NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
बढ़ी हुई जनसंख्या के अनुरूप हो एनएफएसए के लाभार्थियों का निर्धारण : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थियों की सीमा को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट/भाषा
22 Jul 2021
गहलोत

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से मांग की है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थियों का निर्धारण बढ़ी हुई जनसंख्या के अनुरूप हो।

यहां जारी बयान के अनुसार गहलोत ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थियों की सीमा को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने उसमें कहा है कि बीते 10 वर्षों में देश के सभी राज्यों की जनसंख्या बढ़ी है और कई परिवार खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में आ गए हैं, ऐसे जरूरतमंद परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार खाद्य सुरक्षा के लाभाथिर्यों की सीमा का पुनर्निर्धारण किया जाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘‘ राज्य में खाद्य सुरक्षा के तहत भारत सरकार द्वारा 2011 की जनगणना के आधार पर लाभार्थियों की सीमा 4 करोड़ 46 लाख निर्धारित की गई है। इन लाभार्थियों के लिए प्रति माह 2 लाख 30 हजार 882 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन किया जा रहा है। बीते 10 साल में बड़ी संख्या में परिवार एनएफएसए के पात्र हो गए हैं। कोरोना की विषम परिस्थितियों के कारण भी लोगों की आजीविका पर विपरीत असर पड़ा है और उन्हें भी खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है।’’

गहलोत ने आग्रह किया है कि वर्ष 2021 की राज्य की 8 करोड़ की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर भारत सरकार राज्य में लगभग 74 लाख अतिरिक्त व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की परिस्थितियों के कारण वर्ष 2021 में होने वाली देश की जनगणना में देरी होगी, ऐसे में खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले पात्र व्यक्तियों की संख्या के पुनर्निर्धारण में भी विलंब होने की आशंका है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि लाभार्थियों के नाम जोड़े जाने के लिए वर्तमान में बंद की हुई अपीलीय प्रक्रिया को पुनः शुरू कराया जाए।

यह समस्या जो गहलोत उठा रहे है वो अब देशव्यापी समस्या है।  दिल्ली जैसे राज्य है जहाँ अब इसी कानूनों के कारन नए राशन कार्ड नहीं बन सकते जिससे एक बड़ी आबादी को लाभ नहीं मिल पा रहा है।  इसी तरह देश के कई राज्यों की स्थति है।  कई जानकारों का मानना है की इस लिमिट को ही खत्म कर देना चाहिए। 

ashok gehlot
NFSA
Narendra modi
Congress
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License