NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
डिलीवरी कर्मचारियों का भुगातन नियम के ख़िलाफ़ चार दिनों से प्रदर्शन जारी
इस कोरोना काल में कंपनी नए भुगतान नियम लाई है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही वो पुराने भुगतान नियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Aug 2020
swiggy

पिछले हफ्ते स्विगी ने ग्राहक को भारी छूट देकर अपने पांच साल का पूरे होने का जश्न मनाया। हालांकि, अपने जन्मदिन को मनाने में लगता है कि स्विगी उन कर्मचारियों को भूल गए जिन्होंने कंपनी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कोरोना काल में कंपनी नए भुगतान नियम लाई है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही वो पुराने भुगतान नियम को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

While the company is celebrating its five years the @swiggy_in delivery workers are struggling to demand for better work conditions and earnings. Company is resorting to suspending ids when the workers demand for better earning and work condition across the country. https://t.co/GqWNsL60mD

— Indian Federation Of App Based Transport Workers (@Connect_IFAT) August 14, 2020

इसको लेकर देश के कई राज्यों के कर्मचरी विरोध प्रदर्शन कर रहे है। चेन्नई में ये कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर है। 
 
यह हाल सिर्फ स्विगी का नहीं बल्कि अन्य ऐप बेस डिलवरी कंपनियों के कर्मचारियों का भी है। पिछले 4 दिनों से इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (आईएफएटी) ने भारत के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के कारण भारत के ड्राइवर और डिलीवरी पार्टनर की समस्याओं को उजागर करने के लिए शांतिपूर्ण और मौन विरोध का आह्वान किया है। आज मंगलवार उनके प्रदर्शन का पांचवा दिन है ये 12 से अधिक राज्यों के डिलिवरी वर्कर अपनी मांगों  के लिए हड़ताल/विरोध /प्रदर्शन कर रहे है।  

कर्मचारी प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?

कर्मचारियों ने बताया कि डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को कोरोना माहमारी से लड़ने के लिए मुलभूत सुविधाएं नहीं दी जा रही है। उदाहरण के लिए कर्मचारियों ने बताया की स्विगी ने केवल एक बार मार्च में सैनिटाइजर के लिए अपने कर्मचारियों को 200 रुपये दिए। उसके बाद इस मद में कोई पैसा नहीं दिया गया। जिस वजह से  कर्मचारी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह सिर्फ न कर्मचारियों, उनके परिवारों बल्कि  ग्राहकों की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदार कंपनी की है। केवल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए संपर्क कम और नकदी कम उपयोग सुनिश्चित करना पर्याप्त नहीं है।

कर्मचारी मांग करते हैं कि कंपनियों को एक बार फिर से उच्च गुणवत्ता वाले फेस मास्क, दस्ताने और हैंड सैनिटाइज़र से युक्त सुरक्षा किट प्रदान करनी चाहिए या उसकी  कीमत कर्मचारियों को देना चाहिए।

 रेस्तरां खुल गए पर अब भी कमाई आधी ही है: कर्मचारी

भले ही रेस्तरां खुलने लगे हैं और टेक-ऑफ और डिलीवरी का काम शुरू हो गया है, लेकिन  उपभोक्ता की मांग में कमी के कारण ऑनलाईन ऑर्डर घट गए हैं। नतीजतन, मौजूदा डिलीवरी कर्मचारी, जिन्हें प्रति-डिलीवरी के आधार पर भुगतान किया जाता है, उन्हें पर्याप्त ऑर्डर नहीं मिल रहा है इसके साथ ही दो ऑर्डर के बीच के समय को भी लंबा कर रहा है। उन्हें एक ऑर्डर के लिए अधिक यात्रा भी करनी पड़ रही है जिससे उनकी कमाई में  गिरावट हुई है। पिछले छह महीनों में Swiggy और Zomato दोनों ने इंसेंटिव स्ट्रक्चर और डिलीवरी कर्मचारी के भुगतान  में कटौती की है।

धर्मेंद्र जो खुद डिलीवरी बॉय हैं और आईएफएटी से जुड़े भी हैं, उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा है कि किसी भी उद्योग में कर्मचारी काम करता है तो उसकी तरक्की होती है उसके वेतन में इजाफा होता है परन्तु यहां उल्टा हमारी आमदानी में कटौती हो रही है। उन्होंने बताया जब हमने आज से पांच साल पहले काम शुरू किया था तब हम एक पैकट डिलीवरी के लिए साठ रुपये मिलते थे लेकिन उसे घटाकर 35 रुपये किया गया और इस महामारी में जब हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तब उस रेट को और भी कम करके 15 रुपये किया जा रहा है। जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल के दाम लगातर आसमान छू रहे हैं जो पेट्रोल पहले 70 रुपये था आज 80 रुपये तक पहुंच गया है।  पहले हम दिन भर में काम करके 500 से 600 रुपये कमाते थे परन्तु अब 12 घंटे काम करने के बाद भी 300 से 400 रुपये ही कमा पाते हैं। ऐसे में हमारे लिए घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।

धर्मेंद्र ने कहा कि ऑर्डर  में कमी के कारण कर्मचारियों को इंसेंटिव की का टारगेट पूरा नहीं हो रहा है। कंपनी को अपने कर्मचारियों के  प्रति संवेदनशील होकर  प्रोत्साहन संरचना को संशोधित करना चाहिए, जो व्यावहारिक रूप से 10 घंटे से कम समय में हासिल की जा सकता हो।
प्रदर्शनकारियों ने कंपनी द्वारा नई भर्ती को लेकर भी नाराज़गी जताई और कहा चूंकि कंपनी मौजूदा कर्मचारियों को पर्याप्त काम देने में असमर्थ है, इसलिए उन्हें अस्थायी रूप से नए डिलीवरी बॉय के भर्ती को रोकना चाहिए और मौजूदा कर्मचारियों को ऑर्डर के कम होने पर कार्यदिवसों के रोटेशन-बेसिस पर काम  देना चाहिए ताकि हर कर्मचारी को   पैसा कमाने का समान और उचित मौका मिल सके।

आईएफएटी के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन शेख सलाउद्दीन पूछते हैं कि अपनी स्थापना के बाद से इसके देश भर में 10 लाख से अधिक वितरण श्रमिक यानी डिलवरी बॉय है, लेकिन अब  2 लाख से भी कम डिलवरी बॉय इससे जुड़े हुए हैं क्यों?  

सलाउद्दीन ने कहा अपने शुरुआती वर्षों में इसके डिलीवरी बॉय की कमाई अच्छी थी । अब पिछले कुछ सालों में इंडस्ट्री में कमाई कम हो गई है। इसके भुगतान और प्रोत्साहन (इंसेंटिव)संरचना में लगातार कमी और तेल  की कीमत में वृद्धि के कारण डिलीवरी वर्कर की हालत और खराब हो गई है,जबकि कंपनी अपने पांच साल का जश्न मना रही है, डिलीवरी कर्मचारी बेहतर काम की स्थिति और कमाई की मांग के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  जब श्रमिकों ने देश भर में बेहतर कमाई और काम की स्थिति की मांग की है तब कंपनी ने आईडी को निलंबित करने का सहारा लिया है। 

कर्मचारियों की मुख्य मांगें

1) कंपनी द्वारा प्रदान किया गया मौजूदा सुरक्षा उपाय अपर्याप्त है। कंपनी मौजूदा उपायों को बढ़ाए और ड्राइवरों और डिलीवरी श्रमिकों को नए सुरक्षा किट प्रदान किया जाए।

2) भुगतान को बढ़ाया जाए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समय पर प्रतिबंध लगाने के कारण उपभोक्ता की मांग और काम के घंटों में कमी को देखते हुए प्रोत्साहन (इंसेंटिव) संरचना को संशोधित किया जाए।

हालंकि कंपनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के सुरक्षा के लिए बीमा करवाया है। इसके साथ ही उसमें परिवार के लोगो को भी शामिल किया है। हमने हमेशा अपने कर्मचारियों का ध्यान रखा है।

कर्मचारी कंपनी के ऐसे सभी दावों को गलत बताते है और कहते है ये सब काग़ज़ी बात है। हमारे कई साथी है जिनकी मौत सड़क दुर्घटना में हुई है परन्तु उन्हें आजतक कोई पैसा नहीं मिला है।

कर्मचारियों ने तो यहां तक कहा कि कंपनी ने इस लॉकडाउन में हमारे नाम पर करोड़ों रुपये का चन्दा इकठ्ठा किया परंतु उन्होंने कर्मचारियों कि मदद नहीं की बल्कि अब हमारे वेतन में कटौती कर रही है।

Coronavirus
COVID-19
swiggy
Zomato
Salary Cut

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत


बाकी खबरें

  • putin
    अब्दुल रहमान
    मिन्स्क समझौते और रूस-यूक्रेन संकट में उनकी भूमिका 
    24 Feb 2022
    अति-राष्ट्रवादियों और रूसोफोब्स के दबाव में, यूक्रेन में एक के बाद एक आने वाली सरकारें डोनबास क्षेत्र में रूसी बोलने वाली बड़ी आबादी की शिकायतों को दूर करने में विफल रही हैं। इसके साथ ही, वह इस…
  • russia ukrain
    अजय कुमार
    यूक्रेन की बर्बादी का कारण रूस नहीं अमेरिका है!
    24 Feb 2022
    तमाम आशंकाओं के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला करते हुए युद्ध की शुरुआत कर दी है। इस युद्ध के लिए कौन ज़िम्मेदार है? कौन से कारण इसके पीछे हैं? आइए इसे समझते हैं। 
  • up elections
    अब्दुल अलीम जाफ़री
    उत्तर प्रदेश चुनाव: ज़मीन का मालिकाना हक़ पाने के लिए जूझ रहे वनटांगिया मतदाता अब भी मुख्यधारा से कोसों दूर
    24 Feb 2022
    उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान इस इलाक़े में होना है। ज़मीन के मालिकाना हक़, बेरोज़गारी और महंगाई इस क्षेत्र के कुछ अहम चुनावी मुद्दे हैं।
  • ayodhya
    अरुण कुमार त्रिपाठी
    यूपी चुनाव: अयोध्यावादियों के विरुद्ध फिर खड़े हैं अयोध्यावासी
    24 Feb 2022
    अयोध्या में पांचवे दौर में 27 फरवरी को मतदान होना है। लंबे समय बाद यहां अयोध्यावादी और अयोध्यावासी का विभाजन साफ तौर पर दिख रहा है और धर्म केंद्रित विकास की जगह आजीविका केंद्रित विकास की मांग हो रही…
  • mali
    पवन कुलकर्णी
    माली से फ़्रांसीसी सैनिकों की वापसी साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक जीत है
    24 Feb 2022
    माली से फ़्रांसीसी सैनिकों को हटाने की मांग करने वाले बड़े पैमाने के जन-आंदोलनों का उभार 2020 से जारी है। इन आंदोलनों की पृष्ठभूमि में, माली की संक्रमणकालीन सरकार ने फ़्रांस के खिलाफ़ लगातार विद्रोही…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License