ओर स्थित फिगुइग शहर में किसानों ने अल्जीरियाई फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस फैसले से उनकी आजीविका के समाप्त होने का खतरा है और यह उन्हें रोजी रोटी के साधन के बिना संकट में डालता है।

इस बीच अल्जीरिया ने कहा है कि विशेष रूप से मोरक्को में बड़ी मात्रा में हो रही भांग के खेती बाजार के लिए अल्जीरिया के बेनी ऊनिफ और बेचर क्षेत्रों में अपना रास्ता तलाशता रहा है ऐसे में इस क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सीमा को बंद करने का निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया था।

भले ही विवादित क्षेत्र में दोनों देशों के बीच की सीमा को 1994 से बंद कर दिया गया है मगर अल्जीरिया ने मोरक्को के कृषक समुदाय के लगभग 30 किसान परिवारों को कृषि-संबंधी उद्देश्यों के लिए इस क्षेत्र के कुछ भूखंड को इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी।

प्रदर्शनकारियों ने विवादित कृषि क्षेत्र की ओर रैली निकालने की कोशिश की लेकिन मोरक्को पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया।

ऐसी भी रिपोर्टें आई हैं कि इस मुद्दे पर कई विश्लेषकों और टिप्पणीकारों का मानना है कि अल्जीरियाई सरकार के इस निर्णय के पीछे दोनों देशों के बीच लगातार बिगड़ते संबंध हैं। दोनों ही सार्वजनिक रूप से मादक पदार्थों की तस्करी के कारण के बजाय ऐतिहासिक रूप से पश्चिमी सहारा भूमि विवाद में शामिल रहे हैं। ये तस्करी इस क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या के रूप में कम महत्व का कारण हो सकता है। भले ही दोनों देशों ने 1972 में संयुक्त राष्ट्र समझौते के माध्यम से निर्धारित सीमा रेखा पर सहमति व्यक्त की लेकिन मोरक्को ने तब से इस क्षेत्र को मिलाने के लिए कई प्रयास किए और वहीं अल्जीरिया ऐसा होने से रोकने के लिए हर तरह का प्रयास करता रहा।

Algeria
Morocco
Moroccan farmers

Related Stories

प्रसिद्ध अल्जीरियाई पत्रकार मोहम्मद मौलौद्ज को आतंकवाद के आरोप में हिरासत में लिया गया

मोरक्को की सत्ताधारी पार्टी को संसदीय चुनावों में मिली भारी हार

112 दिनों की भूख हड़ताल के बाद जेल में बंद मोरक्को के पत्रकार सुलेमान रायसूनी की तबीयत बिगड़ी

अल्जीरिया में 100 से अधिक हिरक प्रदर्शनकारी रिहा

अल्जीरियाई स्वतंत्रता दिवस पर जेल में बंद हिरक आंदोलन के 18 कार्यकर्ता रिहा

अल्जीरियाई वामपंथी पार्टी के नेता फेथी घारेस फ़र्ज़ी आरोपों में गिरफ़्तार

वित्त मंत्री अयमन बेनअब्दर्रह्मान अल्जीरिया के नए प्रधानमंत्री

अल्जीरियाई पुलिस ने प्रमुख मानवाधिकार और अत्याचार-विरोधी कार्यकर्ता फ़ातिहा ब्रिकी को हिरासत में लिया

सत्ता-समर्थक दल अल्जीरियाई चुनावों में आगे

स्पेन की शीर्ष अदालत का कथित युद्ध अपराधों की शिकायतों में पोलिसारियो फ्रंट के प्रमुख की हिरासत से इनकार


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License