NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
अंतरराष्ट्रीय
कोविड वैक्सीन पर पेटेंट के अधित्याग पर अपनी आपत्ति को खत्म करें, अधिकार संगठनों का अमरीका और यूरोपीय संघ से अनुरोध
पेटेंट अधित्याग से गरीब देशों के लोगों को राहत पहुंचाने वाले टीकों का उत्पादन बढ़ सकता है।
पीपल्स डिस्पैच
22 Apr 2021
कोविड वैक्सीन पर पेटेंट के अधित्याग पर अपनी आपत्ति को खत्म करें, अधिकार संगठनों का अमरीका और यूरोपीय संघ से अनुरोध
चित्र: यूनिकेफ/जेक वरज़ोसा

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर (Médecins Sans Frontières या MSF) सहित कई मानवाधिकार समूहों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों से कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन पर पेटेंट अधिकारों को समाप्त करने की तत्काल अपील की है। विश्व व्यापार संगठन के सदस्य गुरुवार, 22 अप्रैल, को इस सिलसिले में एक ऑनलाइन मीटिंग करेंगे।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व में 100 से अधिक देशों ने व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) के कुछ नियमों या टीकों और अन्य संबंधित चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर पेटेंट से अस्थायी छूट की मांग की है ताकि उनका उत्पादन बढ़ाया जा सके और उनको व्यापक और न्यायसंगत तरह से लोगों तक पहुंचाया जा सके।

संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा समर्थित प्रस्ताव को हालांकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ जैसे अमीर देशों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने तर्क दिया है कि पेटेंट के अधित्याग से "नई रचना" को चोट पहुँचेगी और टीकों के उत्पादन में शामिल बड़ी फार्मा कंपनियों के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा। उनका यह भी दावा है कि यह भविष्य में होने वाली "नवरचना" को हतोत्साहित करेगा।

आलोचकों ने कहा है कि पेटेंट के अधित्याग का "नवाचार" पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अधिकांश कंपनियों को वैक्सीन विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक पूंजी मिली है।

अमीर देशों द्वारा टीकों की जमाखोरी और पेटेंट के कारण वैश्विक स्तर पर उनके उत्पादन पर अंकुश लगने से अधिकांश गरीब देशों को टीके और महत्वपूर्ण चिकित्सा की अपर्याप्त आपूर्ति हो रही है।

इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित एक डब्ल्यूएचओ अध्ययन ने दुनिया भर में टीकाकरण में बढ़ती असमानता की ओर इशारा किया है। आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक उत्तरी देशों में कम से कम हर चौथे व्यक्ति को टीका लग चुका है, जबकि गरीब देशों में यह अनुपात हर 500 में से एक है। डब्ल्यूएचओ का कोवैक्स, जो गरीब देशों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई थी, वो जमाखोरी और कम उत्पादन के कारण अपने लक्ष्य से काफी पीछे है। जहाँ मार्च के अंत तक उसे कम से कम 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति का लक्ष्य था, उसकी जगह उसने अप्रैल के पहले सप्ताह तक इसकी केवल 38 मिलियन खुराक की ही आपूर्ति कर पाई है।

इस हफ्ते की शुरुआत में, प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल ने एक जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित किया था, जिसमें सभी अमेरिकियों के 60% से अधिक ने पेटेंट अधित्याग की मांग का समर्थन किया था और राष्ट्रपति बाइडेन से आपत्तियों को छोड़ने का आग्रह किया था।

COVID-19
Coronavirus
WHO
USA
EU

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे
    28 Apr 2022
    महामारी के भयंकर प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर 100 दिन की 'कोविड ड्यूटी' पूरा करने वाले कर्मचारियों को 'पक्की नौकरी' की बात कही थी। आज के प्रदर्शन में मौजूद सभी कर्मचारियों…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज 3 हज़ार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए 
    28 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,303 नए मामले सामने आए हैं | देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 980 हो गयी है।
  • aaj hi baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    न्यायिक हस्तक्षेप से रुड़की में धर्म संसद रद्द और जिग्नेश मेवानी पर केस दर केस
    28 Apr 2022
    न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान
    28 Apr 2022
    आजकल भारत की राजनीति में तीन ही विषय महत्वपूर्ण हैं, या कहें कि महत्वपूर्ण बना दिए गए हैं- जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र। रात-दिन इन्हीं की चर्चा है, प्राइम टाइम बहस है। इन तीनों पर ही मुकुल सरल ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License