NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फरीदाबाद : आवास के मामले में सैकड़ों मजदूर परिवारों को हाईकोर्ट से मिली राहत
पिछले कुछ सालों में दिल्ली एनसीआर और उसके पास के क्षेत्रों में सरकारों ने बड़ी तेज़ी से मज़दूर बस्तियों को उजाड़ना शुरू किया। ख़ासकर कोरोना काल में सरकार ने बड़े ही चुपचाप तरीके से अपने इस अभियान को चलाया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Apr 2022
high court
Image courtesy : Hindustan Times

शुक्रवार, 8 अप्रैल फरीदाबाद के सैकड़ों परिवारों के लिए राहत की खबर लाया, जब चंडीगढ़ के हाईकोर्ट ने उनके आशियाने के तोड़ने पर फिलहाल रोक लगा दी। पिछले कुछ सालों में दिल्ली एनसीआर और उसके पास के क्षेत्रों में सरकारों ने बड़ी तेज़ी से मज़दूर बस्तियों को उजाड़ना शुरू किया। खासकर कोरोना काल में सरकार ने बड़े ही चुपचाप तरीके से अपने इस अभियान को चलाया है।

ताज़ा मामला फरीदबाद के ऐसी नगर एवं कृष्णा नगर का है। जहाँ लगभग 300 से अधिक मज़दूर परिवार कई सालों से बसे हैं। लेकिन सरकार अब उन्हें वहां से बिना किसी पुनर्वास के हटा रही है। मजदूर आवास संघर्ष समिति के अध्यक्ष निर्मल गोराना ने बताया की 8 अप्रैल 2022 को चंडीगढ़ हाईकोर्ट में ऐसी नगर (127 मजदूर परिवार) एवं कृष्णा नगर (196 मजदूर परिवार) के घर के संबंध में सुनवाई हुई एवं लगभग 1 घंटे के लगभग चली बहस के बाद चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने तत्काल राहत मजदूरों को स्टे देकर प्रदान की।

मामला यह है कि ऐसी नगर के 187 परिवारों एवं कृष्णा नगर के 196 परिवारों को नॉर्दन रेलवे ने घर खाली करने के नोटिस मार्च माह में दिए थे। रेलवे के पास इस जमीन पर किसी भी प्रोजेक्ट की प्लानिंग नही है और ना ही यह जमीन सार्वजनिक हित के उद्देश्य से काम में ली जाएगी। मामला गंभीर होता तब नजर आया जब नगर निगम के अधीनस्थ जमीन पर बने घरों को भी घर खाली करने के नोटिस रेलवे ने भी दे डाले।

निर्मल गोराना ने बताया की मजदूर आवास संघर्ष समिति लगातार रेलवे से जमीन का नक्शा मांग रही है पर रेलवे नक्शा नहीं दे पा रही है और तो और रेलवे के पास कोई कागज नहीं है जिससे जमीन का क्लेम किया जा सके।

सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रेलवे से लिखित में जवाब मांगा है।

इससे पहले 5 अप्रैल 2022 को भी चंडीगढ़ हाईकोर्ट में ऐसी नगर एवं कृष्णा नगर के घर के संबंध में सुनवाई हुई एवं चंडीगढ़ कोर्ट ने उस दिन भी तत्काल राहत मजदूरों को स्टे देकर प्रदान की। अगली सुनवाई कल शुक्रवार को हुई।

वहीं दूसरी तरफ राजीव नगर (76 मजदूर परिवार) के घरों के मामले में भी चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने याचिका समाप्त कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि राजीव नगर ने जिन मजदूर परिवारों को नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ ने नोटिस देते हुए कहा था एक माह के भीतर अपना घर खाली करना पड़ेगा, तो सरकार सुनिश्चित करें कि मजदूरों को दिया जाने वाला घर सुरक्षित हो साथ ही मजदूरों की आजीविका पर किसी भी प्रकार का कोई कुप्रभावना न पड़े यह राज्य सरकार द्वारा तीन माह में सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए याचिकाकर्ता को एक बार पुनः राज्य सरकार को आवेदन प्रस्तुत करना होगा और राज्य सरकार इस आवेदन को रिप्रेजेंटेशन के रूप गंभीरता से ले।

निर्मल गोराना ने अपने एक बयान में बताया था की फरीदाबाद में दिसंबर, 2021 में जस्टिस खानविलकर ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। सबसे पहले इसका क्रियान्वयन संजय नगर बस्ती में हुआ जहां सैकड़ों घर रेलवे प्रशासन ने पुलिस की मदद से तोड़ डाले और विस्थापित परिवारों को खुले आसमान के नीचे बिना किसी पुनर्वास के और आश्रय के राम भरोसे छोड़ दिया गया। फिर इसके बाद रेलवे लगातार टेक बस्तियों को चुन चुन कर नोटिस देती रही इस लपेटे में दयाल नगर, कृष्णा नगर, रामनगर, इंद्रानगर, आजाद नगर, ऐसी नगर जैसे कई इलाके आ गए, जो कि रेलवे लाइन के किनारे बसे हुए हैं। यहां पर हजारों की तादाद में मजदूर परिवार निवास करते हैं। आश्चर्य तो तब हुआ जब रेलवे ने नगर निगम की जमीन पर बसे लोगों को भी आनन फानन में आदेश जारी कर दिए। जबकि हकीकत यह है की केंद्र सरकार रेलवे, डिफेंस एवं संचार विभाग की जमीन अधिग्रहित करके सार्वजनिक हित में कुछ करे इसकी सरकार के पास कोई प्लानिंग नहीं है जबकि यह जमीन बेच दी जाएगी जिसके लिए 5 संस्थाएं सरकार ने बनाई हैं, यह काम करेगी। इनमें से रेलवे की जमीन मजदूरों से हथियाने एवं उसको बड़े मालिको को बेचने का काम नेशनल लैंड मोनिटाइजेशन कॉरपोरेशन द्वारा होगा जो वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करेगा।

मजदूर आवास संघर्ष समिति ने कई बस्तियों के मामले को चंडीगढ़ हाईकोर्ट तक पहुंचाया और पुनर्वास की गुहार लगाई। इंद्रा नगर को स्टे देकर कोर्ट ने राहत प्रदान की थी इसके बाद दयाल नगर को भी स्टे मिला जिस वजह से रेलवे वहां भी तोड़फोड़ नहीं कर पाया। 

Faridabad
Punjab and Haryana High Court
chandigarh
Rehabilitation

Related Stories

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव नतीजों का पंजाब विधानसभा चुनाव पर कितना असर?

लखीमपुर कांड का वीडियो वायरल, फरीदाबाद में मज़दूर बस्ती पर चला बुलडोज़र और अन्य ख़बरें

फरीदाबाद की संजय नगर बस्ती पर रेलवे ने चलाया बुलडोज़र, उजड़ गए बरसों से रह रहे दलित मज़दूर परिवार

हरियाणा: सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद भी रेलवे प्रशासन ने संजय नगर में शुरू की तोड़फोड़

खोरी पुनर्वास संकट: कोर्ट ने कहा एक सप्ताह में निगम खोरीवासियों को अस्थायी रूप से घर आवंटित करे

पुनर्वास की मांग को लेकर खोरी गांव के मज़दूर परिवारो ने जंतर-मंतर पर दिया धरना!

खोरी विध्वंस : पुलिस ने दुबारा लाठीचार्ज किया 

खोरी गांव : पुलिसिया दमन के बीच आज भी जारी रहा तोड़-फोड़, हरियाणा सरकार की पुनर्वास योजना हवा हवाई


बाकी खबरें

  • corona
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में क़रीब 25 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई
    04 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं। जबकि कल 3 मई को कुल 2,568 मामले सामने आए थे।
  • mp
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    सिवनी : 2 आदिवासियों के हत्या में 9 गिरफ़्तार, विपक्ष ने कहा—राजनीतिक दबाव में मुख्य आरोपी अभी तक हैं बाहर
    04 May 2022
    माकपा और कांग्रेस ने इस घटना पर शोक और रोष जाहिर किया है। माकपा ने कहा है कि बजरंग दल के इस आतंक और हत्यारी मुहिम के खिलाफ आदिवासी समुदाय एकजुट होकर विरोध कर रहा है, मगर इसके बाद भी पुलिस मुख्य…
  • hasdev arnay
    सत्यम श्रीवास्तव
    कोर्पोरेट्स द्वारा अपहृत लोकतन्त्र में उम्मीद की किरण बनीं हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं
    04 May 2022
    हसदेव अरण्य की ग्राम सभाएं, लोहिया के शब्दों में ‘निराशा के अंतिम कर्तव्य’ निभा रही हैं। इन्हें ज़रूरत है देशव्यापी समर्थन की और उन तमाम नागरिकों के साथ की जिनका भरोसा अभी भी संविधान और उसमें लिखी…
  • CPI(M) expresses concern over Jodhpur incident, demands strict action from Gehlot government
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जोधपुर की घटना पर माकपा ने जताई चिंता, गहलोत सरकार से सख़्त कार्रवाई की मांग
    04 May 2022
    माकपा के राज्य सचिव अमराराम ने इसे भाजपा-आरएसएस द्वारा साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं अनायास नहीं होती बल्कि इनके पीछे धार्मिक कट्टरपंथी क्षुद्र शरारती तत्वों की…
  • एम. के. भद्रकुमार
    यूक्रेन की स्थिति पर भारत, जर्मनी ने बनाया तालमेल
    04 May 2022
    भारत का विवेक उतना ही स्पष्ट है जितना कि रूस की निंदा करने के प्रति जर्मनी का उत्साह।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License