NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसानों का राष्ट्रपति के नाम ‘रोषपत्र’
“हम भारत के किसान बहुत दुख और रोष के साथ अपने देश के मुखिया को यह चिट्ठी लिख रहे हैं...”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Jun 2021
किसानों का राष्ट्रपति के नाम ‘रोषपत्र’

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज 26 जून पूरे देश में "खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ" #SaveFarming_SaveDemocracy दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस मौके पर किसान पूरे देश मे राजभवनों पर प्रदर्शन कर राज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति को रोषपत्र भेज रहे हैं। आइए जानते हैं कि इस रोषपत्र में क्या कहा गया है-

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी इस रोषपत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित करते हुए कहा गया है कि “हम भारत के किसान बहुत दुख और रोष के साथ अपने देश के मुखिया को यह चिट्ठी लिख रहे हैं। आज 26 जून को अपने मोर्चे को सात महीने पूरे होने पर खेती बचाने और इमरजेंसी दिवस पर लोकतंत्र को बचाने की दोहरी चुनौती को सामने रखते हुए हर प्रदेश से हम यह रोषपत्र आप तक पहुंचा रहे हैं...”।

पत्र में केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीन क़ानूनों को काले क़ानून बताते हुए कहा गया है, “आपकी मोहर से चलने वाली भारत सरकार ने हमें दिए तीन काले कानून जो हमारी नस्लों को बर्बाद कर देंगे, जो खेती को हमारे हाथ से छीनकर कंपनियों की मुट्ठी में सौंप देंगे...”।

किसानों ने राष्ट्रपति से कहा है कि “ आप जानते हैं कि हम सरकार से दान नहीं मांगते, बस अपनी मेहनत का सही दाम मांगते हैं”।

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि “पिछले सात महीने में भारत सरकार ने किसान आंदोलन तोड़ने के लिए लोकतंत्र की हर मर्यादा की धज्जियां उड़ाई हैं…। हमारे 500 से ज़्यादा साथी इस आंदोलन में शहीद हो गए। आप ने सबकुछ देखा सुना होगा, मगर आप चुप रहे”।

पत्र में राष्ट्रपति से अपील की गई है कि “ आप केंद्र सरकार को यह निर्देश दें कि वह किसानों की इन न्यायसंगत मांगों को तुरंत स्वीकार करे, तीनों किसान विरोधी कानूनों को रद्द करे और एमएसपी (सी2+50%) पर खरीद की कानूनी गारंटी दे”।

farmers protest
Farm Bills
Save Democracy
Save Agriculture-Save Democracy
Samyukt Kisan Morcha
#SaveFarming_SaveDemocracy
Ram Nath Kovind

Related Stories

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License