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कोविड वैक्सीन पर पेटेंट के अधित्याग पर अपनी आपत्ति को खत्म करें, अधिकार संगठनों का अमरीका और यूरोपीय संघ से अनुरोध
पेटेंट अधित्याग से गरीब देशों के लोगों को राहत पहुंचाने वाले टीकों का उत्पादन बढ़ सकता है।
पीपल्स डिस्पैच
22 Apr 2021
कोविड वैक्सीन पर पेटेंट के अधित्याग पर अपनी आपत्ति को खत्म करें, अधिकार संगठनों का अमरीका और यूरोपीय संघ से अनुरोध
चित्र: यूनिकेफ/जेक वरज़ोसा

डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर (Médecins Sans Frontières या MSF) सहित कई मानवाधिकार समूहों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों से कोविड-19 वैक्सीन उत्पादन पर पेटेंट अधिकारों को समाप्त करने की तत्काल अपील की है। विश्व व्यापार संगठन के सदस्य गुरुवार, 22 अप्रैल, को इस सिलसिले में एक ऑनलाइन मीटिंग करेंगे।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व में 100 से अधिक देशों ने व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) के कुछ नियमों या टीकों और अन्य संबंधित चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर पेटेंट से अस्थायी छूट की मांग की है ताकि उनका उत्पादन बढ़ाया जा सके और उनको व्यापक और न्यायसंगत तरह से लोगों तक पहुंचाया जा सके।

संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा समर्थित प्रस्ताव को हालांकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीय संघ जैसे अमीर देशों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने तर्क दिया है कि पेटेंट के अधित्याग से "नई रचना" को चोट पहुँचेगी और टीकों के उत्पादन में शामिल बड़ी फार्मा कंपनियों के हितों को भी नुकसान पहुंचेगा। उनका यह भी दावा है कि यह भविष्य में होने वाली "नवरचना" को हतोत्साहित करेगा।

आलोचकों ने कहा है कि पेटेंट के अधित्याग का "नवाचार" पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अधिकांश कंपनियों को वैक्सीन विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक पूंजी मिली है।

अमीर देशों द्वारा टीकों की जमाखोरी और पेटेंट के कारण वैश्विक स्तर पर उनके उत्पादन पर अंकुश लगने से अधिकांश गरीब देशों को टीके और महत्वपूर्ण चिकित्सा की अपर्याप्त आपूर्ति हो रही है।

इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित एक डब्ल्यूएचओ अध्ययन ने दुनिया भर में टीकाकरण में बढ़ती असमानता की ओर इशारा किया है। आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक उत्तरी देशों में कम से कम हर चौथे व्यक्ति को टीका लग चुका है, जबकि गरीब देशों में यह अनुपात हर 500 में से एक है। डब्ल्यूएचओ का कोवैक्स, जो गरीब देशों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई थी, वो जमाखोरी और कम उत्पादन के कारण अपने लक्ष्य से काफी पीछे है। जहाँ मार्च के अंत तक उसे कम से कम 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति का लक्ष्य था, उसकी जगह उसने अप्रैल के पहले सप्ताह तक इसकी केवल 38 मिलियन खुराक की ही आपूर्ति कर पाई है।

इस हफ्ते की शुरुआत में, प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल ने एक जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित किया था, जिसमें सभी अमेरिकियों के 60% से अधिक ने पेटेंट अधित्याग की मांग का समर्थन किया था और राष्ट्रपति बाइडेन से आपत्तियों को छोड़ने का आग्रह किया था।

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