NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन : किसानों के बाद अब पंजाब के कर्मचारी भी दिल्ली कूच को तैयार!
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों ने दिल्ली के किसान मोर्चे को मजबूत बनाने के लिए तैयारी की है। डेमोक्रेटिक मुलाजम फेडरेशन और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के बैनर तले पंजाब के हजारों कर्मचारियों ने समर्थन देते हुए 11 अप्रैल को दिल्ली रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है। नेताओं ने कहा कि आंदोलन को किसी भी तरह कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Apr 2021
संयुक्त किसान मोर्चा
फाइल फोटो

विवादित कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का आंदोलन आज 133 वें दिन भी जारी है। ये किसान विपरीत परिस्थतियों के बाद भी डटे हुए हैं। लेकिन किसानों के सामने अब बड़ी समस्या यह है कि उनकी फसले खेतों में तैयार हैं, दूसरी तरफ सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांगे माननी तो दूर उनसे बातचीत भी नहीं कर रही है। देशभर में कोरोना महामारी फिर से फैल रही है जिसके बाद किसानों को एक चिंता यह भी है कि कहीं सरकार महामारी को अवसर बनाकर उनके आंदोलन को कुचलने की कोशिश न करे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि सरकार को किसान आंदोलन के साथ उस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए जैसा कि पिछले साल दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान किया गया था।

टिकैत ने कहा कि प्रदर्शनकारी घर तभी लौटेंगे, जब नए कृषि कानून वापस ले लिए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि आंदोलनरत किसान कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करेंगे और जरूरत पड़ने पर 2023 तक आंदोलन जारी रहेगा।

टिकैत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्र के नए कृषि किसानों से किसानों को केवल नुकसान ही होगा।

किसानों ने सरकार से साफतौर पर कहा वो बिजली संशोधन विधेयक, 2020 को कानून में बदलने का विचार न करे। ऐसा करना वादे का उल्लंघन होगा क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने किसान-नेताओं को आश्वासन दिया था कि इस बिल को रद्द कर दिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों ने दिल्ली के किसान मोर्चे को मजबूत बनाने के लिए तैयारी की है। डेमोक्रेटिक मुलाजम फेडरेशन और पंजाब सबऑर्डिनेट सर्विस फेडरेशन के बैनर तले पंजाब के हजारों कर्मचारियों ने समर्थन देते हुए 11 अप्रैल को दिल्ली रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है। नेताओं ने कहा कि आंदोलन को किसी भी तरह कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।

एसकेएम ने अपने बयान में कहा मंगलवार रात आये तेज तूफान और हल्की बारिश ने किसानों को एक निराशा की स्थिति में छोड़ दिया है क्योंकि अपने बच्चों की तरह पाली हुई गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार है और कुछ दिनों में कटाई शुरू हो जाती है। किसानों ने कहा कि तेज हवाओं के कारण फसल खेतों में बिखर गई है और तूफान ने किसानों की उम्मीदों को धराशायी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि तेज हवाओं के कारण फसलें खेतों में बिखर गईं और कुछ समय बाद हल्की बारिश भी हुई जिससे पैदावार प्रभावित होगी।

एसकेएम  ने बीज की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर  सरकार की आलोचना करते हुए कहा केंद्र सरकार की चुपचाप बीटी कॉटन के बीज की कीमत में बढ़ोतरी की भी किसान नेताओं ने कड़ी निंदा की है। 37 ₹ प्रति पैकेट कीमतें बढ़ाकर किसानों पर एक और हमला किया है। किसानों ने कहा कि इससे केवल पंजाब के ही किसानों पर 14 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल यह पैकेट 730 ₹ में तय किया गया था और अब 767 ₹ में पैकेट की आपूर्ति शुरू की गई है जो कि कपास के किसानों को प्रभावित करेगी।

लगातार सातवें महीने भी पूरे पंजाब में पक्के धरने जारी रहे। पंजाब के 32 किसान संगठन, जो कि संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, 68 स्थानों पर दिन-रात धरना दे रहे हैं, जिनमें भाजपा नेताओं के घरों के सामने, टोल प्लाज़ा, रेलवे स्टेशन पार्क और अंबानी अडानी का व्यावसायिक परिसर शामिल है।

हरियाणा के किसान संगठन भाजपा व जजपा के नेताओं का लगातार विरोध कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि जब तक किसान आंदोलन चल रहा है वे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में न जाएं। भाजपा के ओमप्रकाश धनखड़, नायब सैनी व अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट डालने वाले विधायक गोपाल कांडा का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा कार्रवाई करने के बाद प्रस्ताव पास किये गये हैं। किसान मोर्चा सभी किसानों से अपील करता है कि शांतमयी रहते हुए भाजपा व जजपा नेताओं का सामाजिक बहिष्कार जारी रखें।

किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा भाजपा जानबूझकर माहौल ख़राब कर रही है, जानबूझकर सार्वजनिक कार्यक्रम कर रही है जिससे लोग उसका विरोध करें।

किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की एक सदस्य ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। हम साथ ही अन्य नेताओं से अपील करते हैं कि वे भी अपने पदों से इस्तीफा देकर किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखाएं।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

farmers protest
Farm Bills
punjab
Employees of punjab
Delhi CHALO
MSP
Kisan Ekta Morcha
Samyukt Kisan Morcha

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?

28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, पंजाब, यूपी, बिहार-झारखंड में प्रचार-प्रसार 

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License