NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फ़ैक्ट चेक : संबित ने जर्जर स्कूलों को सपा सरकार का बताया, स्कूल योगी सरकार के निकले
एक बार फिर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर फ़ेक न्यूज़ के ज़रिये विपक्ष पर निशाना साधने की कोशिश की है।
राज कुमार
06 Jan 2022
fact check

भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने 4 जनवरी 2022 को एक ट्वीट किया। जिसमें समाजवादी सरकार के दौरान यानी वर्ष 2017 से पहले के स्कूलों की स्थिति और वर्ष 2017 के बाद यानी योगी सरकार के दौरान के स्कूलों की स्थिति की तस्वीरों के जरिये तुलना की गई है। शीर्षक है “फर्क साफ है”। एक तरफ टूटी-फूटी इमारतों और पानी व कीचड़ से भरे स्कूलों की तस्वीरें है और दूसरी तरफ एक जगमगाता हुआ कमरा दिख रहा है। सवाल उठता है कि क्या ये जर्जर स्कूलों की तस्वीरें 2017 से पहले की हैं? क्या ये जगमगाता हुआ कमरा भाजपा सरकार ने बनवाया है? आखिर ये कमरा है क्या? आइये! पड़ताल शुरु करते हैं।

क्या जर्जर स्कूलों की तस्वीरें सपा शासनकाल की हैं?

ट्वीट किए गये पोस्टर में तीन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। एक तस्वीर के बारे में बहुत ज्यादा खोजबीन नहीं करनी पड़ी। अगर आप उस तस्वीर को ज़ूम करें तो नीचे तस्वीर की तारीख़ देख सकते हैं। जिसके अनुसार ये तस्वीर 8 अगस्त 2018 को क्लिक की गई है।

दूसरी तस्वीर बारे खोजबीन करने पर पता चला कि वो तस्वीर भी 2017 के बाद की है। अमर उजाला ने “जर्जर पाठशालाओं में तराशे जाते हैं देश के भविष्य” शीर्षक से 7 जनवरी 2021 को एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में मुजफ्फरनगर के जर्जर स्कूलों की सूची प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट के अनुसार ज़िले के नौ ब्लॉक के 111 स्कूल जर्जर हालत में है। इस रिपोर्ट के अनुसार दूसरा तस्वीर जफरपुर गांव के जर्जर स्कूली भवन की है और 2017 के बाद की है।

तीसरी तस्वीर भी वर्ष 2017 के बाद की ही है। 17 दिसंबर 2020 को ये फोटो newsadda नाम की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है। तस्वीर पत्रकार चंद्र प्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट में इस्तेमाल हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बीईओ जांच के लिए प्राथमिक विद्यालय करमहिया पड़री हेड़ा में आए तो स्कूल पर ताला लटक रहा था। ये तस्वीर भी 2017 के बाद की ही है।

जगमगाते स्कूली कमरे की सच्चाई

असल में ये एस्ट्रोनॉमी लैब की तस्वीरें हैं। खगोल वैज्ञानिक आर्यन मिश्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट से 30 दिसंबर 2021 को इन तस्वीरों को ट्वीट किया है। एक तस्वीर पर लिखा है कि ये बुलंदशहर का एक सरकारी स्कूल है। दूसरी तस्वीर पर लिखा है कि ग्राम पंचायत सावली में लैब बनने के बाद स्कूल में एक महीने में बारह नये बच्चों ने एडमिशन लिया है। तीसरी तस्वीर पर लिखा है कि महिलाएं विज्ञान के क्षेत्र में आएं, यही इन लैब की प्राथमिकता है। तीनों तस्वीरें बुलंदशहर की है। द हिंदू की 19 जून 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में आर्यन मिश्रा से केंद्र सरकार ने संपर्क किया। 500 प्रयोगशालाएं स्थापित होनी थी लेकिन काम लटका हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार की इन लैब को स्थापित करने में क्या भूमिका है इस बारे स्थिति स्पष्ट नहीं है। आर्यन मिश्रा को इस बारे मेल किया है उनके जवाब का इंतज़ार है।

यह भी पढ़ें : फ़ैक्ट चेकः भाजपा उत्तर प्रदेश का प्रधानमंत्री आवास योजना संबंधी दावा ग़लत है

कौन है आर्यन मिश्रा और स्पार्क एस्ट्रोनॉमी?

आर्यन मिश्रा देश के सबसे कम उम्र के खगोल वैज्ञानिक हैं। उन्होंने अपने साथियों के साथ मात्र चौदह वर्ष की उम्र में दो नये नक्षत्रों की खोज की। आर्यन मिश्रा की कहानी संघर्षों से भरी औप प्रेरणा देने वाली है। आर्यन के पिता अख़बार बेचते थे और मज़दूरी करते थे। बड़े अभाव और चुनौतियों के बीच आर्यन की पढ़ाई हुई। ग़रीबी को करीबी से जानने वाले आर्यन मिश्रा का सपना है कि देश के हर बच्चे को आसमान देखने का मौका मिले, खगोल वैज्ञानिक बनने का मौका मिले। आर्यन मिश्रा ने स्पार्क एस्ट्रोनॉमी नाम से एक स्टार्ट अप भी शुरु किया है। स्पार्क एस्ट्रोनॉमी ना सिर्फ सस्ते दामों पर टेलीस्कोप और अन्य उपकरण आदि मुहैया कराता हैं बल्कि स्कूलों में एस्ट्रोनॉमी लैब खोलने का भी काम करता हैं। लैब स्थापित करने में सरकारी और ग़ैर सरकारी तमाम तरह की संस्थाएं और स्कूल इनको सहयोग करते हैं। नीति आयोग और ऑफिस ऑफ प्रिंसीपल साइंटिफिक एडवाइजर, भारत सरकार जैसी संस्थाएं इनकी सहयोगी हैं।

यह भी पढ़ें : फ़ैक्ट चेकः पुरानी तस्वीरों को यूपी के विकास के प्रमाण के तौर पर पेश कर रही भाजपा

हमने स्पार्क एस्ट्रोनॉमी के निदेशक शिशिरांत से बात की। शिशिरांत ने बताया कि अब तक देश के 11-12 राज्यों में लगभग 150 लैब स्थापित की जा चुकी हैं। इनमें कारगिल और लद्दाख जैसे दुर्गम इलाके भी शामिल हैं। बुलंद शहर में 70-80  लैब बन चुकी हैं वहां 150 लैब बनाने का लक्ष्य है।

शिशिरांत ने बताया कि अभिभावकों, बच्चों, शिक्षकों और समाज से बहुत ही अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। शिशिरांत ने कई किस्से भी सांझा किये कि बच्चे किस तरह लैब से आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों में लैब स्थापित कर रहे हैं। आर्यन मिश्रा और उनकी टीम खगोल विज्ञान को पापुलर करने और बच्चों को इससे रुबरु कराने के लिये काफी प्रतिबद्ध हैं। खगोल विज्ञान काफी महंगा विषय है। हर बच्चा इसे हासिल करने में समर्थ नहीं होता है। इनका उद्देश्य है कि देश के हर बच्चे तक खगोल विज्ञान पहुंचे।

निष्कर्ष

संबित पात्रा के द्वारा जिन जर्जर स्कूलों की तस्वीरों को 2017 से पहले की बताया जा रहा है असल में वे तीनों तस्वीरें 2017 के बाद की हैं। स्कूलों के भवन और कुल मिलाकर स्थिति कि तुलना मात्र एक लैब की अंदरूनी तस्वीरों से की जा रही है। जो सही नहीं है। इन प्रयोगशालाओं के पीछे असल में खगोल वैज्ञानिक आर्यन मिश्रा हैं। कुल मिलाकर संबित पात्रा द्वारा किया गया दावा गलत और भ्रामक है। 

नोटः लैब को स्थापित करने में उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका के बारे में हमने आर्यन को मेल लिखा है। जैसे ही उनका जवाब आएगा हम लेख को अपडेट कर देंगे।

अपडेट: आर्यन मिश्रा का जवाब आया है

हमने 4 जनवरी को आर्यन मिश्रा को मेल लिखा था और पूछा था कि खगोलीय प्रयोगशालाओं को स्थापित करने में किनका सहयोग रहा है? उत्तर प्रदेश सरकार की इसमें क्या भूमिका है? उन्होंने 10 जनवरी को जवाब में हमें लिखा है कि उत्तर प्रदेश, बुलंदशहर के 16 ब्लॉक की 100 ग्राम पंचायतों में ये लैब बनाई गई हैं। इनका निर्माण कार्य अगस्त 2021 में शुरु हुआ था। मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक पांडेय और ज़िला पंचायत राज अधिकारी डॉ. प्रीतम सिंह के मार्गदर्शन में ज़िला प्रशासन ने इन प्रयोगशालाओं को स्थापित करने में सहयोग किया है। आर्यन मिश्रा ने संबित पात्रा के ट्वीट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा है कि जाहिर सी बात है कि राज्य में जो कुछ भी होता है मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही होता है। उन्हें इस काम का श्रेय लेने का पूरा अधिकार है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। वे सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। )

यह भी पढ़ें : फ़ैक्ट चैक: भाजपा द्वारा बुंदेलखंड में घर-घर नल से जल का दावा ग़लत

Uttar pradesh
fact check
Sambit Patra
Yogi Adityanath
UP school
BJP
SP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License