NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
एल्गार मामला: सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बडे ने नए सिरे से जमानत याचिका दायर की
18 माह बाद लम्बी कानूनी प्रक्रिया झेलने के बाद 14 अप्रैल 2020, को गौतम नवलखा और आनन्द तेलतुम्बड़े को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। तब से ही ये दोनों भी जेल में है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Jan 2021
एल्गार मामला: सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बडे ने नए सिरे से जमानत याचिका दायर की

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता आंनद तेलतुम्बडे ने मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत के समक्ष नये सिरे से जमानत याचिका दायर की। उनके वकील ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि तेलतुम्बडे ने मामले के गुण-दोष के आधार पर जमानत का अनुरोध किया है।

वकील ने बताया कि एनआईए अदालत के समक्ष 27 जनवरी को इस पर सुनवाई सूचीबद्ध की गई है।
अदालत ने जुलाई में तेलतुम्बडे (70) को 'वैधानिक' जमानत देने से इंकार कर दिया था। वह करीब नौ महीने से जेल में बंद हैं।
जांच एजेंसी एनआईए द्वारा 90 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर करने में नाकाम रहने पर उन्होंने नियमानुसार जमानत प्रदान करने का अनुरोध किया था।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत तेलतुम्बडे ने 14 अप्रैल 2020 को आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद उन्हें एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था।
तेलतुम्बडे समेत कई अन्य कार्यकर्ताओं को माओवादियों से संबंध रखने और सरकार के तख्तापलट की साजिश के आरोप में, गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

इन पर कोरेगांव-भीमा के निकट हिंसा भड़काने का भी आरोप है।  इस तरह के मामलों में देश के कई बुद्धजीवियों, पत्रकारों, लेखकों सहित समाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी हुई है।  हालांकि, किसी भी मामले में पुलिस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई है। इसमें आनन्द तेलतुम्बड़े के अतिरिक्त, सुधा भारद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, फादर स्टेन स्वामी, सुधीर धावले वरवरा राव, रोना विल्सन, गौतम नवलखा, जैसे बुद्धिजीवी भी शामिल हैं। यह सभी, आम लोगों के सम्मानपूर्वक जीने के हक के पक्ष में, कोर्ट से लेकर सड़क तक संघर्षशील रहे हैं। ये लोग स्वास्थ्य-शिक्षा मुफ्त मिले, इसके लिए निजीकरण का विरोध करते रहे हैं और उन आदिवासियों के साथ खड़े हुए जिनकी जीविका के संसाधन को छीन कर पूंजीपतियों के हवाले किया जाता रहा है। इसलिए ये लोग शासक वर्ग के आंखों के किरकिरी बने हुए थे।

सुधा भरद्वाज, सोमा सेन, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस, फादर स्टेन स्वामी, सुधीर धावले, वरवरा राव, रोना विल्सन भीमा कोरेंगांव केस में जून और सितम्बर, 2018 से ही महाराष्ट्र के जेलों में बंद हैं। जबकि उस केस के असली गुनाहगार संभाजी भिंडे और मिलिन्द एकबोटे बाहर हैं। 
महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद केन्द्र सरकार ने इस केस को एनआईए के हाथों में सुपुर्द कर दिया था। 18 माह बाद लम्बी कानूनी प्रक्रिया झेलने के बाद 14 अप्रैल 2020, को गौतम नवलखा और आनन्द तेलतुम्बड़े को एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण करना पड़ा। तब से ही ये दोनों भी जेल में है।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

Elgar case
Anand Teltumbde
Bhima Koregaon Violence

Related Stories

दो साल से कैद आनंद तेलतुंबड़े के जीवन के सबसे मार्मिक पल

मंडल राजनीति को मृत घोषित करने से पहले, सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अंबेडकर की तस्वीरों को याद करें 

एल्गार मामला: अदालत ने स्टेन स्वामी को अस्पताल में रखने की अवधि बढ़ाई

एल्गार मामला : परिजनों ने मुख्यमंत्री से की कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग

एल्गार मामला : यूएपीए लगाए जाने के खिलाफ आरोपी सेन ने उच्च न्यायालय में अपील की

वंचितों के साथ खड़े रहना ही स्टैन स्वामी का अपराध है!

साझा बयान : वरवर राव समेत सभी विचाराधीन लेखकों-मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग

600 से अधिक हस्तियों ने सुधा भारद्वाज, शोमा सेन और अन्य राजनीतिक क़ैदियों की रिहाई की मांग की

PUDR ने तेलतुंबडे व नवलखा की रिहाई की मांग की, जेलों में बंद बुजुर्गों को भी रिहा करने की अपील

गौतम, आनन्द जैसे जनपक्षीय लोगों को जेल!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License