NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फ़ैक्ट चेकः भाजपा उत्तर प्रदेश का प्रधानमंत्री आवास योजना संबंधी दावा ग़लत है
क्या सचमुच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद 40 लाख पक्के घरों का निर्माण किया गया है? क्या 2017 से पहले एक भी घर नहीं बनाया गया? आइए करते हैं पड़ताल
राज कुमार
14 Dec 2021
fact check

बीजेपी उत्तर प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 11 दिसंबर 2021 को एक वीडियो ट्वीट किया गया। जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में बने मकानों के संबंध में दावा किया गया है।

ट्वीट में लिखा है कि “ 2017 से पहले गरीबों के सिर पर नहीं थी छत। 2017 के बाद गरीबों को मिले पक्के आवास। ” वीडियो में दावा किया गया है कि “ 2017 से पहले 18,000 घर मंजूर, नहीं बनाया एक भी गरीब का घर। 2017 के बाद 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण, गरीब को मिली पक्की छत। ”

क्या सचमुच प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद 40 लाख पक्के घरों का निर्माण किया गया है? क्या 2017 से पहले एक भी घर नहीं बनाया गया? इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भी ट्वीट किया है। आइये, अब इन दोनों दावों कि पड़ताल करते हैं।

क्या 2017 से पहले एक भी घर नहीं बनाया गया?

अगर तकनीकी तौर पर देखें तो प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 14 घरों का ही निर्माण कार्य पूरा किया गया है। लेकिन, यहां इस महत्वपूर्ण तथ्य को याद रखें कि 2016 से पहले प्रधानमंत्री आवास योजना नाम की कोई योजना थी ही नहीं। इससे पहले इंदिरा आवास योजना होती थी। प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर About Us सेक्शन में जाकर बिंदू दो को पढ़ें। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि एक अप्रैल 2016 को इंदिरा आवास योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया।

तो अगर हमें 2017 से पहले के आवास संबंधी आंकड़ों को देखना होगा तो प्रधानमंत्री आवास योजना नहीं बल्कि इंदिरा आवास योजना को देखना होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर इंदिरा आवास योजना का भी रिकॉर्ड दर्ज़ है। वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार इंदिरा आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में वर्ष 2014-15 में 2,76,704 वर्ष 2015-16 में 1,59,905 और वर्ष 2016-17 में 4,78,232 घरों का निर्माण किया गया है। इस प्रकार स्पष्ट है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश और उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का दावा कि वर्ष 2017 से पहले एक भी घर का निर्माण नहीं किया गया, ग़लत है।

क्या 2017 के बाद 40 लाख घरों का निर्माण किया गया है?

दावे की सच्चाई को जानने के लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) की साल दर साल रिपोर्टों पर नज़र डालते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनाए गये मकानों का आंकड़ा आप प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट पर इस लिंक पर देख सकते हैं। (आर्काइव लिंक)। वेबसाइट पर वर्ष 2014 से लेकर 22 नवंबर 2021 तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 से लेकर 22 नवंबर 2021 तक उत्तर प्रदेश में 9,71,143 घरों का ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 22,76,214 घरों का ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है। अगर दोनों को मिला भी लें तो भी सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2014 से लेकर अब तक 32,47,357 घरों का ही निर्माण पूरा हुआ है। यानी बीजेपी उत्तर प्रदेश और उप-मुख्यमंत्र डॉ. दिनेश शर्मा द्वारा किया गया 40 लाख घरों का दावा सही नहीं है बल्कि भ्रामक है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। )

फ़ैक्ट चैक: भाजपा द्वारा बुंदेलखंड में घर-घर नल से जल का दावा ग़लत

उत्तर प्रदेश की मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं ठप लेकिन प्रचार पूरा

fact check
Uttar pradesh
BJP
Yogi Adityanath
Narendra modi
Modi False promises
Pradhan Mantri Awas Yojana
Reality of Pradhan Mantri Awas Yojana
BJP Uttar Pradesh

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • brooklyn
    एपी
    ब्रुकलिन में हुई गोलीबारी से जुड़ी वैन मिली : सूत्र
    13 Apr 2022
    गौरतलब है कि गैस मास्क पहने एक बंदूकधारी ने मंगलवार को ब्रुकलिन में एक सबवे ट्रेन में धुआं छोड़ने के बाद कम से कम 10 लोगों को गोली मार दी थी। पुलिस हमलावर और किराये की एक वैन की तलाश में शहर का चप्पा…
  • non veg
    अजय कुमार
    क्या सच में हिंदू धर्म के ख़िलाफ़ है मांसाहार?
    13 Apr 2022
    इतिहास कहता है कि इंसानों के भोजन की शुरुआत मांसाहार से हुई। किसी भी दौर का कोई भी ऐसा होमो सेपियंस नही है, जिसने बिना मांस के खुद को जीवित रखा हो। जब इंसानों ने अनाज, सब्जी और फलों को अपने खाने में…
  • चमन लाल
    'द इम्मोर्टल': भगत सिंह के जीवन और रूढ़ियों से परे उनके विचारों को सामने लाती कला
    13 Apr 2022
    कई कलाकृतियों में भगत सिंह को एक घिसे-पिटे रूप में पेश किया जाता रहा है। लेकिन, एक नयी पेंटिंग इस मशहूर क्रांतिकारी के कई दुर्लभ पहलुओं पर अनूठी रोशनी डालती है।
  • एम.के. भद्रकुमार
    रूस पर बाइडेन के युद्ध की एशियाई दोष रेखाएं
    13 Apr 2022
    यह दोष रेखाएं, कज़ाकिस्तान से म्यांमार तक, सोलोमन द्वीप से कुरील द्वीप समूह तक, उत्तर कोरिया से कंबोडिया तक, चीन से भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान तक नज़र आ रही हैं।
  • ज़ाहिद खान
    बलराज साहनी: 'एक अपरिभाषित किस्म के कम्युनिस्ट'
    13 Apr 2022
    ‘‘अगर भारत में कोई ऐसा कलाकार हुआ है, जो ‘जन कलाकार’ का ख़िताब का हक़दार है, तो वह बलराज साहनी ही हैं। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेहतरीन साल, भारतीय रंगमंच तथा सिनेमा को घनघोर व्यापारिकता के दमघोंटू…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License