NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रनगर में 'ऐतिहासिक' महापंचायत के लिए प्रचार, 2 लाख से अधिक किसान लेंगे भाग
किसान नेता 5 सितंबर को होने वाली इस रैली में क़रीब दो लाख किसानों के शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं। इस रैली के लिए अभियान का नेतृत्व बीकेयू कर रहा है।
अब्दुल अलीम जाफ़री
26 Aug 2021
मुज़फ़्फ़रनगर में 'ऐतिहासिक' महापंचायत के लिए प्रचार, 2 लाख से अधिक किसान लेंगे भाग

लखनऊ: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर 5 सितंबर को 'किसान महापंचायत' होने जा रही है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में युद्धस्तर पर इसकी तैयारियां चल रही हैं।

इसकी तैयारियों को लेकर आयोजकों ने भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर लगाए हैं। टिकैत जिले के किसानों का एक जाना-माना चेहरा हैं।

महापंचायत के लिए अभियान

किसानों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभियान शुरू किया है। इस अभियान में वे गांवों का दौरा कर रहे हैं और घर-घर जाकर लोगों से राष्ट्रीय स्तर पर रैली में शामिल होने के लिए कह रहे हैं। कई बैठकें हो रही हैं और मुद्दे को उजागर करने और दूरदराज के इलाकों में लोगों को बताने के लिए मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से लगातार घोषणाएं की जा रही हैं कि ये कृषि कानून किसान समाज को कैसे नुकसान पहुंचाएंगे।

किसानों से ट्रैक्टर लेकर जीआईसी मैदान पहुंचने की अपील करते हुए बीकेयू के प्रमुख नरेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को होने वाली रैली किसानों की महापंचायत नहीं बल्कि किसानों का धर्मयुद्ध है। उन्होंने विभिन्न गुटों के बीकेयू समर्थकों से अपने मतभेदों को दूर रखने और इस महापंचायत की भव्य सफलता सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।

नरेश टिकैत ने बीकेयू के युवा विंग के अध्यक्ष और अपने बेटे गौरव टिकैत और अन्य जिला स्तर के नेताओं के साथ बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल होने के लिए लोगों को जुटाने के लिए गांवों में बैठकें और पंचायतें की हैं। गांवों में प्रभाव रखने वाले कई प्रमुख खाप नेता भी इस अभियान में शामिल हुए।

बीकेयू के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने न्यूजक्लिक को बताया, "मुजफ्फरनगर इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहा है, इसलिए लोगों पर बहुत जिम्मेदारी है क्योंकि यह महापंचायत इतिहास की सबसे बड़ी रैली होने जा रही है। हर गांव से एक लंगर होगा और बालियान खाप, मलिक खाप, देश खाप, गढ़वाला खाप और अन्य द्वारा जिम्मेदारी ली गई है जो हरियाणा, पंजाब, बिहार, राजस्थान, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल सहित देश भर से आने वाले लाखों किसानों के लिए भोजन का प्रबंध करेंगे। बीकेयू के कार्यकर्ता पानी और चाय परोसेंगे।" 

उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक रैली में लगभग दो लाख किसान शामिल होंगे, लेकिन ये संख्या इस अनुमान से अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस रैली में भविष्य के संघर्षों और विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम और रोड मैप पर चर्चा की जाएगी।

बीकेयू के पूर्व मुजफ्फरनगर जिला अध्यक्ष राजू अहलावत ने कहा कि इस क्षेत्र के हर गांव में लोग और खाप नेता इस महापंचायत को समर्थन दे रहे हैं और इसमें शामिल होने वाले किसानों को भोजन मुहैया कराने के लिए जीआईसी मैदान में सामुदायिक रसोई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक सभा होगी।

‘ऐतिहासिक' रैली की उम्मीद

मुजफ्फरनगर के सरनावली गांव में मंगलवार को गठवाला खाप की सभा में नरेश टिकैत ने आगामी महापंचायत को किसानों का धर्मयुद्ध बताया। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक मतभेदों के चलते जो लोग इस महापंचायत में शामिल होना नहीं चाहते हैं तो इतिहास में उनका नाम बुरे लोगों में दर्जा होगा क्योंकि यह 5 सितंबर को इतिहास रचने जा रही है।’

खाप के लगभग दर्जनों क्षेत्रीय प्रमुखों ने इस पंचायत में भाग लिया और अपना समर्थन दिया। टिकैत ने धन्यवाद प्रस्ताव में खापों की सराहना की और कहा कि वे हमेशा किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, "हमारी भूमि हमारी मां है और यह किसानों की पहचान है। अगर वे अब नहीं खड़े हुए तो भूमि से वंचित होने पर वे अपनी पहचान खो देंगे।"

किसान नेताओं ने कहा कि राकेश टिकैत के आंसुओं ने पश्चिम यूपी के हजारों किसानों का समर्थन हासिल किया और जनवरी में मुजफ्फरनगर में पहली महापंचायत को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि यह आगामी कार्यक्रम न केवल उस रिकॉर्ड को तोड़ देगा बल्कि यह आने वाले दिनों में किसानों का भविष्य तय करेगा।

इस दौरान युवा संगीत के माध्यम से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़ेंगे। गौरव टिकैत ने न्यूज़क्लिक को बताया, "स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी, 'पगड़ी संभल जट्टा' जैसे राजनीतिक अवज्ञा के क्रांतिकारी गीत युवाओं से जुड़ने के लिए विरोध के गीत बन गए थे। इस बार भी, संगीत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Farmers Campaigning on War Footing for ‘Historic’ Mahapanchayat in Muzaffarnagar

Muzaffarnagar Mahapanchayat
BKU
SKM
Kisan Mahapanchayat
Naresh Tikait
rakesh tikait
Uttar pradesh
farmers' protest

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    जेएनयू में फिर हिंसा: एबीवीपी पर नॉनवेज के नाम पर छात्रों और मेस कर्मचारियों पर हमले का आरोप
    11 Apr 2022
    जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा, “घृणा और विभाजनकारी एजेंडे की अपनी राजनीति का पूर्ण प्रदर्शन करते हुए एबीवीपी के गुंडों ने कावेरी छात्रावास में हिंसक माहौल बनाया है। वे मेस कमेटी को रात के खाने…
  • लाल बहादुर सिंह
    JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई
    11 Apr 2022
    जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र खाने के लिए नहीं, सांस्कृतिक विविधता के अनुरूप नागरिकों की जीने की आज़ादी और राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
  • अभिवाद
    सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव
    11 Apr 2022
    23वीं पार्टी कांग्रेस ने केरल से केंद्रीय समिति सदस्य एम सी जोसेफिन की मृत्यु पर भी गहरा शोक व्यक्त किया है, जिनकी कांग्रेस में भाग लेने के दौरान हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।
  • एम. के. भद्रकुमार
    यमन में ईरान समर्थित हूती विजेता
    11 Apr 2022
    माना जाता है कि हूती आज से सात साल पहले के मुक़ाबले तेहरान के कहीं ज़्यादा क़रीब है। ऐसे में इस बात की ज़रूरत है कि अमेरिका ईरान से बातचीत करे।
  • भाषा
    हिंदुत्व एजेंडे से उत्पन्न चुनौती का मुकाबला करने को तैयार है वाम: येचुरी
    11 Apr 2022
    सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए येचुरी ने सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने और माकपा की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि करने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने केंद्र में भाजपा व उसकी सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License